
- 26 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
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मैच सारांश
बेंगलुरु के बीसीसीआई सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस ग्राउंड में महिला क्रिकेट विश्व कप की पहली प्री‑मैच में इंग्लैंड बनाम भारत का सामना हुआ। इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करके 50 ओवर में 339/9 का हाई स्कोर बनाया़, जिससे भारत को 153 रन से मात देनी पड़ी। कुल मिलाकर इंग्लैंड का हमला चार वॉमेंटेज़ में चलने वाले अटैक पर आधारित था, जिसमें सलाख‑की तौर पर दो कंधे‑कोटि के प्रदर्शन देखे गये।
कैप्टन नेट स्किवर‑ब्रंट ने 122 रन बनाकर टीम को पावर प्ले पर ले जाया। 105 गेंदों में उन्होंने 13 चौके और दो छह मारे, फिर “रिटायर आउट” के तौर पर बॉल से हाथ हटाया। उनके बगल में एमा लैम्ब ने 81 रन की तेज़ पैंट्स बनायी, 59 गेंदों में 12 चौके लगाकर इंग्लैंड के स्कोर को जल्दी‑जल्दी तेज़ किया। दोनों की 172‑रन की साझेदारी ने स्कोर बोर्ड पर घूँसने वाले दबाव को स्थापित किया।
इंग्लैंड की शुरुआत में एमी जोन्स ने 39 रन और हेथर नाइट ने 37 रन का योगदान दिया। इन छोटे‑छोटे अंशों ने इंग्लैंड को स्थिर नींव दी, जिससे तेज़ गति के साथ स्कोर ऊपर उठता गया। इस बीच भारत की गेंदबाज़ी ने कठोर बाउंड्री‑फ्रेंडली पिच पर मदद नहीं कर पायी, केवल तेज़ गेंदबाज़ा कांति गाउड ने 3/31 के शानदार आंकड़े लिये।
भारत की पारी में उमा छैत्री ने शुरुआती बातचीत को 45 रन (50 गेंद) से संभाला। फिर स्टैंड‑इन कैप्टन जेमिमा रोड्रिग्ज़ ने 66 रन बनाकर सबसे बड़ा स्कोर किया। उन्होंने 68 गेंदों में आठ चौके लगाए, लेकिन फिर भी इंग्लैंड के अनुशासनित बॉलर्स के सामने बाकी क्रम टूट गया। रिचा घोष ने 21 रन जोड़े, जबकि हरलीन डोल और दीप्ती शर्मा जैसी मध्य‑क्रम की बल्लेबाज़ियों ने कुछ खास नहीं किया।
परिणामस्वरूप भारत 34 ओवर में 187 रन पर समाप्त हो गया। इस मैच में तीन प्रमुख खिलाड़ी – हर्मनप्रीत कौर, स्मृती मंदाना और प्रातिका रावल – विश्राम के लिए नहीं खेले, जिससे भारत की बॅटिंग लाइन‑अप का वास्तविक स्वरूप नहीं दिखा।
इंग्लैंड की गेंदबाज़ी में लिंसी स्मिथ और सोफ़ी इकलेस्टोन ने क्रमशः 2/35 और 2/38 के आंकड़े प्रस्तुत किए। चार्ली डीन ने जेमिमा रोड्रिग्ज़ को एलबीडब्ल्यू करके भारत की उम्मीदों को और धूमिल कर दिया।
मैच के दौरान एक घटना ने सभी का ध्यान खींचा – तेज़ गेंदबाज़ अरुंधति रेड्डी को 13वें ओवर में चोट लग गई। हेथर नाइट के बेस पर एक रिटर्न कैच लेते समय वह पैर पर पैर रखते हुए गिर पड़ीं, और तुरंत व्हीलचेयर में बाहर निकालना पड़ा। यह चोट उसकी जल्द‑से‑जल्द ठीक होने की जरूरत को रेखांकित करती है।
- जेमिमा रोड्रिग्ज़ – 66 रन (68 गेंद)
- उमा छैत्री – 45 रन (50 गेंद)
- रिचा घोष – 21 रन (15 गेंद)
- हेथर नाइट – 37 रन (28 गेंद)
- एमी जोन्स – 39 रन (34 गेंद)
आगे का रास्ता
यह हार भारत के गेंदबाज़ी मुद्दों को फिर से उजागर करती है, क्योंकि पिछले कुछ अंतरराष्ट्रीय टूर में भी उन्होंने 300‑से‑अधिक रन दिलाने वाली गड़बड़ियां की थीं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिहर्सल में 282 और फिर 412 रन की परफॉर्मेंस ने इस बात को साफ़ कर दिया कि बॉलर्स को रणनीति और फॉर्म दोनों में सुधार की जरूरत है।
