- 13 जून 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- खेल
मंसुख मांडविया का नया कार्यभार
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता मंसुख मांडविया को मोदी कैबिनेट 3.0 में युवा मामले और खेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। मांडविया, जो 52 साल के हैं, ने इसके पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री के तौर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी इस नियुक्ति से मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में नया जोश आया है।
लोकसभा 2024 में शानदार जीत
मंसुख मांडविया ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पोरबंदर सीट से शानदार जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के नेता ललित वसोया को 3,83,360 वोटों के बड़े अंतर से हराया। मांडविया की इस जीत को भाजपा के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिसने राज्य में अपनी मजबूत पकड़ को और भी अधिक मजबूत किया है।
राजनीतिक करियर की शुरूआत
मंसुख मांडविया ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरूआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से की, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा है। वे एबीवीपी की गुजरात इकाई के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं, जैसे कि गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में।
मांडविया राज्यसभा के सदस्य के रूप में दो बार निर्वाचित हुए, पहली बार 2012 में और पुनः 2018 में। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए और नीतियाँ बनाई जो देश के विकास में सहायक रहीं। उन्होंने बंदरगाहों, शिपिंग और जलमार्ग के स्वतंत्र चार्ज के साथ रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएँ दीं।
खेल मंत्रालय का कार्यभार
मंसुख मांडविया ने अनुराग ठाकुर के स्थान पर खेल मंत्रालय का कार्यभार संभाला है। अनुराग ठाकुर ने जुलाई 2021 से खेल मंत्री के रूप में कार्य किया और उनके नेतृत्व में भारत ने टोक्यो ओलंपिक 2021 और एशियाई खेल 2023 में ऐतिहासिक सफलता हासिल की। अब मांडविया के नेतृत्व में, भारत पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग लेगा, जो जुलाई और अगस्त 2024 में होने जा रहा है।
नई जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ
मंसुख मांडविया की नई नियुक्ति के साथ ही उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। देश की युवा धरोहर और खेल गतिविधियों को नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने का भार अब उनके कंधों पर है। भारत में खेलों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्हें नई योजनाओं और नीतियों को बनाना और उन्हें लागू करना होगा।
मैंडविया के सामने सबसे बड़ी चुनौती पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी है। इसके लिए खिलाड़ियों को प्रामाणिक प्रशिक्षण और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। उन्हें पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर की योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए, संघर्षरत खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देना और उन्हें आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना भी होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में योगदान
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में, मंसुख मांडविया ने कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने वैक्सीन आपूर्ति और वितरण प्रणाली को मजबूती से संभाला और देशवासियों को तेजी से वैक्सीनेट किया। उनका यह अनुभव निश्चित रूप से खेल मंत्रालय में भी उनको लाभ पहुंचाएगा, जहाँ उन्हें खिलाड़ियों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना होगा।
भविष्य की ओर
मंसुख मांडविया की नियुक्ति से भाजपा की उम्मीदें और मजबूत हुई हैं। एक सक्षम और अनुभवी नेता के रूप में उन्होंने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की है। उनकी कार्यशैली और निर्णय क्षमता के चलते युवा मामले और खेल मंत्रालय में भी वे नए आयाम स्थापित करेंगे।
अब देखना होगा कि मांडविया की अगुवाई में भारतीय खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक 2024 में कैसी प्रदर्शन करते हैं और देश को कितने पदक दिलाते हैं। उनकी नीतियाँ और कार्य योजना आने वाले समय में देश के खेल क्षेत्र को नई दिशा देने में कितनी असरदार साबित होती हैं।
मांडविया की इस नई जिम्मेदारी को देखते हुए यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने उनपर विश्वास जताया है और उम्मीद है कि वे इस विश्वास पर खरे उतरेंगे।
हम सभी की आशाएँ मांडविया के साथ है और हमें विश्वास है कि वे अपने नए पद पर भी अपनी सूझ-बूझ और सामर्थ्य से सफल होंगे। भारत के खेल क्षेत्र को नई ऊँचाईयों पर ले जाने का महान कार्य अब उनके दायित्व में है।
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