
- 28 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
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जब अनूप ने केरल स्टेट लॉटरी डिपार्टमेंट की ओणम थिरुवोनम बम्पर BR-93त्रिवेंद्रम में पहला इनाम जीता, तो पूरे राज्य में चकाचौंध की लहर दौड़ गई। पहला इनाम 25 करोड़ रुपए की बड़ी रकम थी, और वह टिकट नंबर TE 230662 था, जो कोज़ीकोडे के एजेंट शीबा एस (एजेंसी नं. D 4884) द्वारा बेचा गया था।
केरल लॉटरी की पृष्ठभूमि
केरल में लॉटरी संस्कृति 1967 से चल रही है, जब पहली बार राज्य सरकार ने सामाजिक कल्याण के लिए लॉटरी शुरू की थी। आज तक, केरल लॉटरी ने राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न किया है, और हर साल लाखों लोग इस सपने को देखते हैं कि एक टिकट से जीवन बदल जाएगा। ओणम का बम्पर ड्रॉ विशेष रूप से लोकप्रिय है क्योंकि यह तमिलनाडु के ओणम त्योहार के साथ मेल खाती है, और इसका नाम सुनते ही हर घर में पर्ची खरीदने की बात चल पड़ती है।
ड्रॉ का विस्तृत विवरण
ड्रॉ 20 सितंबर 2023 को गोरकी भवन, बेकरी जंक्शन के पास, त्रिवेंद्रम में आयोजित किया गया। एक हाई-टेक लॉटरी मशीन का उपयोग करते हुए, ड्रॉ को दो स्वतंत्र महिला जज ने निगरानी में रखा – यह कदम पारदर्शिता को दर्शाता है। लॉटरी विभाग के निदेशक श्री. के. अजय मोहन ने घोषणा की, "हम सभी को भरोसा दिलाते हैं कि यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष है।"
पहला विजेता: अनूप की कहानी
विजेता को स्रीकंदेश्वरम्, त्रिवेंद्रम क्षेत्र के एक साधारण परिवार से होने के कारण, स्थानीय मीडिया ने इस पर बड़ी उत्सुकता दिखाई। अनूप ने बताया, "मैं बस लॉटरी की टिकट खरीदा था क्योंकि मेरे पास निवेश के लिये बहुत कम बचत थी।" जीत के बाद उनका घर कई सहारा खोजने वाले लोगों से घिर गया। कुछ लोग यहाँ तक आए कि उन्होंने अनूप से छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद मांगी।
विजेता ने अपनी नई आय को दो होटल खोलने में लगाकर अपने सपने को साकार किया। पहले उन्होंने हैप्पी होटल को काइथमुक्कु में शुरू किया, जहाँ सुबह 7:30 से 9:30 तक बफ़े नाश्ता परोसा जाता है। दो साल की तैयारी के बाद यह होटल स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के बीच लोकप्रिय हो गया। इसके बाद उन्होंने रुचिकड़ा नामक दूसरा होटल वैल्यासाला में खोला, जो मुख्यतः केरलियाई व्यंजन परोसता है।
दूसरे इनाम के विजेता
पहले इनाम के साथ ही, इस बम्पर ड्रॉ में नौ अंकों का दूसरा इनाम (प्रत्येक 1 करोड़) भी वितरित किया गया। नीचे तालिका में विजेताओं के टिकट नंबर और उनके संबंधित जिलों का विवरण दिया गया है:
- TA 781521 – कोट्टायम
- TB 127095 – कोट्टायम
- TB 398415 – अलप्पुझा
- TB 515087 – पालक्कड
- TB 617215 – पालक्कड
- TC 151097 – पालक्कड
- TC 287627 – गुरुवायूर
- TC 320948 – कायम्कुलम
- TC 708749 – मलप्पुरम
यह विविधता दर्शाती है कि केरल की लॉटरी केवल कुछ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है; हर जिले के लोगों को बराबर मौका मिलता है।
विशेषज्ञों की राय और सामाजिक प्रभाव
अर्थशास्त्री डॉ. रवेश नायर ने कहा, "बम्पर लॉटरी से प्राप्त बड़ी राशियां अगर सही दिशा में लगाई जाए तो स्थानीय अर्थव्यवस्था को तरोताज़ा कर सकती हैं। अनूप जैसे छोटे उद्यमी का उदाहरण दिखाता है कि किस तरह इस धन से रोजगार सृजन हो सकता है।" दूसरी ओर, सामाजिक कार्यकर्ता माया शेखरानी ने चेतावनी दी, "लॉटरी पर अत्यधिक आश्रित होना आर्थिक असुरक्षा का कारण बन सकता है, इसलिए शिक्षा और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना ज़रूरी है।"
आगे क्या हो सकता है?
केरल सरकार ने इस ड्रॉ के बाद लॉटरी के नियमों को और सख्त करने की बात कही है, विशेषकर टिकट बिक्री के लिए नई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लागू करने की योजना पर। इसके अलावा, पुरस्कार राशि का एक हिस्सा सामाजिक कल्याण योजनाओं में खर्च करने का प्रस्ताव भी सामने आया है। अनूप ने अपना अगला कदम बतलाते हुए कहा, "मैं इस धन को अपने बच्चों की शिक्षा और आसपास के गरीबों की मदद में लगाना चाहता हूं।"
Frequently Asked Questions
केरल लॉटरी में जीतने के बाद अनूप ने कौन-सी योजना बनाई?
