- 24 जुल॰ 2024
- Himanshu Kumar
- 17
डेडपूल और वूल्वरिन: रेड कार्पेट वर्ल्ड प्रीमियर की प्रमुख झलकियां
22 जुलाई, 2024 को न्यूयॉर्क सिटी के प्रसिद्ध रेड कार्पेट पर 'डेडपूल और वूल्वरिन' का वर्ल्ड प्रीमियर आयोजित किया गया। इस बहुप्रतीक्षित फिल्म के प्रीमियर में हॉलीवुड के प्रमुख सितारों और सेलेब्रिटीज ने शिरकत की।
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस मौके पर सबसे अधिक ध्यान खींचने वाले सितारे थे रयान रेनॉल्ड्स और ह्यू जैकमैन, जो अपनी अद्वितीय भूमिकाओं के लिए मशहूर हैं। रयान रेनॉल्ड्स ने जहां डेडपूल का करैक्टर निभाया है, वहीं ह्यू जैकमैन ने एक बार फिर वूल्वरिन की भूमिका निभाई है। उनके साथ फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री एम्मा कोरिन भी मौजूद थीं, जिन्होंने फिल्म में कासांद्रा नोवा का किरदार निभाया है।
रेनॉल्ड्स के साथ उनकी पत्नी ब्लेक लाइवली भी रेड कार्पेट पर नजर आईं, जिन्होंने अपनी पोशाक से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। सुपरमॉडल गीगी हदीद भी इस मौके पर मौजूद थीं। उन्होंने अपने पहनावे से डेडपूल और वूल्वरिन के किरदारों को सजीव कर दिया था।
फिल्म के अन्य सितारे
इवेंट में फिल्म के निर्देशक शॉन लेवी भी शामिल थे। इसके अलावा, एक्टर आरोन स्टैनफोर्ड, जिन्होंने पाइरो का किरदार निभाया है, अपनी उपस्थिति के कारण चर्चा में रहे। डैफ्ने कीन, जिन्होंने फिल्म में लौरा यानि X-23 का रोल प्ले किया है, भी इवेंट में दिखीं।
लेस्ली यूग्गम्स, जो ब्लाइंड अल का किरदार निभाती हैं, और ब्रीआना हिल्डेब्रैंड, जिन्होंने नेगासोनिक टीनेज वॉरहेड का रोल किया है, दोनों ही उपस्थित थीं। इनके साथ मोरेना बैकारिन, जिन्होंने वनेसा की भूमिका निभाई है, भी जश्न का हिस्सा बनीं।
फिल्म में म्यूजिक का जादू
इस खास मौके पर सुपरस्टार मैडोना भी मौजूद थीं। खास बात यह है कि उनकी लोकप्रिय गाना 'लाइक ए प्रेयर' फिल्म के ट्रेलर में इस्तेमाल किया गया है। उनकी उपस्थिति ने इवेंट की रौनक और भी बढ़ा दी।
फिल्म का प्रीमियर न केवल अपने स्टार कास्ट के लिए चर्चित रहा, बल्कि इसमें शामिल सेलिब्रिटी गेस्ट्स और उनके अद्वितीय परिधानों ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया।
रेनॉल्ड्स और जैकमैन की कॉमिक केमिस्ट्री
रयान रेनॉल्ड्स और ह्यू जैकमैन की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने हमेशा फैंस को उत्साहित किया है। दोनों अभिनेताओं के बीच खास दोस्ती और कॉमिक टाइमिंग ने इस फ्रेंचाइजी को एक अलग पहचान दिलाई है। ऐक्शन और कॉमेडी का अद्वितीय मिश्रण दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ने वाला है।
इस फिल्म में एम्मा कोरिन द्वारा निभाया गया कासांद्रा नोवा का किरदार भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह पहला मौका है जब वह इस फ्रेंचाइजी में नजर आएंगी। कासांद्रा नोवा के किरदार के माध्यम से दर्शकों को एक नया अनुभव मिलेगा।
फिल्म की कहानी और निर्देशन
फिल्म का निर्देशन शॉन लेवी ने किया है, जिन्होंने पहले भी कई हिट फिल्मों का निर्देशन किया है। कहानी की जड़ें बखूबी तरीके से बुनी गई हैं और हर किरदार को गहराई से प्रस्तुत किया गया है। रेनॉल्ड्स के डेडपूल और जैकमैन के वूल्वरिन का तालमेल फिल्म की कहानी को और भी यादगार बनाने वाला है।
फिल्म के प्लॉट से जुड़े कई अहम पहलू हैं, जिनपर लोगों की नजरें होंगी। डेडपूल और वूल्वरिन के किरदारों को लेकर फैंस के बीच काफी उत्सुकता है, और इस फिल्म के माध्यम से उन्हें कुछ नया और रोमांचक देखने को मिलेगा।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और प्रत्याशा
फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर एक विशाल सफलता थी, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नाम शामिल हुए। लोगों की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक रही और सभी ने रेनॉल्ड्स और जैकमैन के अभिनय की खूब सराहना की।
फिल्म की रिलीज को लेकर फैंस के बीच भारी उत्साह देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर भी फिल्म से जुड़ी पोस्ट और प्रतिक्रियाओं की भरमार है, जिससे यह साफ है कि 'डेडपूल और वूल्वरिन' एक बड़ी हिट साबित होने वाली है।
आगामी हफ्तों में फिल्म के बॉक्स-ऑफिस पर धमाल मचाने की पूरी संभावना है। फैंस को इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना फिल्म निर्माताओं की बड़ी चुनौती होगी।
17 टिप्पणि
वर्ल्ड प्रीमियर का रेड कार्पेट न केवल चमकदार था, बल्कि हमारे देश की फ़िल्म निर्माण कला के लिए भी एक प्रेरणा बन गया। भारतीय दर्शकों ने इस ग्लैमरस इवेंट को सोशल मीडिया पर जोश से दिला दिया, और हम सभी को गर्व महसूस हुआ। इस तरह के बड़े अंतरराष्ट्रीय इवेंट में हमारे कलाकारों की उपस्थिति एक सांस्कृतिक पुल का काम करती है। डेडपूल और वूल्वरिन के फैंसेस के लिये यह एक महाकाव्य नई शुरुआत है, क्योंकि हम देखते हैं कैसे हॉलीवुड और भारतीय शैली एक साथ मिलती है! इस उत्सव को देखकर मन में अद्भुत उत्साह और गर्व दोनों छलक रहा है।
सबसे पहली बात तो यह है कि हमारे देश में इस तरह के बड़े इवेंट को देखकर हमें अपनी सीमाओं का विस्तार महसूस होता है। रेड कार्पेट पर कई इंडिया के प्रतिनिधियों ने अपने परिधान से सबको चकित कर दिया, और यह बात सबको पता चलनी चाहिए। हमें गर्व है कि हम Hollywood के साथ इस मंच पर खड़े हैं, और यह एक मजबूत संकेत है कि भारतीय प्रतिभा भी विश्व स्तर पर मान्य है। इस इवेंट ने यह साबित किया कि हमें अपने भीतर की क्षमताओं को कम नहीं आंकना चाहिए, बल्कि उसे पूरी ताकत से दिखाना चाहिए। हमारी संस्कृति और परंपराएं इस ग्लैमर में एक नई पहचान पाती हैं, और यह सब देख कर दिल खुश हो जाता है। इसके अलावा, यह देखना रोमांचक था कि कैसे हमारे डिज़ाइनर और स्टाइलिस्ट ने पश्चिमी फ़ैशन को भारतीय वैभव के साथ मिलाया। इस मिलन से एक नया फ्यूचरिस्टिक अंदाज़ उत्पन्न हुआ, जो भविष्य में और भी बड़े इवेंट्स में दिखेगा। इस तरह की इंटरनेशनल धारा में हमारा योगदान निश्चित ही इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन जाएगा। आखिरकार, जब हमारे कलाकार और सेलेब्रिटीज़ इस मंच पर होते हैं, तो पूरी दुनिया को हमारी शक्ति और भारतीयता का एहसास हो जाता है।
वास्तव में, ये रेड कॉरपेट इवेंट बहुत ही शानदार था, लेकिन कुछ बातों पर थोड़ा और ध्यान देना चाहिए था - जैसे कि ट्रांसपोर्टेशन के लिए ग्रीन एरिया की व्यवस्था, वेटिंग एरिया में स्नैक्स के विकल्प, और साथ ही, साउंड सिस्टम की क्वालिटी!! ये छोटे-छोटे डिटेल्स बहुत मायने रखते हैं, और अगर इन्हें सुधारा जाए तो इवेंट और भी मज़ेदार बन सकता है। हा, और हाँ, कैमरा फ्लैश की मात्रा थोड़ी कम रखी जा सकती थी, क्योंकि बहुत ज़्यादा ब्लिंक्स से कुछ लोगों को असहजता हुई। कुल मिलाकर, एक बहुत ही यादगार शाम रही, फिर भी सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है।
बहुत ही शानदार इवेंट था! 🌟 डेडपूल और वूल्वरिन दोनों की ऊर्जा ने मंच को मात्र नहीं, बल्कि हमारे दिलों को भी छू लिया। इस तरह के बड़े आयोजन में भारतीय दर्शकों का उत्साह और आशावाद स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। यह हमें सिखाता है कि चाहे कहीं भी हों, हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमेशा हमारे साथ रहती है। इस रात को कभी नहीं भूलेंगे! 😊
