
- 14 अक्तू॰ 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- धर्म और संस्कृति
हिंदू पंचांग: 13 अक्टूबर 2024
हिंदू पंचांग समय के चक्र को समझने का एक प्राचीन साधन है। यह हमें उस विशेष दिन के महत्वपूर्ण खगोलीय योग, तिथि, नक्षत्र और अन्य घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है। 13 अक्टूबर 2024 के लिए, यह दिन अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि से शुरू होता है, जो प्रातः 09:08 बजे तक रहती है, इसके बाद एकादशी तिथि प्रारंभ होती है। इस दिन का नक्षत्र धनिष्ठा है, जो रात 02:51 बजे तक चलता है, इसके पश्चात शतभिषा नक्षत्र आता है। इस दिन का योग शूल है, जो रात्रि 09:26 बजे तक प्रभावी होता है, उसके बाद गंड योग का आरंभ होता है।
शुभ मुहूर्त
इस दिन के लिए विशेष शुभ मुहूर्त भी निश्चित किए गए हैं, जो विभिन्न धार्मिक कार्यों और अनुष्ठानों के लिए अनुकूल माने जाते हैं। ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04:43 से 05:32 तक है, जो विशेष रूप से पूजा और ध्यान के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त, जो दोपहर 11:45 से 12:31 तक होता है, कार्यों में सफलता पाने के लिए आदर्श है। अन्य शुभ मुहूर्त जैसे गोधूलि मुहूर्त शाम 05:54 से 06:19 तक, विजय मुहूर्त 02:03 से 02:49 तक, और अमृत काल शाम 05:09 से 06:39 तक होता है। निशिता मुहूर्त 11:43 PM से लेकर 12:33 AM तक है। रवियोग सुबह 06:22 से अगले दिन 02:51 बजे तक रहेगा।
अशुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त की तरह, अशुभ समय के दर्दनाक प्रभावों से बचने के लिए भी इनकी जानकारी रखना बहुत आवश्यक है। राहु काल अपराह्न 04:27 से शाम 05:54 तक है और गुलिक काल 03:01 से 04:27 तक। यमगंड का समय दोपहर 12:08 से 01:34 बजे तक है। दुर्मुहूर्त शाम 04:22 से 05:08 तक होता है। भद्रा रात्रि 07:59 से लेकर अगले दिन प्रातः 06:23 तक रहेगी। पंचक काल शाम 03:44 से लेकर अगले दिन 06:23 तक रहता है।
दिशा शूल और विशेष तिथि
इस दिन दिशा शूल पश्चिम दिशा में होता है, जो इस दिशा में किए जाने वाले कार्यों में अवरोध उत्पन्न कर सकता है। अतः यदि आवश्यक हो, तो इस दिशा में यात्रा करने या कोई महत्वपूर्ण कार्य करने से पहले सही उपाय करना आवश्यक होता है। इसके अलावा, यह दिन पापांकुशा एकादशी का भी है, जो एक विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस तिथि को पवित्रता और धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
सभी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा और अन्य व्यक्तिगत कार्यों की योजना बनाते समय इन सभी विवरणों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। यह न केवल सफलता की संभावना को बढ़ाता है, बल्कि गलतियों और अप्रत्याशित घटनाओं के प्रभाव को भी कम करता है। ऐसे समय में, पंचांग बनता है एक सक्षम मार्गदर्शक, जो हमारे जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने में सहायक होता है।
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