
- 3 अक्तू॰ 2025
- Himanshu Kumar
- 5
जब मोहम्मद सिराज, द्रुत गेंदबाज़ और जसप्रीत बुमराह, इंडियन टीम के प्रमुख पेसर ने एक साथ सात विकेट लिए, तब भारत ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में अपना शुरुआती नियंत्रण स्थापित किया। वेस्टइंडीज ने सिर्फ 162 रनों पर अपना पहला इनिंग समाप्त किया, जबकि भारत ने 121/2 से खेल समाप्त किया, केवल 41 रन पीछे। इस जीत के पीछे तेज़ पेसिंग, तीखा सम्मिलन और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों का भरोसा था।
पहला टेस्ट: अहमदाबाद में खेला गया पहला दिन
पहले दिन का सूरज तेज था, लेकिन ग्राविटी को दिखाने वाली पिच ने भारतीय पेसर्स को पूरा मौक़ा दिया। वेस्टइंडीज के कप्तान ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग चुनी, पर उनका फैसला जल्दी ही उलट गया। शुरुआती सत्र में ही पाँच विकेट गिरे, जिससे उनका श्रोत पतला दिखा। इस हिचकिचाहट के पीछे उनका इतिहास भी मदद कर रहा था – शीर्ष छह में केवल नौ टेस्ट शतक उनका नाम हैं।
भारतीय पेसिंग आक्रमण की चमक
द्रुत गति वाले सिराज ने पहले ओवर में लाइन में थोड़ा गिराव देखा, पर पहले सत्र के अंत तक 90% गेंदें ‘गुड‑एंड‑फुल’ पर भरोसा कर ली। उनका बॉल‑ट्रैक्स ‘ऑफ़‑स्टंप चैनल’ में ठहरा, जिससे टेगेनरिन चैंडरपॉल (पहला शत्रु) का किनारा जाम हुआ। बुमराह ने भी प्रतिबिंबित किया, जब उन्होंने जॉन कैंपबेल को एंगल किया और फिर सत्र के मध्य में ‘नो‑बॉल’ के बाद अगले डिलीवरी से दो विकेट गिरा दिए। उनका स्पैरल डिलीवरी विशेष रूप से प्रभावी रहा, जिससे दो स्टंप्स उछल गए।
वेस्टइंडीज की कमजोर बैटिंग लाइन‑अप
पहले सत्र में ही टेगेनरिन चैंडरपॉल का बायें हाथ से कैच, फिर ब्रैंडन किंग की तीन बाउंड्रीज़ के बाद उनका ‘ऑफ़‑लाइन’ मिसिंग बॉल पर आउट होना, वेस्टइंडीज की तख्ते पर धूमिल रोशनी की ओर इशारा करता है। उनका टॉप‑टेन अभी तक सिर्फ एक दोहरा शतक पर ही रुक गया है, जबकि बाकी खिलाड़ियों की औसत 20‑30 के बीच ही है। यैजेन सीजल्स को ‘पिक ऑफ़ द डे’ माना गया, पर उनके केवल एक ही विकेट ने उन्हें टीम में मुख्य भूमिका नहीं दी।
भारत के शुरुआती पलटा – राहुल और गिल की अटूट साझेदारी
वेस्टइंडीज के सभी सत्रों के बाद भारत ने केएल राहुल और शुबमन गिल की जोड़ी से मज़बूत शुरुआत की। दोनों ने कोई भी विकेट नहीं खोया, और शाम के अंत तक 121/2 रह गए। यशस्वी जायसवाल की वृष्टि‑विराम के बाद सै‑सुधर्सन का ‘रोस्टन चेसे’ के लम्बे डिलिवरी पर फॉलआउट, यह दर्शाता है कि भारतीय पिच पर भी थोड़ा‑बहुत उलझन पैदा हुई है। फिर भी, दो स्थिर शिल्पकारों की मौजूदगी ने भारतीय टीम को एक भरोसेमंद मंच दिया।
भविष्य की संभावनाएँ और विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत इस गति को बनाए रखे, तो वेस्टइंडीज को तीसरे दिन तक ही दो बार बाउल‑आउट करना संभव है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने इस टेस्ट के लिये दो दशकों से अधिक समय में पहली बार बिना ‘रविचंद्रन आश्विन’, ‘विराट कोहली’, ‘रोहित शर्मा’, ‘अजिंक्या रहाणे’ और ‘चेतन पujara’ के खेलने की घोषणा की, जिससे नई पीढ़ी को मंच मिला है। कोच राहुल ड्रविड़ ने कहा, “हमारी पिच तेज़ गेंदबाजों के लिये बनी है, और आज की बॉलिंग ने उस बात को सिद्ध कर दिया।”

Frequently Asked Questions
वेस्टइंडीज की हार का मुख्य कारण क्या था?
