- 12 नव॰ 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- दुनिया
भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा में कदम
अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज को भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना ने वॉल्ट्ज की इस भूमिका के प्रति अपनी उम्मीदों को व्यक्त किया है। खन्ना और वॉल्ट्ज, जो क्रमशः डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन को-चेयर्स के रूप में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की भारतीय-कॅकस का नेतृत्व करते हैं, इस कॅकस को सबसे बड़ा देश-विशिष्ट कॅकस माना जाता है। खन्ना का विश्वास है कि वॉल्ट्ज अतीत में जिन मुद्दों पर मिलकर काम कर चुके हैं, वे अमेरिका और भारत के संबंधों को और मजबूत करेंगे।
माइक वॉल्ट्ज की मुख्य भूमिकाएं
माइक वॉल्ट्ज, जिन्हें जनवरी 2023 में भारत-कॅकस का को-चेयर चुना गया था, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और अमेरिका के रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत को महत्वपूर्ण बताते हैं। वॉल्ट्ज ने राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया है। दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण पहल पर मिलकर काम किया, जिसमें मई 2023 में तब के हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी को एक पत्र लिखा गया था। इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी कांग्रेस को संयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए आमंत्रण देने की बात की गई थी।
कोविड-19 महामारी के दौरान अमेरिकी समर्थन
2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में हुई स्वास्थ्य आपातकाल में, माइक वॉल्ट्ज और रो खन्ना ने अमेरिकी प्रशासन से मेडिकल सप्लाई भारत में भेजने की अपील की थी। इस आपसी सहयोग की भूमिका को और बेहतर बनाने के लिए, उन्होंने अतिरिक्त खुराकों के रूप में भारत को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन देने की भी सिफारिश की थी। उन्होंने अमेरिका के लाभ और भारतीय नागरिकों के टीकाकरण की जरूरत पर जोर दिया।
चीन के प्रति माइक वॉल्ट्ज की कड़ी प्रतिरोध
माइक वॉल्ट्ज का नाम अक्सर चीन के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों के कारण भी चर्चा में रहा है। फरवरी 2021 में, उन्होंने एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें 2022 के बीजिंग शीतकालीन ओलिंपिक का स्थानांतरण नहीं किए जाने पर अमेरिका से उसका बहिष्कार करने की मांग की गई थी। मार्च 2024 में वॉल्ट्ज ने रो खन्ना और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष माइकल मैक्कॉल के साथ मिलकर एक द्विदलीय पत्र पर अग्रणी भूमिका निभाई। इस पत्र में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड को चीन में मनमाने ढंग से बंदी बनाए गए व्यक्तियों की रिहाई के लिए सक्रिय वकालत करने की अपील की गई।
वॉल्ट्ज का एनएसए के रूप में पदार्पण
माइक वॉल्ट्ज जनवरी 2025 में जैक सुलीवान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में बदलने जा रहे हैं, जब डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे। वॉल्ट्ज की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की यह भूमिका भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम हो सकती है। वॉल्ट्ज के पिछले अनुभवों और कूटनीतिक सम्बन्धों का लाभ दोनों देशों को एक नई दिशा देने में मिलेगा।
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