- 9 फ़र॰ 2025
- Himanshu Kumar
- 7
फखर ज़मान के स्वास्थ्य संघर्ष और करियर पर असर
पाकिस्तान के प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज फखर ज़मान ने हाल ही में अपने स्वास्थ्य संघर्षों का खुलासा किया, जिसने उन्हें क्रिकेट से दूर कर दिया था। उन्हें हाइपरथायरॉइडिज्म का निदान हुआ था, जिसके कारण उनका वजन 10 किलो कम हो गया। इस स्थिति ने न केवल उनके शारीरिक प्रदर्शन में रुकावट डाली बल्कि उनके खेल करियर को भी प्रभावित किया। इससे उनकी राष्ट्रीय टीम में जगह खो गई।
शुरुआत में घरेलू मैचों में संघर्ष करने के बावजूद, ज़मान ने अब घोषणा की है कि वह पूरी तरह फिट हो चुके हैं और अपनी पुरानी फॉर्म में वापसी करने के लिए तैयार हैं। उनकी निगाहें 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी पर हैं, जहां उनका उद्देश्य पाकिस्तान की टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।
चैंपियंस ट्रॉफी में भविष्य और वर्तमान दिक्कतें
ज़मान की योजना है कि वह बाबर आजम के साथ पारी की शुरुआत करें, साथ ही अपनी नजरें युवा टैलेंट पर भी हैं जैसे साईम अयूब, जिन्होंने अपने ओडीआई करियर की शानदार शुरुआत की है। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका टेस्ट श्रृंखला के दौरान अयूब के टखने की चोट ने उनकी उपलब्धता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
पाकिस्तान की चैंपियंस ट्रॉफी टीम में मोहम्मद रिजवान (कप्तान), शाहीन शाह अफरीदी, और हारिस रऊफ जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं। ज़मान की कोशिश होगी कि अगर ओपनिंग पोजीशन भरी रही, तो वह मध्यक्रम में अपनी जगह बना सकें।
सामान्यत: ऐसी स्वास्थ्य स्थितियों से संभलना और फिर से फॉर्म में लौटना किसी भी एथलीट के लिए एक बड़ी चुनौती होता है। फखर ज़मान की कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत दृढ़ता की दास्तान है, बल्कि यह भी दिखाती है कि क्रिकेट जैसे खेल में खिलाड़ियों को कैसे विभिन्न बाधाओं को पार करना होता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी को कैसे आगे बढ़ाते हैं और टीम के चयन पर क्या असर डालते हैं।
7 टिप्पणि
फखर जमान की स्वास्थ्य यात्रा को देख कर ईमानदारी से कहा जा सकता है कि यह एक प्रेरणा है। उनके द्वारा हाइपरथायरॉइडिज्म से लड़ते हुए 10 किलो वजन घटाने की कहानी साहसिक है। अब जब वे फिट महसूस कर रहे हैं, तो उनका लक्ष्य चैंपियंस ट्रॉफी में वापस आना सराहनीय है। हमें आशा है कि उनके अनुभव से युवा खिलाड़ियों को भी सीख मिलेगी। शुभकामनाएँ और टीम को मजबूती प्रदान करने की उनकी इच्छा सराहनीय है।
हाइपरथायरॉइडिज्म से लड़ना तो कोई बड़ी बात नहीं यह तो सिर्फ शारीरिक बदलाव है लेकिन फिर भी जमान को फिर से टीम में जगह मिलने की आशा कुछ हद तक… अतिशयोक्तिपूर्ण लगती है
वाओ! फखर जमान ने अपने स्वास्थ्य संघर्ष को खुलासा कर दिया, यह सुनकर दिल खुशी से धड़के!
हाइपरथायरॉइडिस्म की वजह से 10 किलो वजन गिरना कोई छोटी बात नहीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
उन्होंने डॉक्टर की सलाह मानकर दवाइयां ली और अपने डाइट को पूरी तरह से बदल दिया।
चलिए बात करें उनके मोटीवेशन की, जो उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया, वह बहुत इन्स्पायर्डिंग था।
ज़मान ने बताया कि शुरुआत में थकान और एनर्जी की कमी से जूझना पड़ा, पर धीरे-धीरे सब ठीक हुआ।
अब जब वे फिर से फिट हो रहे हैं, तो उनका मन चैंपियंस ट्रॉफी की ओर पूरी तरह से लगा है।
यह देखना रोमांचक है कि वह बाबर आज़म के साथ ओपनिंग करने की योजना बना रहे हैं, और साथ ही साईम अयूब को भी सपोर्ट करेंगे।
उनके फिटनेस रूटीन में रोज़ाना योग, कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल है, जो कि लोकल कोचेस भी सलाह देते हैं।
वजन घटने के साथ-साथ उनकी स्टैमिना भी वापस आ रही है, जिससे बॉलिंग और बैटिंग दोनों में सुधार होगा।
टीम में उनकी वापसी के साथ नया ऊर्जा आ जाएगी, जो कि पाकिस्तान के लिए बहुत जरूरी है।
फैन बेस भी इस परिवर्तन को लेकर बहुत उत्साहित है, हर कोई उनका साथ देने को तैयार है।
उनके मुद्दे से यह भी सीख मिलती है कि स्वास्थ्य समस्याएं कभी भी करियर को खत्म नहीं कर सकती, अगर सही तरीके से उनका सामना किया जाए।
इस बीच, साईम अयूब की टखने की चोट को देखते हुए जमान को बैटिंग में लचीलापन दिखाना होगा।
लेकिन हमें भरोसा है कि उनके पास वो मेंटल स्ट्रेंथ है जो ऐसे दबाव को संभाल सके।
अंत में, मैं कहूँगा कि फखर जमान का सफर एक लायफटाइम लर्निंग एक्सपीरियंस है, जो सभी एथलीट्स को प्रेरित करे।
चलिए हम सब मिलकर उनकी वापसी को बेस्ट सपोर्ट दें और चैंपियंस ट्रॉफी में जीत की दुआ करें!
ये सब कुछ तो ठीक है, पर असली काम फुटबॉल नहीं, क्रिकेट है 😒
फखर जमान की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों में भी निरंतर प्रयास ही जीत की कुंजी है। उनकी फिटनेस पुनरावृत्ति और मानसिक दृढ़ता को देखते हुए, मैं मानता हूँ कि वे चैंपियंस ट्रॉफी में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। यह भी याद रखना चाहिए कि टीम का समर्थन सिर्फ एक खिलाड़ी पर नहीं, बल्कि एक सामूहिक प्रयास पर निर्भर करता है। ज़मान के साथ बाबर आज़म और साईम अयूब जैसे युवा खिलाड़ियों की ऊर्जा टीम को नई दिशा देगी। आशा है कि चयन समिति उनकी वर्तमान फॉर्म को गंभीरता से देखेगी और उन्हें मौका देगी।
हमें देखना पड़ेगा कि कया जमान को फिर से बैटिंग में जगह मिलती है, पर भी उनका इरादा देखके अच्छा लग रहा है। मेरे ख्याल से उनका अनुभव टीम के लिए अमूल्य रहेगा।
हम पाकिस्तानी हैं और अपने सच्चे खिलाड़ी को पीछे नहीं धकेलेंगे। फखर जमान को चैंपियंस ट्रॉफी में लाना हमारी राष्ट्रीय गर्व का हिस्सा है। जेतू हम सब एक साथ!