अनूप ने बताया कि वह पहले अपने दो नए होटल – हैप्पी और रुचिकड़ा – की स्थापना में ही निवेश कर रहा है, और साथ ही अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी बचत कर रहा है।
क्या इस ड्रॉ में सभी जिलों के लोगों को समान मौका मिला?
हाँ, दूसरी इनाम की सूची में कोट्टायम, अलप्पुझा, पालक्कड, गुरुवायूर, कायम्कुलम और मलप्पुरम जैसे कई जिलों के विजेता शामिल हैं, जिससे लॉटरी की व्यापक पहुँच सिद्ध होती है।
केरल स्टेट लॉटरी डिपार्टमेंट ने ड्रॉ की पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित की?
ड्रॉ को गोरकी भवन में उच्च तकनीकी मशीन से किया गया, और दो स्वतंत्र महिला जजों ने प्रक्रिया की निगरानी की, जिससे कोई भी अनियमितता नहीं हो सकी।
लॉटरी जीतने से सामाजिक प्रभाव क्या होते हैं?
विजेता अक्सर अपने समुदाय में रोजगार सृजन और सामाजिक कार्यों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाते हैं, लेकिन लॉटरी पर अत्यधिक निर्भरता से वित्तीय जोखिम भी बढ़ सकता है, इसलिए शिक्षा आवश्यक है।
आगामी बम्पर ड्रॉ में क्या बदलाव होने की उम्मीद है?
सरकार डिजिटल टिकटिंग, पारदर्शी निगरानी प्रणाली और पुरस्कार राशि का एक हिस्सा सामाजिक कल्याण में लगाने की योजना पर काम कर रही है, जिससे लॉटरी का सामाजिक प्रभाव बढ़ेगा।
5 टिप्पणि
केरल की ओणम बम्पर लॉटरी वास्तव में एक सांस्कृतिक उत्सव जैसा लगता है। ऐसा लगता है कि हर घर में इस ड्रॉ को लेकर उत्साह की लहर दौड़ती है। अनूप की जीत से यह स्पष्ट हो गया कि मेहनत और भाग्य साथ-साथ चल सकते हैं। ऐसी कहानियाँ समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं।
क्या आप लोगों ने नहीं देखा कि इस लॉटरी में कितनी छिपी हुई षड्यंत्र हैं!!! सरकार ने इसको सिर्फ़ पैसा जुटाने के लिए बनाया है, असली इरादा तो लोगों को बंधक बनाने का है,,, यह सब एक बड़ी योजना है!!!
केवल धन की इच्छा से ही लोग लॉटरी खरीदते हैं, लेकिन यह सोचना जरूरी है कि यह धन समाज को कैसे बदल सकता है। अनूप ने अपने पैसे को दो होटल खोलने में लगा दिया, यह एक अच्छा उदाहरण है। सरकार को भी इस तरह के सफल मामलों को बढ़ावा देना चाहिए। हर जिले के लोगों को समान मौका मिलना चाहिए, यही लॉटरी का मूल सिद्धांत है। लॉटरी की पारदर्शिता का भी उल्लेख करना जरूरी है, क्योंकि दो महिला जजों ने प्रक्रिया देखी थी। इस प्रकार की व्यवस्था से लोग भरोसा रखते हैं।
अनूप की कहानी सुनकर मैं लगभग चकित रह गया।
25 करोड़ की इतनी बड़ी रकम जीतना किसी के लिए भी सपना जैसा लगता है।
लेकिन यह सिर्फ़ भाग्य नहीं, बल्कि वह साहस भी दर्शाता है कि वह टिकट खरीदने की हिम्मत रखता था।
उसके बाद उसने दो होटल खोलने का फैसला किया, जिससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा हुए।
हैप्पी होटल के नाश्ते की चर्चा अब पूरे त्रिवेंद्रम में सुनाई देती है।
रुचिकड़ा होटल के केरलियाई व्यंजनों ने पर्यटकों को आकर्षित किया है।
इस सफलता ने अन्य छोटे व्यापारियों को भी प्रेरित किया है कि वे अपनी आकांक्षाओं को साकार करने की सोचें।
लॉटरी जीतने वाले अक्सर सामाजिक कार्यों में भी हिस्सा लेते हैं, जैसे अनूप ने अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करने की बात कही।
यह दिखाता है कि धन को सही दिशा में लगाना कितना महत्वपूर्ण है।
आर्थिक विशेषज्ञों ने भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि बड़े पुरस्कार स्थानीय अर्थव्यवस्था को जीवित कर सकते हैं।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता ने चेतावनी दी कि लॉटरी पर अत्यधिक निर्भरता जोखिमभरा हो सकता है।
लेकिन अनूप का उदाहरण यह साबित करता है कि यदि जिम्मेदारी से उपयोग किया जाए तो यह सामाजिक परिवर्तन का प्रतिक बन सकता है।
केरल सरकार द्वारा डिजिटल टिकटिंग की योजना भी इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगी।
भविष्य में यदि पुरस्कार का एक हिस्सा सामाजिक कल्याण में जाएगा तो सामाजिक प्रभाव और भी व्यापक होगा।
हम सभी को चाहिए कि इस तरह की जीत की कहानियों से प्रेरणा लेकर अपने सपनों की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
अंत में, मैं यही कहूँगा कि लॉटरी सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि एक अवसर है, जब सही दृष्टिकोण से देखा जाए।
वाह!!! यह तो बहुत बड़ी जीत है,,