वैसे तो वेस्टइंडीज के पास अनुभवी बॅट्समैन थे, पर उनके शीर्ष छह खिलाड़ी कुल मिलाकर सिर्फ नौ टेस्ट शतक साझा करते हैं। तेज़ पिच और भारतीय पेसरों की सटीक लाइन‑लंबाई ने उन्हें शुरुआती सत्र में ही सिलसिलेवार आउट किया।
भारत के शुरुआती स्कोर पर कौन‑से खिलाड़ी प्रमुख रहे?
केएल राहुल और शुबमन गिल ने मिलकर 121 रन बनाये, बिना विकेट खोए। उनके बीच की साझेदारी ने भारत को केवल 41 रन पीछे रहने की स्थिति दी, जो एक बहुत ही स्थिर शुरुआत थी।
क्या इस टेस्ट में भारतीय टीम में कोई नई उमंग दिखी?
हां, यह पहली बार है जब भारतीय टीम ने दशकों में पहली बार किनारे के प्रमुख खिलाड़ी – आश्विन, कोहली, शर्मा, रहाणे और पujara – को नहीं रखा। इससे नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को अपना जलवा दिखाने का मंच मिला, और सिराज‑बुमराह की बॉलिंग ने इस बदलाव को प्रमाणित किया।
भविष्य में इस टेस्ट की क्या संभावनाएँ हैं?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की तेज़ गेंदबाज़ी अगर इसी तरह चलती रही, तो वेस्टइंडीज को तीसरे दिन तक ही दो बार बाउल‑आउट करना संभव है। इससे भारत को तेज़ी से जीत की संभावना बढ़ेगी और सत्र के अंत तक दोनों टीमों के बीच बड़ा अंतर रहेगा।
5 टिप्पणि
सिराज का जादू देखना बर्दाश्त नहि!
वेस्टइंडीज ने अँधेरा खेला बुमराह भी तो बस भाग्य दिखाया
सिराज‑बुमराह की बॉलिंग ने टीम को आत्म‑विश्वास दिलाया 😊
ऐसे प्रदर्शन से भाईयों को आगे का रास्ता दिखता है
भारत ने इस टेस्ट में नई ऊर्जा का संचार किया।
सिराज की तेज़ गेंदबाज़ी ने शुरुआती ओवरों में ही दबदबा बना लिया।
बुमराह की लहरदार डिलीवरी ने विपक्षी को गड़बड़ कर दिया।
वेस्टइंडीज की टीम ने इस चक्रव्यूह में पथभ्रष्ट होने की कोशिश की।
उनका तकनीकी कौशल यहाँ पर लगभग नष्ट हो गया।
कप्तान की टॉस जीतने की ख़ुशी जल्दी ही धुंधली पड़ गई।
पिच की तेज़ी ने भारतीय पेसरों को वरदान दिया।
यह वरदान केवल तेज़ी तक सीमित नहीं, बल्कि सटीकता तक भी फैलता है।
सिराज ने गति और सटीकता का अद्भुत मिश्रण पेश किया।
बुमराह ने अपने स्पिरल डिलीवरी से दो विकेट झटक दिए।
केएल राहुल और शुबमन गिल की साझेदारी ने अस्थायी सुरक्षा की दीवार खड़ी की।
उनकी 121/2 की साझेदारी ने भारत को आत्म‑विश्वास से भर दिया।
इस प्रकार भारतीय टीम ने केवल 41 रन पीछे रहने का निरर्थक डस्टबिन बना दिया।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि ऐसी बॉलिंग जारी रही तो भारत की जीत निश्चित है।
अंत में, यह मैच भारतीय पेसिंग की नई पीढ़ी को दुनिया के सामने लाने का एक महत्वपूर्ण द्वार है।
यह सब सेट‑अप नहीं तो क्या? बोर्ड ने उन बड़े नामों को बाहर रख कर सही नहीं कहा, फिर भी बॉलिंग चमकती दिखती है, पर पीछे छुपे हुए हितों को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता।