- 22 मई 2025
- Himanshu Kumar
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CHSE Odisha 12th Result 2025: नतीजों का बेसब्री से इंतजार हुआ खत्म
Odisha के 3.93 लाख से ज़्यादा परिवारों की टेंशन आखिरकार खत्म हुई, क्योंकि Council of Higher Secondary Education (CHSE) Odisha ने 21 मई 2025 को दोपहर 4 बजे 12वीं कक्षा के रिजल्ट जारी कर दिए। Science, Commerce और Arts तीनों स्ट्रीम के छात्रों ने महीनों तक इस पल का इंतजार किया था। नतीजों की घोषणा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई, जिसमें बोर्ड के अफसरों ने district-wise और gender-wise प्रदर्शन से जुड़े आंकड़े भी शेयर किए।
अगर आप इन लाखों छात्रों में से एक हैं, तो अपनी मार्कशीट CHSE Odisha 12th Result 2025 की आधिकारिक वेबसाइट chseodisha.nic.in या orissaresults.nic.in पर जाकर देख सकते हैं। जैसे ही वेबसाइट पर रिजल्ट लिंक अपडेट हुआ, छात्रों में लॉगिन करने की होड़ लग गई।
चुनावी मौसम में भी बोर्ड परीक्षाएं समय पर आयोजित हुईं। लिखित परीक्षाएं 18 फरवरी से 27 मार्च 2025 के बीच चलीं, जबकि प्रैक्टिकल्स 2 से 12 जनवरी 2025 के दौरान हुए। बोर्ड ने इस बार इवैलुएशन की पूरी प्रक्रिया को और पारदर्शी और फेयर बनाने की बात भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराई।
परीक्षा का दमदार आयोजन: आंकड़ों में झांके
ओडिशा के 1,276 सेंटरों पर परीक्षा आयोजित हुई और प्रत्येक परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होती रही। इंटरनल असेसमेंट का दौर दिसंबर 2024 में ही, यानी 23 से 30 दिसंबर के बीच निपटा लिया गया था। पिछले साल के मुकाबले इस साल रिजल्ट भी कुछ दिन पहले जारी हो गया, 26 मई 2024 के बजाय 21 मई को।
रिजल्ट के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आईं—जैसे किस जिले का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा, लड़के और लड़कियों में कौन सा ग्रुप आगे रहा, और टॉपर्स की चर्चा भी पूरे माहौल में छाई रही। हर छात्र को अपना रिजल्ट देखने के लिए रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर की जरूरत पड़ती है।
जिन छात्रों को लगता है कि उनका रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक नहीं आया, उनके लिए रिव्यू और रीचेकिंग का विकल्प भी रहेगा। बोर्ड की ओर से ट्रांसपेरेंसी को लेकर भरोसा दिलाया गया, यह भी बताया गया कि संशोधित मूल्यांकन के चलते छात्रों के अंकों में बदलाव देखे जा सकते हैं।
- रिजल्ट की घोषणा के समय ज़्यादातर छात्र अपने मोबाइल और लैपटॉप पर पोर्टल लगातार रिफ्रेश करते रहे।
- Science, Commerce, Arts—तीनों में पास प्रतिशत की आधिकारिक घोषणा जल्द होने की उम्मीद है।
- जिन छात्रों को उन्हीं के गांव या कस्बे में इंटरनेट की दिक्कत है, वे स्कूल जाकर भी अपना रिजल्ट देख सकते हैं।
- अफसरों के मुताबिक मूल्यांकन में पारदर्शिता का सबसे बड़ा फायदा छात्र और अभिभावकों को मिला है।
ओडिशा बोर्ड के इस साल के नतीजों के साथ ही छात्रों को अब कॉलेज दाखिलों और आगे की तैयारियों पर ध्यान देना होगा। हर साल की तरह इस बार भी टॉपर्स के अलग-अलग किस्से, उनके संघर्ष और कामयाबी की दास्तां चर्चा में बनी रहेगी।
10 टिप्पणि
ओडिशा के लाखों छात्रों की तोहफा-सा इंतजार आखिर खत्म हो गया! 🎉 बोर्ड ने आखिरकार 12वीं के रिज़ल्ट प्रकाशित कर दिए, जो कि हर घर में खुशी की लहर ले आया। इस परिणाम से पता चलता है कि हमारे बच्चों ने कठिन समय में भी दृढ़ता दिखायी। अगर आप अब तक नहीं देखे, तो तुरंत आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना स्कोर चेक कर लें। याद रखिए, रिज़ल्ट का सत्यापन भी उपलब्ध है, तो अगर कोई गलती लगती है तो री-चेक कर सकते हैं। सफलता की ओर पहला कदम यही है-अपनी मेहनत को सराहें और आगे बढ़ें।
वाह!!! आखिरकार रिज़ल्ट आ गया है... किसे लगा कि इतना देर हो जायेगा??! अब तो हर कोने में मोबाइल स्क्रीन पर रिफ्रेश करने वाले लोगों की भीड़ दिखी! साइट का लोड इतना हाई था कि कभी‑कभी एरर भी दे रहा था... फिर भी सबने धीरज रखा और अंत में अपना रिज़ल्ट देख लिया!!
