- 24 मई 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- मौसम
चक्रवात रेमल से संबंधित मुख्य जानकारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बंगाल और ओडिशा के लिए गंभीर चक्रवात रेमल की चेतावनी जारी की है। यह संभावित थोड़ी चिंता का विषय है क्योंकि यह चक्रवात 24 मई को बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में विकसित हो सकता है। ऐसे परिदृश्य में, विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि 25 मई तक यह तूफान पूर्व-मध्य खाड़ी में एक खतरनाक चक्रवात का रूप ले लेगा। इसकी तीव्रता 26 मई को शाम तक अधिकतम हो सकती है क्योंकि यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर पहुंच सकता है।
भारी बारिश का पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, 26 और 27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसके अलावा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में भी भारी बारिश हो सकती है। ऐसे क्षेत्र जो पहले से ही भारी वर्षा का सामना कर रहे हैं, उन्हें और भी सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।
समुद्री परिसरों और मत्स्य उद्योग पर प्रभाव
आईएमडी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में मत्स्य उद्योग और समुद्री गतिविधियों पर भी इस चक्रवात का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। 23 मई से ही मध्य और दक्षिण बंगाल की खाड़ी के आसपास मौसम की स्थिति खतरनाक हो सकती है, जिसमें 40-50 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चलने की संभावना है। अगले कुछ दिनों में इन हवाओं की गति 100-110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जो 26 मई की सुबह से उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 120 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है।
मछुआरों के लिए चेतावनी
मछुआरों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, विशेष रूप से दक्षिण बंगाल की खाड़ी में 24 मई तक और मध्य बंगाल की खाड़ी में 26 मई तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, उत्तर बंगाल की खाड़ी में मछुआरों और सभी समुद्री गतिविधियों को 24 मई से 27 मई की सुबह तक ठहरने की सलाह दी गई है।
समुद्री स्थिति और सतर्कता
तट के निकट समुद्री स्थिति भी काफी खतरनाक हो सकती है। 23 मई से ही मध्य और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में समुद्र की स्थिति काफी अशांत रहने की संभावना है। इसी के साथ ही, 25 मई से उत्तर बंगाल की खाड़ी में भी समुद्र काफी ऊँची लहरों से भर सकता है, जोकि 27 मई की सुबह तक बने रह सकते हैं। ऐसे में नागरिकों को समुद्री तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
मानसून की प्रगति
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है। इसके तहत, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में अगले दो दिनों में मानसून की गति और तीव्रता बढ़ सकती है। यह खबर उस क्षेत्र के लोगों और कृषकों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासकर उनके लिए, जो मानसून की बारिश पर निर्भर हैं।
निष्कर्षतः, चक्रवात रेमल के संदर्भ में जारी की गई सभी चेतावनियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। नागरिकों और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहकर तदनुसार कदम उठाने चाहिए।
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