- 11 जून 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- अंतरराष्ट्रीय समाचार
सीमा पार संवाद: सियोल के एक्टिविस्टों द्वारा बनाई गई 'स्मार्ट बैलून' प्रणाली
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में 'द कमिटी फॉर रिफार्म एंड ओपनिंग अप ऑफ जोसन' नामक एक गुप्त संगठन ने एक अनोखी और बेहद उन्नत तकनीक आधारित प्रणाली विकसित की है, जो 'स्मार्ट बैलून' के जरिए उत्तर कोरिया की जनता तक संदेश पहुँचाने का कार्य करती है। इस प्रणाली के अंतर्गत, 3D प्रिंटर का उपयोग कर और ऑनलाइन उपलब्ध घटकों का प्रयोग कर बनाए गए 'स्मार्ट बैलून' का विकास किया गया है, जो 7.5 किलोग्राम तक का भार लेकर सैकड़ों किलोमीटर उत्तर कोरिया की सीमा पार कर सकते हैं।
ये स्मार्ट बैलून पंपलेट्स और इलेक्ट्रॉनिक स्पीकर जैसे उपयोगी सामग्री लेकर उड़ान भरते हैं, जिनमें पूर्व-रिकॉर्डेड संदेश शामिल होते हैं जो उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की समीक्षा करने वाले होते हैं। इन बैलून की कीमत $1,000 तक हो सकती है और ये उन्नत जीपीएस-ट्रैकिंग प्रणाली से लैस होते हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये सही स्थान पर पहुँचें। यह दल मासिक एक से दो उड़ानें करता है, जब हवा की गति अनुकूल होती है।
संदेश के माध्यम और उद्देश्य
इन स्मार्ट बैलून में 1,500 पंपलेट्स शामिल होते हैं, जिन्हें ये बैलून 25-25 के समूह में रिलीज करते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ बैलून इलेक्ट्रॉनिक स्पीकर को भी लेकर उड़ते हैं, जिनमें उत्तर कोरियाई जनता को जागरूक करने के लिए पूर्व-रिकॉर्डेड संदेश होते हैं। यह दल चाहता है कि यह सामग्री उत्तर कोरिया के और भी गहराई में जाए, यहां तक कि राजधानी प्योंगयांग तक पहुँचे।
इन बैलूनों की उड़ानें, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है। उत्तर कोरिया भी अपने बैलून दक्षिण कोरिया की तरफ भेजता है, जो ज्यादातर कचरे और जानवरों की गंदगी से भरे होते हैं। इन बैलून की मंशा यह संदेश देना होती है कि उत्तर कोरिया के नेताओं के प्रति असहमति जाहिर करने वाले भी कुछ कम नहीं हैं।
प्रभाव का आकलन
बैलून उड़ान की सफलता का अनुमान 50-60 प्रतिशत है, क्योंकि संभावनाएँ होती हैं कि ये बैलून उत्तर कोरिया की सीमा के कुछ दसियों किलोमीटर दूर तक पहुँच सकें। हालांकि, इन बैलून की प्रभावशीलता पर कई सवाल उठते हैं। कोई स्वतंत्र सत्यापन नहीं हो पाता कि ये बैलून कहाँ पर उतरते हैं या उत्तर कोरियाई जनता इन संदेशों के प्रति क्या प्रतिक्रिया देती है।
सुरक्षा और गुप्तता
दल के सदस्यों की पहचान गुप्त रखी जाती है क्योंकि इन्हें सियोल के निवासियों से उत्पीड़न के डर के साथ-साथ दक्षिण कोरियाई अधिकारियों की संभावित कार्रवाई या उत्तर कोरियाई एजेंटों के प्रतिशोध का खतरा भी रहता है। दक्षिण कोरिया की सरकार ने भी ऐसे प्रयासों पर नज़र रखना शुरू कर दिया है और कई बार इन गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिश की है।
निश्चित रूप से यह प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जो उत्तर कोरिया जैसे बंद समाज तक बाहरी दुनिया के विचारों और सूचनाओं को पहुँचाती है। इसके माध्यम से, उत्तर कोरियाई जनता को सही जानकारी पाने का अवसर मिल सकता है जो वहाँ की सरकारी प्रचार व्यवस्था द्वारा छिपाई गई होती है।
पूरी स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस तरह के प्रयास, चाहे इनकी सफलता दर जो भी हो, एक नए तरह का संवाद स्थापित करते हैं जो दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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