
- 14 जुल॰ 2024
- Himanshu Kumar
- 12
उत्तराखंड के मंगलौर और बद्रीनाथ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने स्पष्ट बढ़त बनाई है, जिससे पार्टी में खुशी की लहर है। शनिवार सुबह 8 बजे शुरू हुई वोटों की गिनती में मंगलौर में कांग्रेस के क़ाज़ी निज़ामुद्दीन और बद्रीनाथ में कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला की बढ़त ने कांग्रेस समर्थकों को उम्मीदों से भर दिया है।
मंगलौर सीट पर शुरुआती राउंड से ही क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने बढ़त बनाई और छठे राउंड की गिनती तक उनके खाते में 87,365 वोट्स दर्ज किए जा चुके थे। भाजपा के कर्तार सिंह भड़ाना से उन्हें कड़ा मुकाबला मिला, लेकिन क़ाज़ी की लोकप्रियता और लोगों का समर्थन उनके पक्ष में रहा। विभिन्न जातियों और समुदायों से मिल रहे समर्थन ने उनकी जीत को मजबूत किया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के उबैदुर रहमान जो शुरूआती दौर में दूसरे स्थान पर थे, अब तीसरे स्थान पर खिसक गए हैं।
मंगलौर सीट बैसाखियों पर रुक गई थी जब इस सीट के बसपा के मौजूदा विधायक सरवत करीम अंसारी का अक्टूबर 2023 में निधन हो गया। इसके बाद से सभी पार्टियाँ इस सीट को हासिल करने के लिए जोर आजमाइश कर रही थीं। कांग्रेस के क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने इस अवसर को भुनाया और जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे।
बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस की बढ़त
बद्रीनाथ सीट के उपचुनाव में कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला 1,935 वोट्स की बढ़त के साथ आगे चल रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र भंडारी जिन्होंने मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था, इस मुकाबले में पीछे चल रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या पार्टी बदलने का भंडारी का फैसला उन्हें भारी पड़ रहा है? बद्रीनाथ में मतदाताओं ने भी इस बार बदलाव का मन बना लिया है।
बद्रीनाथ की सीट पिछले कुछ समय से चर्चा में बनी हुई थी क्योंकि राजेंद्र भंडारी के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने से राजनीतिक समीकरण बदल गए थे। भंडारी का यह कदम जहां कांग्रेस के लिए एक वक्त में झटका था, वहीं पार्टी ने इसे एक चुनौती मानकर अपनी रणनीति को मजबूत किया। लखपत सिंह बुटोला ने इस चुनौती को स्वीकारा और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल हुए।
भविष्य की राह
उत्तराखंड के ये दो उपचुनाव यह बता रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत बनाया है और जनता का विश्वास हासिल किया है। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है। मंगलौर और बद्रीनाथ में कांग्रेस की यह बढ़त राज्य की राजनीति में नए समीकरण बना सकती है।
इन उपचुनावों के परिणाम बताते हैं कि लोगों की उम्मीदें अब बदल रही हैं और वे नयी दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं। कांग्रेस के इन उम्मीदवारों की बढ़त दिखाती है कि जनता में उनकी पकड़ मजबूत है और वे लोगों के मुद्दों को सही तरीके से उठाने में सफल रहे हैं।
आने वाले समय में अगर कांग्रेस इसी तरह से जनता के बीच अपनी पकड़ बनाए रखती है, तो राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा कैसे इस चुनौती का सामना करती है और अपनी खोई हुए जमीन को वापस पाने के लिए क्या रणनीति अपनाती है। फिलहाल, सभी की नजरें इन दो सीटों के अंतिम परिणामों पर टिकी हैं जो अगले कुछ घंटों में सामने आ सकते हैं।
12 टिप्पणि
उपचुनाव में कांग्रेस ने जो बढ़त बनाई है, वह आश्चर्यजनक है।
मंगलौर और बद्रीनाथ दोनों सीटों पर उनके उम्मीदवारों ने सोचे समझे रणनीति अपनाई।