डेडपूल वूल्वरिन फिर एक बार धमाल मचा देंगे।
जैकोनोन बौधिक विश्लेषण के अनुसार, इस प्रीमियर में दिखाया गया ग्लैमर केवल सतही आकर्षण है, असली मस्तिष्कीय मूल्य तो फिल्म की कथा में छुपा हुआ है। यदि हम गहराई में जाएँ तो देखेंगे कि शॉन लेवी का निर्देशन कुछ हद तक बोरिंग फैशन पर केन्द्रित है, जिससे दर्शकों की बौद्धिक उत्तेजना घटती है। फैंसी ड्रेस और वीवीआईपी सेक्शन पर बहुत अधिक फोकस किया गया, जबकि वास्तविक कहानी की जटिलता को नजरअंदाज किया गया। यह इवेंट एक बड़े पैमाने पर सेंसरी डिस्ट्रीब्यूशन मशीन की तरह है, जो वास्तविक कला को धुंधला कर देती है।
सभी की राय का सम्मान करते हुए, हमें यह याद रखना चाहिए कि हर इवेंट में सकारात्मक पहलू होते हैं, और इस प्रीमियर में भारत की सहभागिता एक महान कदम है। आशा है भविष्य में और अधिक समावेशी और विविधता वाला मंच मिलेगा।
डेडपूल और वूल्वरिन के इस प्रीमियर में दिखाए गए स्टाइल और अद्भुत परफॉर्मेंस ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मैं व्यक्तिगत रूप से इस फ़िल्म की कहानी, लेखन और निर्देशन को लेकर बहुत उत्साहित हूँ। यदि आप भी फ़िलिंग्स में यह जज्बा महसूस कर रहे हैं, तो मैं सुझाव दूँगा कि आप इस फ़िल्म को जल्द से जल्द देखें। साथ ही, इस इवेंट में भारत की उपस्थिति ने एक नया गौरव जोड़ दिया है।
आपका उत्साह सराहनीय है, लेकिन यह भी देखना आवश्यक है कि फिल्म की तकनीकी पक्ष कितनी मजबूत है। यदि अभिनय और कहानी दोनों समान रूप से संतुलित हों तो ही यह फ़िल्म एक क्लासिक बन सकती है। इसके लिए निर्देशक को भी अपने दृष्टिकोण को और स्पष्ट रूप से पेश करना चाहिए।
इवेंट का जूँडिस बहुत प्रोफेशनल था, फोकस सही था। #RedCarpetVibes 😎
वाह! यह देख कर बहुत ऊर्जा मिलती है! 🎉 हमें अपने सपनों को बड़े स्क्रीन पर देखना चाहिए, और इस इवेंट ने हमें यह दिखा दिया कि कुछ भी असंभव नहीं। चलिए, इस उत्साह को अपना बनाते हैं और आगे भी ऐसे प्रोजेक्ट्स का समर्थन करते रहें! 😊
सच बोलूं तो, ये सब बस दिखावे का हिस्सा है। असली काम तो कहानी में नहीं है, और यह बहुत ही निराशाजनक है। अगर फिल्म में थोड़ा भी नैरेटिव इंटेलिजेंस हो तो बेहतर होता। पर नहीं, सिर्फ़ ग्लैम और सेलिब्रिटी पर फोकस है।
आह, यहाँ पर हमें एक गहन दार्शनिक विश्लेषण की आवश्यकता है! इस प्रीमियर के पीछे की सिम्बॉलिक मशीनरी को समझना चाहिए, ताकि हम देख सकें कि कैसे पोस्टमॉडर्न नरेटिव इंटरेक्शन फिल्म के कोर को पुनः परिभाषित करता है। यह केवल एक इवेंट नहीं, बल्कि एक इकोसिस्टम है जो दर्शकों की इंटेलेक्चुअल पर्सेप्शन को एन्हांस करता है।
डेडपूल वूल्वरिन का प्रीमियर बहुत दिलचस्प था मैं इस पर और पढ़ना चाहूँगा
मेरे हिसाब से ये इवेंट बिल्कुल बेकार था, कोई असली सेंस नहीं हुआ, बस सितारों का शो दिखा रहे थे। सच में, दिल टूट गया। 😢
ऐसी बड़ी फिल्म के बारे में फैंसी ड्रेस और ग्लैमर पर इतना ज़ोर देना ठीक नहीं, असली ज़िम्मेदारी कहानी और नैतिकता को सही ढंग से प्रस्तुत करने की होती है। हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि दर्शकों को क्या संदेश मिलता है।
अगर आप सोचते हैं कि यह इवेंट केवल एक साधारण शो था, तो आप बड़ी ग़लती कर रहे हैं। पीछे के कई वित्तीय और राजनीतिक साज़िशें हैं जिन्हें मीडिया ने नहीं बताया। यह सिर्फ़ एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि एक बड़े एजेंडा का हिस्सा है।