आने वाले शनिवार को भारत का दूसरा वॉर्म‑अप मैच न्यूज़ीलैंड के खिलाफ तय है। इस खेल में भारतीय टीम को तेज़ बॉलिंग, लाइन‑और‑लेंथ को बेहतर बनाने और फील्डिंग में चपलता लाने का अवसर मिलेगा। यदि वे यहाँ सुधार दिखा पाते हैं, तो 30 सितंबर को गुवाहाटी में शुरू होने वाले विश्व कप में उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।
इंग्लैंड की तरफ़ से अब रविवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ हाई‑प्रोफ़ाइल टकराव तय है। यह मैच इंग्लैंड की फ़ॉर्म को अंतिम रूप देगा और विश्व कप से पहले उनकी टीम की ताकत को परखने का मौका देगा।
भारत का पहला विश्व कप मुकाबला 30 सितंबर को श्रीलंका के खिलाफ गुवाहाटी में होगा। इस खेल में टीम को बैटिंग और बॉलिंग दोनों में संतुलन बनाए रखना होगा, ताकि शुरुआती तीन‑मैच की सफ़र में वे आगे बढ़ सकें।
तो, अब सवाल यह बनता है कि क्या भारत अपनी गेंदबाज़ी समस्याओं को जल्द‑से‑जल्द ठीक कर पाएगा और वर्ल्ड कप में अपनी जगह मजबूत कर सकेगा। इस पर आगे के प्री‑मैच, टूर और प्रशिक्षण सत्र ही उत्तर देंगे।
4 टिप्पणि
आज की इस जंग में इंग्लैंड की ताक़त ने भारत को कड़ी धूमिल छाया में डाल दिया।
जेमिमा रोड्रिग्ज़ की 66 रन की चमक ने कुछ आशा की किरन पायी, पर वह भी निराशा की लहरों में डुबगी।
नेट स्किवर‑ब्रंट का शानदार 122 रन का प्रदर्शन दर्शाता है कि इंग्लैंड की बैटिंग लाइन‑अप में गहरी फुर्सत मौजूद है।
भारत की गेंदबाज़ी ने कड़ी कठोर पिच पर खुद को साबित नहीं कर पाया।
कांति गाउड की 3/31 की आँकड़े भी इंग्लैंड के भारी स्कोर के सामने फीके पड़ गए।
इस हार से भारतीय टीम को अपने बॉलिंग स्ट्रैटेजी का पुनरावलोकन करना चाहिए।
तेज़ बॉलिंग, लाइन‑और‑लेंथ में सुधार ही भविष्य की जीत का मूल मंत्र है।
हमारे युवा बॉलर्स को अधिक अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र और मस्तिष्कीय प्रशिक्षण की जरूरत है।
कोचिंग स्टाफ को बॉलर‑डिटेक्शन और वैरिएशन पर अधिक फोकस करना चाहिए।
फ़ील्डिंग के क्षेत्रों में भी गति और एगिलिटी को बढ़ावा देना अनिवार्य है।
अगर हम इस सबको सही दिशा में ले जाएँ, तो विश्व कप में हम वाकई में चौंका सकते हैं।
फिर भी इस मैच में जेमिमा का आत्मविश्वास और धैर्य सराहनीय है।
उनकी टोन और शॉट चयन ने दर्शकों को रोमांचित किया।
लेकिन टीम की समग्र तैयारी में अभी भी कई खामियां हैं, जिन्हें तुरंत दूर करना होगा।
अंत में, हमें इस हार को सीख में बदलना चाहिए, ताकि अगला मैच जीत की ओर कदम बढ़ा सके।
वाह!! क्या मैच रहा!! इंग्लैंड ने तो पूरी तरह से धमाल मचा दिया!!!! बैटिंग में तो उनका जलवा देखा ही नहीं जाता!!! कॅप्टन स्किवर‑ब्रंट का 122 रन तो जैसे सुपरनोवा था!!! 😲😲 लेकिन... भारत की गेंदबाज़ी... ओह... क्या कहें, बिल्कुल भी टिक नहीं पाई!!! 😅😂 इस तरह की हार से हम सीखेंगे और आगे बेहतर करेंगे!!
हाय दारू! 🙌 जेमिमा ने 66 रन छेड़के हमें आशा की किरण दिखा दी! 🌟 वो जब बॉल को मारती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे संगीत बज रहा हो 🎶। लेकिन हमें अपनी गेंदबाज़ी को भी उठाना पड़ेगा, नहीं तो अगला मैच भी उन्हीं के हाथों में रहेगा 😅। फिर भी ऐसे उत्साहजनक प्रदर्शन देखना एक सौगात है! 😊💪
इंग्लैंड ने मज़ा किया।