काज़ी निजामुद्दीन की लोकप्रियता ग्रामीण इलाकों में गहरी जड़ें रखती है।
लखपत सिंह बुटोला ने भी अपने वाचाल अंदाज़ से जनता को आकर्षित किया।
भाजपा के कर्तार सिंह को भले ही समर्थन मिला, लेकिन वोटों की गिनती में अंतर स्पष्ट रहा।
इस प्रकार दोनो सीटों पर कांग्रेस ने सामाजिक तालमेल का प्रदर्शन किया।
जातियों और समुदायों के बीच उनकी पहुँच ने चुनावी परिणामों को प्रभावित किया।
इस जीत से पार्टी को आगे के विधानसभा चुनावों में आत्मविश्वास मिला।
लेकिन यह भी सच है कि परिणाम अभी अंतिम नहीं हुए हैं।
मतदान प्रक्रिया अभी जारी है और अंतिम गिनती में बदलाव की संभावना है।
विपक्षियों को अब अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ेगी।
यदि कांग्रेस इस गति को बनाए रखे, तो राज्य की राजनीति में नई धारा चल सकती है।
लोगों की आशा अब इस बदलाव की ओर मोड़ ली गई है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा कैसे प्रतिक्रिया देती है।
अंत में, लोकतंत्र की शक्ति वहीं है जहाँ मतदाता की आवाज़ सुनाई देती है।
ये परिणाम तो वाकई में एक नाटकीय मोड़ हैं! जैसे ही काज़ी नरेंद्र के चेहरे पर मुस्कान आई, लाखों दिलों की धड़कन तेज़ हो गई।
इतना बड़ा बदलाव देखकर खुशी नहीं ठहर रही, क्योंकि यह दर्शाता है कि जनता वास्तविक सेवक को पहचान रही है।
अब देखना बाकी है कि यह वातावरण बाकी राज्यों में भी कैसे फ़ैलता है।
जैसे ही परिणाम जारी होंगे, राजनीतिक हवा में नई खुशबू आएगी।
भविष्य में कांग्रेस के लिए यह एक सुनहरा अवसर बन सकता है।
वाह!! क्या बात है, काशी निज़ामुद्दीन की तो!,,, बडिया काम किया है।,, भाजपा कर्तार सिंह को तो कड़ी टक्कर मिल गई।,,, ग्रहस्ती वोटर भी अब समझ गए कि असली नेता कौन है।,, ये राजनीतिक सीन अब बहुत रोचक लग रहा है,,, दोनो सीटों में कांग्रेस का दबदबा साफ दिख रहा है!!!
उपचुनाव का नतीजा देखकर दिल खुश हो गया! 😊 कांग्रेस के लिए ये जीत एक नई ऊर्जा का स्रोत है। 🌟 बद्रीनाथ में लखपत सिंह बुटोला की बढ़त से उम्मीदें और भी बढ़ गईं। ✨ वोटों की गिनती में एसी सकारात्मक दिशा देखना बहुत ही प्रेरणादायक है। 🙌 जनता का भरोसा फिर से अपने नेताओं में लौट आया है। 💪
कांग्रेस का दबदबा देख कर जनते का भरोसा दिखता है।
बदलाव के नाम पर सबको फ्यूज करना, जज्बा तो ठीक है लेकिन एंट्री में ट्रू थिंकिंग की काफ़ी खामी है। ईलाेके की सच्ची समस्यां का हल नहीं, बस दिखावा! 🌪️ अगली बार डेटा एनीलिसिस करता तो काज़ी साब को और बेहतर हिसाब दे पाते।
सबको जोड़ते हुए देखना चाहिए, बद्रीनाथ और मंगलौर दोनों में कांग्रेस का टैम्पेरेचर बढ़ा है, यह साबित करता है कि स्थानीय स्तर पर संवाद काम कर रहा है। हमें इस ऊर्जा को आगे भी बनाए रखना चाहिए और सभी वर्गों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
बिल्कुल सही कहा! 🙏 कांग्रेस की यह जीत स्थानीय मुद्दों को हल करने की उनकी क्षमता को दर्शाती है।
अब समय है कि सभी पार्टियां इस सकारात्मक माहौल को बरकरार रखें और जनता की जरूरतों पर ध्यान दें।
अगर सब मिलकर काम करेंगे तो राज्य की प्रगति में तेजी आएगी।
भाजपा को अब अपना बैकअप प्लान तैयार करना चाहिए, क्योंकि जनता ने स्पष्ट रूप से अपनी पसंद जतायी है। अगर नहीं तो अगले चुनाव में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
हम्म... नया ट्रेंड लग रहा है 😎
दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत एक सकारात्मक सन्देश है! 🌈 जनता अब बदलाओ की ओर उन्मुख है और हमें भी इस बदलाव में साथ देना चाहिए। 🙌 इस ऊर्जा को आगे भी बनाए रखेंगे तो विकास की राह आसान होगी। 🚀
देखो भाई, सब कुछ इतना सिंपल नहीं है। इधर-उधर के मीडियालै और फेक न्यूज़ बहुत पसर रही है, तो इस जीत को भी ओवर-एनालाइसiss कर लेना सही नहीं। वाक्यांश थोडा सनीज हटाकर बात समझाओ तो बड़िया।