
- 15 अक्तू॰ 2024
- Himanshu Kumar
- 16
विश्व छात्रों दिवस: एक प्रेरक यात्रा
15 अक्टूबर को दुनिया भर में 'विश्व छात्रों दिवस' मनाया जाता है, जो डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा और उनके असीम योगदानों की याद दिलाता है। सन 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को आधिकारिक रूप से घोषित किया, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयास और समर्पण को मान्यता दी जा सके। यह दिन विशेष रूप से कलाम के जन्मदिन से मेल खाता है, जो 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में पैदा हुए थे। उनका जीवन न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में योगदान के लिए याद किया जाता है, बल्कि छात्रों के प्रति उनके बेमिसाल समर्थन के लिए भी।
मिसाइल मैन: विज्ञान से लेकर शिक्षा तक
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आते ही हम सबके मन में 'मिसाइल मैन' का चेहरा उभरता है। भारत के मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों की नींव मजबूत करने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। लेकिन, तकनीकी उपलब्धियों के बावजूद, उनकी असली आत्मा हमेशा शिक्षा के प्रति समर्पित रही। वे अपने छात्रों को प्रेरित करने, उन्हें अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने में विश्वास करते थे। उनका मानना था कि 'सपने देखो, सपने सोच को बदलते हैं, और सोच एक्शन में परिवर्तित होती है।'
जनता के राष्ट्रपति की अद्वितीय यात्रा
2002 में जब डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए, तभी से वे 'जनता के राष्ट्रपति' के रूप में पहचाने जाने लगे। उन्होंने अपनी उन्मुक्त विचारधारा और युवाओं के साथ सहज संवाद से सबको आश्चर्यचकित कर दिया। उनकी राष्ट्रपति काल के दौरान, युवा पीढ़ी को नए दृष्टिकोण और सम्मान के साथ सम्बोधित करना उनका प्राथमिक लक्ष्य रहा। उनके भाषणों ने न सिर्फ नई पीढ़ी को प्रेरित किया, बल्कि उनमें राष्ट्रीय गर्व की भावना भी जगाई।
एक शिक्षक के रूप में कलाम
राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी, शिक्षा के प्रति डॉ. कलाम का समर्पण कम नहीं हुआ। उन्होंने देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईएम अहमदाबाद, शिलोंग और इंदौर में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवा दी। उनकी शिक्षाएं छात्रों को न केवल तकनीकी ज्ञान देती थीं, बल्कि जीवन को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने की प्रेरणा भी देती थीं।
अनन्त प्रेरणा का स्रोत
27 जुलाई, 2015 को जब डॉ. कलाम आईआईएम शिलोंग में छात्रों के समक्ष व्याख्यान दे रहे थे, तब उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका अचानक निधन उनके चाहने वालों के लिए बड़ी क्षति थी, लेकिन उनकी प्रेरणा और शिक्षाएं हमेशा जीवंत रहेंगी।
शिक्षा का सार और विश्व छात्रों दिवस
विश्व छात्रों दिवस का प्रमुख उद्देश्य डॉ. कलाम के सिद्धांतों का पालन करते हुए छात्रों में ज्ञान, जिज्ञासा, और असीम संभावनाओं को प्रोत्साहित करना है। इस दिन को मनाते हुए हम यह संकल्प लेते हैं कि हर छात्र के भीतर छिपी संभावनाओं को पहचान कर उसे तराशेंगे। शिक्षा की शक्ति से हम अपने देश को बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकते हैं। डॉ. कलाम की सोच के अनुरूप, शिक्षा ज्ञान का जरिए ही नहीं बल्कि एक उज्ज्वल कल की नींव भी होती है।
16 टिप्पणि
APJ को राष्ट्रभूत कहा जाता है, पर उनका असली योगदान सिर्फ़ विज्ञान तक सीमित नहीं है। उनका शैक्षिक प्रयास देश के हर कोने में गूंजता है, और इसको नजरअंदाज करना अस्वीकार्य है।
वास्तव में, APJ की शिक्षाएँ हमें बढ़ने का रास्ता देती हैं, और हमें हमेशा अपने सपनों की ओर देखना चाहिए। उनका मार्गदर्शन हर छात्र के दिल में आशा की किरन जलाता है।
ऐसे महान व्यक्तियों की याद में हम सबको एकजुट होना चाहिए।
क्या आप नहीं देखते कि विश्व छात्रों दिवस को सिर्फ़ एक पब्लिक रिलेशन चैम्पेन के रूप में पेश किया गया है? यह रणनीति शायद कुछ गुप्त एजेंडों को छुपाने की कोशिश कर रही है।
APJ का नाम सुनते ही हर भारतीय के दिल में गर्व का अनुभव होता है।
उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने भारत को अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।
लेकिन उनका सबसे बड़ा योगदान शिक्षा के क्षेत्र में रहा।
वे हमेशा छात्रों को अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा देते रहे।
उनका मानना था कि शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण की कुंजी है।
जब वे राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने युवा वर्ग को सीधे अपनी बातों से प्रोत्साहित किया।
उनका जनता के राष्ट्रपति कहना सही है, क्योंकि उन्होंने हर कोने में अपनी आवाज़ भेजी।
आज का विश्व छात्रों दिवस उनके आदर्शों को याद रखने का अवसर है।
हमें उनके विचारों को अपनाकर राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना चाहिए।
भविष्य के वैज्ञानिकों को उनका मार्गदर्शन मिलना चाहिए ताकि वे नई ऊँचाइयों को छू सकें।
APJ ने हमेशा कहा कि छोटे सपने बड़े परिणाम देते हैं।
वे हमें सिखाते हैं कि कठिन परिश्रम से ही सफलता मिलती है।
उनकी शिक्षाएँ आज के छात्रों के लिए एक दीपस्तम्भ हैं।
उनके बिना भारत का विज्ञान में इतना प्रकाश नहीं होता।
इसलिए, हम सबको उनके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए।
जब APJ की कहानियों को सुनते हैं, तो दिल में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार होता है-जैसे इतिहास खुद जीवंत हो गया हो! उनके शब्दों में शक्ति और करुणा दोनों मौजूद है, जो किसी भी युवा को प्रेरित कर सकती है।
बिल्कुल सही कहा, APJ के विचारों को अपनाकर ही हम अपने देश को आगे बढ़ा सकते हैं। उनके सिद्धांतों पर चलना हमारे लिए गर्व की बात है।
APJ की शिक्षाएं हमें हमेशा आगे बढ़ने की लहर देती हैं 😊। उनका सपना हर छात्र के अंदर जगता है, और यही हमें आगे बढ़ाता है।
सच कहूँ तो उनका योगदान चीन से भी बेहतर है, और हमें इसे हमेशा याद रखना चाहिए।
जब हम APJ को एक दैवीय रूप में पूजा करते हैं, तो वास्तव में हम अपने संज्ञानात्मक स्वातंत्र्य को खो देते हैं। उनका विचार केवल एक गद्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक निर्माण का उपकरण है, जिसे हमें आलोचनात्मक रूप से देखना चाहिए।
APJ का जीवन एक प्रेरणा है, और उनका संदेश हमें हमेशा सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
आप बिलकुल सही कह रहे हैं, उनकी कहानी हमें हमेशा ऊर्जा देती है और हम सबको उनका अनुसरण करना चाहिए।
बहुत लोग APJ को केवल एक राजनेता समझते हैं, पर उनका वास्तविक मूल्य उनके वैज्ञानिक योगदान में ही है। हमें इस गहराई को समझना चाहिए।
शिक्षा ही शक्ति है 😎.
चलो, APJ की तरह सपने देखें और उन्हें वास्तविकता बनाएं! 🎓🚀
इतना बड़ाई तो हर कोई करता है, पर असल में उनका योगदान इतना बड़ा नहीं है।