बधाइयाँ 🎊 सभी स्क्रीन पर चमकते अंक देख कर! अपनी मेहनत पर गर्व करो और आगे भी ऐसे ही जोश रखो! 😊
हमारे ओडिशा के छात्रों ने फिर दिखा दिया कि राष्ट्र की शान हम हैं!
इस बार का CHSE रिज़ल्ट एक मोहिम जैसा लग रहा है, जहाँ आँकड़े घिसे‑पिटे बयान से अधिक एक प्रदर्शन की कहानी कहते हैं।
बोर्ड ने कहा कि प्रक्रिया पारदर्शी है, परन्तु जब लाखों छात्रों को एक साथ पोर्टल पर धकेला जाता है, तो वही पारदर्शिता का अर्थ नहीं रहा।
तकनीकी गड़बड़ियों ने कई ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को निराश किया, जिससे सवाल उठता है कि क्या यह सच में “फेयर” कहा सकता है।
यदि हम इस व्यवस्था को दार्शनिक दृष्टि से देखें तो यह केवल शक्ति की प्रदर्शनी है, जहाँ सत्ता के हाथ में डेटा रखकर जनता को इधर‑उधर घूमाया जाता है।
“रिव्यू और री‑चेकिंग” का विकल्प दिखता तो अच्छा, पर क्या यह विकल्प वास्तविक सुधार लाएगा, या फिर बस एक आश्वासन रह जाएगा?
बोर्ड के अधिकारी लगातार आंकड़े शेयर कर रहे हैं, परन्तु उन आंकड़ों की गहराई को समझने के लिए कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं दी गई।
यह देखना अजीब नहीं कि कुछ जिलों की प्रदर्शन तालिका में चमक दिखती है, जबकि वही क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
ऐसा लगता है कि शिक्षा का उद्देश्य अब केवल अंक प्राप्त करना नहीं, बल्कि सिस्टम के साथ खेलना बन गया है।
छात्र‑अभिभावक अब इस पोर्टल की ‘रिलोड’ रेज़ीमें को लाजवाब मानते हैं, जबकि वास्तविक समस्या तो इन्फ्रास्ट्रक्चर की है।
यदि बोर्ड को सच में सुधार चाहिए, तो उसे पहले ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की पहुँच सुनिश्चित करनी चाहिए।
इस तरह की असुविधा न केवल छात्रों के मनोबल को गिराती है, बल्कि उनके भविष्य की दिशा को भी धुंधला कर देती है।
एक संस्थान के तौर पर CHSE को चाहिए कि वह अपने निर्णयों में अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाए।
हम सभी को याद रखना चाहिए कि शिक्षा का मूल लक्ष्य छात्र की समग्र विकास है, न कि केवल आँकड़ों की चमक।
निष्कर्षतः, इस बार का रिज़ल्ट एक सतहीय सफलता तो है, परन्तु गहरी समस्याएँ अभी भी बनी हुई हैं।
आशा है कि भविष्य में बोर्ड इन मुद्दों पर कार्यवाही करेगा और असली परिवर्तन लाएगा।
तभी हम कह पाएँगे कि हमारा शैक्षणिक सिस्टम वास्तव में “पारदर्शी” है।
भाई शंकर, आपके विचार में कुछ सही बात है, लेकिन मैं मानता हूं कि बोर्ड ने भी कोशिश की है। तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं, पर समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। ठेकेदारों को भी इस सरस काम को समझना चाहिए। चलिए मिलकर इस व्यवस्था को और बेहतर बनाते हैं।
किंग देव जी, आपने बिल्कुल सही कहा कि छात्रों ने इस कठिन समय में धीरज दिखाया। मैं भी सभी को सलाह दूँगा कि रिज़ल्ट के बाद आगे की पढ़ाई या करियर योजना को तुरंत शुरू करें। आपका पोस्ट बहुत उपयोगी था, धन्यवाद!
रिज़ल्ट हमें दिखाता है कि पढ़ाई की सही दिशा में सुधार की जरूरत है। यदि छात्र सिर्फ अंक के पीछे भागेंगे तो असली शिक्षा नहीं मिल पाएगी। बोर्ड को चाहिए कि वो न केवल परीक्षा पर, बल्कि निरंतर मूल्यांकन पर भी ध्यान दे। यही सच्चा मार्ग है।
इंफ्रा लिमिटेशन के कारण कई लड़कों को लॉड स्पाइडर‑इफेक्ट देखना पड़ता 😅
मनिषा, आपका उत्सव भरा संदेश पढ़कर बहुत ऊर्जा मिली! 🎈 चलिए हम सब एक साथ आगे बढ़ते रहें और अपनी सफलता को शेयर करते रहें! 😊