
- 21 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
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महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जो लाखों गरीब महिलाओं के जीवन में प्रत्यक्ष बदलाव लाने की संभावना रखती है। मुख्यमंत्री एखनाथ शिंदे ने कहा कि महायुती गठबंधन की जीत के बाद राज्य की लड़ली बहना योजना की साप्ताहिक सहायता को वर्तमान 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये कर दिया जाएगा। यह निर्णय न केवल आर्थिक मदद का स्तर बढ़ाता है, बल्कि महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक ठोस कदम माना जा रहा है।
योजना का मूल उद्देश्य और वर्तमान स्थिति
लड़ली बहना योजना 2011 में शुरू हुई थी, जिसका मुख्य लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की बेटी‑बच्चियों को वित्तीय सहायता देना है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की नकद सहायता उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। अब इस राशि को 2,100 रुपये करने से प्रतिवर्ष अतिरिक्त लगभग 7,200 रुपये का लाभ मिलेगा, जिससे परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों पर दबाव कम हो सकता है।
पात्रता मानदंड और भुगतान प्रक्रिया
अभी भी योजना के पात्रता मानदंड वही हैं: महिला का वैवाहिक स्थिति, आय सीमा, और सामाजिक वर्ग। प्रमुख रूप से, जो परिवार वार्षिक आय 1.5 लाख रुपये तक के हैं और जिनकी कम से कम एक बेटी 18 वर्ष से कम आयु की है, वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल और स्थानीय सामाजिक कल्याण विभाग के माध्यम से चलती है, और मंजूरी मिलने के बाद राशि सीधे लाभग्राही के बैंक खाते में जमा हो जाती है।
शिंदे सरकार ने कहा कि इस वृद्धि से न केवल आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि लड़की-शिक्षा में निवेश करने की प्रेरणा भी बढ़ेगी। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कदम की सराहना की है, क्योंकि वित्तीय सहायता के साथ-साथ यह महिला सशक्तिकरण को भी प्रोत्साहित करता है।
भविष्य में राज्य सरकार योजना के प्रभाव को मापने के लिए एक विशेष मॉनिटरिंग इकाई स्थापित करने का इरादा रखती है। इस इकाई द्वारा नियमित सर्वेक्षण और डेटा संग्रह के माध्यम से यह देखा जाएगा कि किस हद तक यह बढ़ी हुई सहायता गरीबी उन्मूलन और लिंग समानता में योगदान देती है।