- 9 सित॰ 2024
- Himanshu Kumar
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पेरिस 2024: पैरालंपिक्स का समापन
पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों का अंतिम दिन बेहद रोमांचक और यादगार रहा। इस दिन चार खेलों - पैरा एथलेटिक्स, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा कैनो, और व्हीलचेयर बास्केटबॉल - में अंतिम पदक वितरित किए गए। दिन की शुरुआत पैरा एथलेटिक्स के साथ हुई, जिसमें चार मैराथन शामिल थीं। इस इवेंट ने न केवल प्रतिभागियों के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बना।
पैरा एथलेटिक्स और मैराथन
मैराथन की शुरुआत Seine-Saint-Denis से हुई, जो Place de la Concorde और Champs-Elysees से होते हुए Esplanades de Invalides के सामने समाप्त हुई। महिला और पुरुष मैराथन T54 इवेंट में स्विस खिलाड़ी कैथरीन डेब्रनर और मार्सेल हग प्रमुख favoritos में शामिल थे। वहीं, जापान की मिसाटो मीचिशिता ने महिला मैराथन T12 में टोक्यो 2020 का अपना स्वर्ण पदक बनाए रखने के लिए प्रदर्शन किया। यह सभी मैराथन इवेंट्स खिलाड़ी की कुशलता और सहनशक्ति को दर्शाते हैं।
व्हीलचेयर बास्केटबॉल में कांटे की टक्कर
व्हीलचेयर बास्केटबॉल में बेसी एरीना में स्वर्ण पदक के लिए नीदरलैंड्स और अमेरिका के बीच मुकाबला हुआ। नीदरलैंड्स की टीम पेरिस में अपनी अजेय स्थिति बनाए रखने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने प्रारंभिक चरण में अमेरिका को 69-56 से हराया था। वहीं, कांस्य पदक के लिए चीन और कनाडा के बीच मुकाबला हुआ। यह मुकाबला भी बेहद रोमांचक रहा और दर्शकों के मनों में एक नई ऊर्जा का संचार कर गया।
पैरा कैनो और पैरा पावरलिफ्टिंग
पैरा कैनो की घटनाएं Vaires-sur-Marne स्टेडियम में पांच फाइनल्स के साथ समाप्त हुईं। पैरा पावरलिफ्टिंग की समाप्ति La Chapelle Arena में चार फाइनल्स के साथ हुई। कुछ प्रमुख खिलाड़ियों में नाइजीरिया की फोलाशेडे ओलुवाफेमियायो शामिल थीं, जिनके पास महिला ओवर 86 किग्रा डिवीजन में विश्व रिकॉर्ड है। इस दिन का हिस्सा नहीं होने के बावजूद, फ्रांस के ध्वजवाहक एलेक्सिस हैंक्विनक्वांट ने समापन समारोह में अपनी उपस्थिति दर्शाई।
समापन समारोह
दिन के अंत में स्टेड दे फ्रांस में समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसे एक 'विशाल पार्टी' के रूप में वर्णित किया गया। इस समारोह में फ्रांस के इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक आर्टिस्ट्स की प्रस्तुति भी शामिल थी। समापन समारोह ने दुनिया भर के लगभग 4,400 एथलीटों की उपलब्धियों का जश्न मनाया, जिन्होंने 22 खेलों में प्रतिस्पर्धा की। समारोह के आखिरी हिस्से में पैरालंपिक ध्वज को लॉस एंजिल्स को सौंपा गया, जो 2028 के खेलों की मेजबानी करेगा।
यह दिन उन सभी एथलीटों की मेहनत, जुटान और अद्वितीय क्षमताओं का जश्न मनाने का दिन था। इन खेलों ने एक बार फिर दिखाया कि कैसे मानव मंशा और साहस किसी भी परिस्थिति को चुनौती दे सकते हैं। इन खेलों में संलग्न रहे सभी लोगों, चाहे वे खिलाड़ी हों, कोच हों, या दर्शक हों, ने अपनी एक अमिट छाप छोड़ी।
हम सभी को इस तरह की इवेंट्स से प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज के प्रत्येक सदस्य को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे अपनी सीमाओं से परे जाकर अपने लक्ष्यों को हासिल करें। पेरिस 2024 पैरालंपिक खेल न केवल खेल जगत में बल्कि समाज में भी बहुत बड़ा संदेश देते हैं।
5 टिप्पणि
पैरालम्पिक का समापन सिर्फ खेल नहीं, वह एक सामाजिक परीक्षा है।
हमारी सभ्यता इस बात का मापदण्ड है कि वह अपंगता को कैसे देखती है।
यदि हम अभी भी यह मानते हैं कि ये एथलीट सिर्फ सहानुभूति के लिये मंच पर हैं, तो हम नैतिक रूप से विफल हैं।
वास्तविक विवेचना यह है कि यह आयोजन सत्ता के हाथों में खेलता है, जहाँ चुनिंदा अवसरों को चमका कर दिखाया जाता है।
यह दर्शाता है कि हम सार्वजनिक संसाधनों को कैसे प्राथमिकता देते हैं, अक्सर अभिजात्य वर्ग की दिखावे की खातिर।
यदि हम सच्चे समानता की बात करें तो हमें इन खेलों के बाद भी बुनियादी पहुंच और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करना चाहिए।
पेरिस के सुंदर स्थानों में दौड़ना कितना शानदार है, पर क्या हम उन गाँवों में विशेष सहायक उपकरण नहीं बना सकते जहाँ जरूरत है?
