- 27 अग॰ 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- राजनीति
किसान आंदोलन पर कंगना रनौत की टिप्पणी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हाल ही में अपनी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा किए गए विवादास्पद बयानों से दूरी बना ली है। कंगना ने किसान आंदोलन से जुड़े कुछ बयान दिए थे, जिनका पार्टी ने आज्ञा नहीं दी थी और न ही वे पार्टी की नीति से मेल खाते हैं। यह बयान उन्होंने अपनी आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' के प्रमोशन के दौरान दिए थे।
कंगना रनौत ने कहा था कि किसान आंदोलन में 'बांग्लादेश जैसी अराजकता' की स्थिति पैदा हो सकती थी, अगर मोदी सरकार का मजबूत नेतृत्व नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि 'बाहर की ताकतें अंदर वालों की सहायता से हमें नष्ट करने की योजना बना रही थीं' और प्रदर्शन के दौरान 'लाशें लटक रहीं थीं और रेप हो रहे थे'। उनके इन बयानों ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया था और पार्टी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।
पार्टी की प्रतिक्रिया और दिशा-निर्देश
बीजेपी ने इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए कंगना के बयानों से असहमति जताई। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट किया कि कंगना की टिप्पणियां पार्टी की आधिकारिक नीति को नहीं दर्शाती हैं। वे केवल अपने विचार व्यक्त कर रही थीं और पार्टी ने उन्हें भविष्य में इस तरह के बयान देने से मना किया है।
बीजेपी ने अपनी नीति को लेकर कहा कि पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास' की मूलभूत सिद्धांतों का पालन करती है। पार्टी ने सामाजिक समरसता और एकता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति पार्टी की आधिकारिक नीति पर बयान देने का हकदार नहीं है, जब तक कि उसे उसकी अनुमति न हो। पार्टी नेतृत्व ने कंगना को निर्देश दिया कि वे इस तरह के किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक टिप्पणी न करें।
कंगना पर उठे विवाद और धमकियां
कंगना के इन बयानों के बाद उन्हें व्यापक आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक गुटों ने उनकी टिप्पणियों की तीखी निन्दा की और उन्हें कई धमकियां भी मिलीं। इनमें जान से मारने और शारीरिक हानि की धमकियां भी शामिल थीं।
बावजूद इसके, कंगना ने अपने बयान पर डटी रहने की कोशिश की और कुछ समय तक उनके सोशल मीडिया पोस्ट भी इसी विवाद की वजह बने रहे। हालांकि, पार्टी के दिशा-निर्देशों और बढ़ती आलोचनाओं के चलते उन्होंने अपने बयानों में कुछ हद तक नरमी दिखाई।
प्रमोशन के दौरान का माहौल
कंगना रनौत अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' के प्रमोशन के दौरान इन विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में आईं। यह फिल्म भारत में 1975 में लगी आपातकाल की स्थिति पर आधारित है और इसमें उनके द्वारा निभाया गया किरदार भी विवादित ही है।
इस प्रमोशन के दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन पर अपनी राय व्यक्त की, जिसने उन्हें एक नए विवाद में डाल दिया। इसके बाद, मीडिया और सियासी हलकों में कंगना की टिप्पणियों को लेकर बहुत सी चर्चाएं हुईं।
हमारे समाज में समरसता की आवश्यकता
आज के दौर में समाज में समरसता और एकता की आवश्यकता है। आज जब किसानों ने अपनी समस्याओं को सामने रखकर आंदोलन किया, तब सभी पक्षों को धैर्य और संयम के साथ मामले को सुलझाने की जरूरत थी। ऐसे में किसी भी प्रकार की उत्तेजक टिप्पणियां समाज में टकराव की स्थिति पैदा कर सकती हैं।
कंगना रनौत जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व को यह समझना होगा कि उनके बयानों का जनता पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए उन्हें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।
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