- 20 अग॰ 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- समाचार
माफिया के चंगुल में फंसी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री
हेमा कमेटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के अंधेरे पहलुओं का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म इंडस्ट्री एक 15 सदस्यीय आपराधिक माफिया के नियंत्रण में है, जो यह तय करता है कि किसे इंडस्ट्री में बने रहने दिया जाएगा और किसे नहीं। यह माफिया समूह यौन उत्पीड़न, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोपी है।
महिलाओं का शोषण और उत्पीड़न
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इस माफिया समूह ने अंदरूनी संपर्कों का गलत फायदा उठाया है। इन्होंने महिलाओं का शोषण और उत्पीड़न किया है, और जो महिलाएं इनकी मांगों का पालन नहीं करती थीं, उन्हें 'परेशानी पैदा करने वाली' कहा जाता था। रिपोर्ट में प्रमुख हस्तियों, जैसे कि अभिनेता, निर्देशक और निर्माता, पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप भी शामिल है।
जातिवाद और मानव तस्करी
हेमा कमेटी की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि इंडस्ट्री के भीतर जातिवाद और मानव तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे विद्यमान हैं। नाबालिग बच्चों का शोषण और अन्य कमजोर लोगों का भी उत्पीड़न किया गया है। रिपोर्ट में कई उदाहरण दिए गए हैं जहां लोगों को उनके इच्छाओं के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर किया गया है।
असुरक्षित कार्य स्थितियां और बुनियादी सुविधाओं की कमी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कार्य स्थल पर असुरक्षित परिस्थितियां हैं और उचित ड्रेसिंग रूम सुविधाओं का अभाव है। जूनियर आर्टिस्टों के साथ बेहद खराब व्यवहार किया जाता है, उन्हें गुलामों से भी बदतर स्थिति में रखा जाता है। यह इंडस्ट्री अपने बुनियादी ढांचे और कार्यशीलता में काफी पीछे है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है।
संघटनाओं की प्रतिक्रियाएँ
रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद उद्योग में एक हलचल मच गई है। उद्योग के प्रमुख संगठन जैसे AMMA (एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स) ने रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद उचित कार्यवाई का वादा किया है। वहीं, Women in Cinema Collective (WCC) ने समिति की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं। सभी की नजर अब इस बात पर है कि किस तरह की कदम उठाए जाते हैं।
कानूनी कार्रवाई का डर
अधिकांश लोग कानूनी कार्रवाई के डर से खुलकर इन मुद्दों पर बोलने से डरते हैं। हालांकि, कुछ कलाकारों ने कानूनी रास्ते अपना कर रिपोर्ट की प्रतियां हासिल की हैं, ताकि वे अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। इंडस्ट्री में भय और चिंता का माहौल है, और यह देखा जाना बाकी है कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जारी रिपोर्ट
यह रिपोर्ट सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत जारी की गई थी, जिसमें काफी कानूनी दांवपेंच लगे। इस रिपोर्ट के माध्यम से अब इंडस्ट्री के अंदरूनी मामलों का पर्दाफाश हुआ है और इससे जुड़ी सच्चाई अब सबके सामने आ गई है।
हेमा कमेटी की इस रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के अंधेरे पहलुओं को उजागर करने में एक अहम भूमिका निभाई है। अब इंडस्ट्री को एक नई दिशा में ले जाने के लिए सभी का कर्तव्य बनता है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और इसके समाधान के लिए उचित कदम उठाएं।
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