यह आत्म-स्वीकृति का एक हाबिस नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का एक प्रतिबिंब होना चाहिए।
ऐसे आयोजन कभी भी “सिर्फ मनोरंजन” की श्रेणी में नहीं गिर सकते।
हमारी नैतिकता तभी परखि जाएगी जब हम इन एथलीटों को स्थायी रोजगार और सम्मान देंगे।
वहीँ पर पेरिस की चमक-दमक के पीछे छिपी आर्थिक असमानता को नहीं भूलना चाहिए।
उन्हें सिर्फ एक रात के लिए ही नहीं, बल्कि उनके जीवनभर की सफलता के लिये मंच बनना चाहिए।
सार्वजनिक नीतियों को इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए कि ये एथलीट खेल खत्म होने के बाद भी सशक्त रह सकें।
नहीं तो हम केवल एक झलक दिखा कर अपने आप को सजाते रहेंगे।
समाजी नैतिकता को सतही चमक से नहीं, बल्कि वास्तविक कार्यशैली से मापना चाहिए।
इसलिए मैं कहूँगा, पैरालम्पिक के अल्बीट को एक नया अफ़सर के तौर पर नहीं, बल्कि हमारे समाज की दायित्व के रूप में देखना चाहिए।
मैं समझता हूँ कि तुम्हारी बात में गहराई है, पर हम सब को मिलकर सकारात्मक बदलाव की ओर देखना चाहिए, और इस इवेंट को एक पुल के रूप में उपयोग करना चाहिए।
पेरिस 2024 पैरालम्पिक ने कई आश्चर्यजनक क्षण पेश किए, जैसे कि जपान की मीचिशिता ने T12 में अपनी स्थिरता दिखायी। यह दिखाता है कि प्रशिक्षण और मनोबल किस हद तक परिणाम को प्रभावित करता है। यदि हम इन एथलीटों की तैयारियों को अधिक गहराई से देखें, तो हमें पोषण, मनोवैज्ञानिक समर्थन और तकनीकी सहायता पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, फ्रांस द्वारा आयोजित समापन समारोह ने संगीत और संस्कृति को खेल के साथ जोड़कर एक समग्र अनुभव दिया। इस तरह के इवेंट्स सामाजिक समावेशीता को बढ़ावा देते हैं और दूसरों को प्रेरित करते हैं। भविष्य में, हमें इन सफलताओं को स्थानीय स्तर पर दोहराने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिले।
क्या हम वास्तव में मानते हैं कि इस तरह के विशाल इवेंट्स में सभी प्रमुख समस्याओं का समाधान हो जाता है? अक्सर मीडिया केवल चमक-दमक दिखाता है, जबकि वास्तविक चुनौतियाँ – जैसे कि लंबी अवधि की फिजिकल थेरेपी की कमी, या स्थानीय समुदायों में बुनियादी ढांचा न होना – अनदेखी रह जाती हैं। पैरा एथलेटिक्स की भव्यता के पीछे एक सवाल रह जाता है: क्या इन एथलीटों को खेल खत्म होने के बाद भी समर्थन मिलता है? मेरा मानना है कि हमें इन सवालों के उत्तर ढूँढने हेतु गहराई से विश्लेषण करना चाहिए, न कि केवल उत्सव मनाना चाहिए।
रोचक KPI, पर ROI पर भी विचार करें 😊