- 19 जुल॰ 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- Technology
क्राउडस्ट्राइक अपडेट के कारण विंडोज में 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ'
साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक अपडेट ने विंडोज उपयोगकर्ताओं को 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ' जैसी गंभीर समस्या से परेशान कर दिया है। इस अद्यतन से वैश्विक स्तर पर अनगिनत व्यवसायों और संगठनों में व्यापक उथल-पुथल मच गई है। एयरलाइन्स, रेलवे, बैंकिंग, और मीडिया हाउस जैसे प्रमुख संरचनाओं ने इस आउटेज का खामियाजा भुगता है।
वैश्विक IT आउटेज का कारण
ताजा अपडेट के बाद, अधिकांश विंडोज सिस्टम अचानक बंद हो गए और उनके सिरे पर 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ' दिखाई देने लगी। माइक्रोसॉफ्ट ने भी इस मुद्दे को स्वीकार किया और पुष्टि की कि यह थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म क्राउडस्ट्राइक के अपडेट के कारण है।
एज़्योर क्लाउड पर प्रभाव
इस अपडेट के कारण केवल स्थानीय सिस्टम ही नहीं, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट की एज़्योर क्लाउड सेवा भी प्रभावित हुई। इसे एक व्यापक आईटी आउटेज का कारण बताया गया है, जिसने वैश्विक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी असर डाला है। एयरलाइन्स, रेलवे, बैंकिंग और मीडिया हाउस सब इस आउटेज के शिकार हुए।
कारोबार पर गहरा असर
विमानों का उड़ान रद्द करना, रेल सेवाओं में देरी, बैंकों में नकद लेन-देन में समस्या, और मीडिया हाउस की कार्यप्रणाली में बाधा – ये सभी परिणाम इस आउटेज के कारण सामने आए हैं। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे छोटे से सॉफ्टवेयर अपडेट से वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
प्रतिक्रिया और समाधान
माइक्रोसॉफ्ट और क्राउडस्ट्राइक दोनों इस समस्या को हल करने में जुटे हुए हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने एक बयान में कहा है कि समस्या का मुख्य कारण क्राउडस्ट्राईक का नया अपडेट है और वे इसे ठीक करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
इस बीच में, क्राउडस्ट्राइक ने वर्कअराउंड जारी की है, जिसमें प्रभावित उपयोगकर्ताओं को सेफ मोड में बूट करने, एक विशेष सिस्टम फाइल को डिलीट करने और फिर सामान्य रूप से बूट करने को कहा गया है।
महत्वपूर्ण सबक
इस घटना ने फिर से साबित कर दिया कि तृतीय-पक्ष सॉफ्टवेयर अपडेट पर अत्यधिक निर्भरता कभी-कभी भारी संकट पैदा कर सकती है। यह बेहद जरूरी है कि सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करने से पहले उनका अच्छी तरह से परीक्षण और सत्यापन किया जाए। इस घटना ने वैश्विक स्तर पर आईटी क्षेत्र में जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता को भी उजागर किया है।
जब तक समस्या का पूर्ण समाधान नहीं निकलता, तब तक उपयोगकर्ताओं को सावधानी से चलते रहने की सलाह दी जाती है। यह आवश्यक हो गया है कि आईटी विभाग ऐसे किसी भी अपडेट से पहले एक आपातकालीन योजना तैयार रखें ताकि किसी अनचाही स्थिति में तत्काल कदम उठाए जा सकें।
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