- 26 जुल॰ 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- राजनीति
लोकसभा में हुआ हंगामा
25 जुलाई 2024 का दिन भारतीय संसद के इतिहास में एक द्रष्टव्य दिन के रूप में याद किया जाएगा। इस दिन लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। यह विकट स्थिति उत्पन्न हुई जब पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी तथा खाद्य प्रसंस्करण और रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया।
केंद्रीय बजट पर चर्चा
लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा जारी थी। इस दौरान चन्नी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि देश में 'अघोषित आपातकाल' की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। उन्होंने सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में कोई ठोस प्रगति न होने का हवाला दिया और आरोप लगाया कि विपक्ष के नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। चन्नी ने किसानों और महिला खिलाड़ियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की बात भी उठाई।
व्यक्तिगत टिप्पणियों का दौर
चन्नी की टिप्पणियों के बाद, रवनीत सिंह बिट्टू ने भी अपनी बात रखी। बिट्टू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियाँ कीं, जिन्हें बाद में स्पीकर द्वारा सदन के रिकॉर्ड से हटाया गया। बिट्टू ने धारा 377 के अंतर्गत जेल में बंद खदूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह का जिक्र भी किया। उन्होंने चन्नी पर 'देशविरोधी' बयानबाजी का आरोप लगाया।
दूसरी तरफ से भी प्रतिरोध
वाकयुद्ध के दौरान कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग वेल ऑफ द हाउस में जाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें राहुल गांधी ने रोका। वहीं, संसदीय कार्यवाही ठप हो गयी जब बिट्टू भी वेल की ओर बढ़े। इससे सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
संसद का पुनर्गठन और दुर्भावना की समाप्ति
संसद के पुनर्गठन के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पीकर से अनुरोध किया कि वे सभी अपार्लियामेंटरी आंकड़े को रिकॉर्ड से हटा दें। लेकिन, हंगामा थमता नहीं दिख रहा था और कार्यवाही को पुनः दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
बिट्टू की सफाई
सत्र के बाद एक इंटरव्यू में बिट्टू ने चन्नी पर 'देशविरोधी' व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के अंतर्गत जो लोग देश और पंजाब को बांटने की कोशिश कर रहे थे, उन्हीं पर कार्रवाई की गई थी। बिट्टू ने जोर देकर कहा कि NSA किसानों पर नहीं, बल्कि देश की अखंडता को प्रभावित करने वालों पर ही लगाया जाता है।
अन्य कई सांसदों ने भी इस बहस में हिस्सा लिया। तृणमूल कांग्रेस के सागत रॉय और कांग्रेस के हिबी इडेन ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें मौलिक विचारों की कमी है और यह विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहा है।
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