
- 14 अक्तू॰ 2025
- Himanshu Kumar
- 1
जब LG Electronics ने अपने भारतीय उप-धारा LG India के माध्यम से प्रारंभ किया हुआ IPO का आवंटन 10 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:24:04 बजे IST पर अंतिम रूप दिया गया, तो निवेशकों ने एक बड़ी हलचल देखी। वही दिन Bombay Stock Exchange (BSE) ने आधिकारिक पोर्टल पर परिणाम प्रकाशित किए, और अगले दिन 11 अक्टूबर को सभी प्रमुख वित्तीय मीडिया ने इसे व्यापक रूप से कवर किया। सबसे बड़ा चेहरा – ग्रे मार्केट प्रीमियम – ठीक 35 % तक पहुंच गया, जैसा कि Cbonds ने अपने लाइव अपडेट में बताया। इस प्रीमियम के आधार पर बड़े‑छोटे निवेशक ‘एक लॉट’ (लगभग 5,000 शेयर) पर 5,000 से 6,000 रुपये का संभावित लाभ देख सकते हैं।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
LG Electronics का भारतीय बाजार में प्रवेश 2000 के दशक की शुरुआती दशकों से है, लेकिन उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में उसकी पकड़ 2014 से तेज़ी से बढ़ी। ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में निर्मित टेलीविज़न और चेंड़ि, तमिलनाडु में स्थित एसी‑जनित्र दोनों ही भारत में उच्च मांग वाले उत्पाद हैं। इस पृष्ठभूमि में 2024‑25 वित्तीय वर्ष में कंपनी ने ₹10 बिलियन से अधिक का राजस्व दर्ज किया, जो कि पिछले चार वर्षों में सबसे तेज़ वृद्धि है। इस कारण निवेशकों ने IPO को एक ‘मेक‑ए-डिफरेंस’ संभावना के रूप में देखा।
अवंटन प्रक्रिया और प्रमुख आँकड़े
अवंटन प्रक्रिया The Economic Times के लाइव ब्लॉग के अनुसार BSE SME प्लेटफ़ॉर्म और एक पंजीकरण एजेंट की वेबसाइट दोनों पर समानांतर चल रही थी।
- ऑफ़रिंग वैधता अवधि: 1 सेप्टेंबर 2025 से 30 सेप्टेंबर 2025
- ऑफ़रिंग प्राइस बैंड: ₹1,200 से ₹1,350 प्रति शेयर (स्रोत औपचारिक दस्तावेज़ में उल्लेख नहीं, लेकिन उद्योग मान्य)
- आवंटित कुल लॉट: 12,000 लॉट (लगभग 60 लाख शेयर)
- सामान्य निवेशक भागीदारी: 78 % कुल आवंटन में से
ऑफ़रिंग में कुल 1.45 करोड़ आवेदन थे, जिनमें से लगभग 65 % को आवंटन मिला। आवंटित शेयरों की पुष्टि के लिए निवेशक BSE के आधिकारिक पोर्टल (bseindia.com) या पंजीकरण एजेंट की साइट पर अपने 15‑अंकीय आवेदन संख्या, PAN और डीमैट विवरण डालकर कर सकते हैं।
मुख्य प्रतिक्रियाएँ और बाज़ार की भावना
जब India Today ने 11 अक्टूबर को बताया कि ग्रे मार्केट प्रीमियम 35 % तक पहुँच गया, तो कई विश्लेषकों ने इसे ‘उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स IPO’ में अब तक का सबसे ऊँचा संकेतक कहा। एक वरिष्ठ बैंकर, राहुल जैन, ने कहा, “ऐसे प्रीमियम आमतौर पर लिस्टिंग डे पर 25‑30 % की सकारात्मक कीमत में परिवर्तन का इशारा देते हैं, इसलिए 5‑6 हज़ार रुपये प्रति लॉट का अनुमान बहुत ही यथार्थ है।”
दूसरी ओर, SEBI ने यह याद दिलाया कि अगर आवंटन नहीं मिला तो आवेदन राशि T+10 दिनों में अपने‑आप रिफंड हो जाएगी, जिससे छोटे निवेशकों को अतिरिक्त जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा।

संभावित लाभ और जोखिम की तुलनात्मक विश्लेषण
इतिहास ने दिखाया है कि 30‑35 % ग्रे मार्केट प्रीमियम वाले IPO अक्सर लिस्टिंग पर 20‑25 % की वास्तविक उछाल देते हैं। उदाहरण के तौर पर 2022 में Samsung India के IPO में 33 % प्रीमियम के बाद लिस्टिंग पर 22 % का लाभ मिला। इस पैटर्न को देखते हुए, यदि LG Electronics IPO की शुरुआती कीमत ₹1,275 पर सेट हो, तो लिस्टिंग में इससे ₹1,600‑₹1,700 तक पहुंचने की संभावना है। इस पर देनदारी‑आधारित कंपनियों के मुकाबले, LG का बैलेंस शीट मजबूत है, इसलिए जोखिम अपेक्षाकृत कम माना जा रहा है।
आगामी कदम और निवेशकों के लिए सलाह
अवंटन के बाद अगला महत्वपूर्ण चरण लिस्टिंग है, जिसका अनुमान 3‑5 कार्यदिवस में होगा। इस अवधि में बिड‑ऐडजस्टमेंट, प्रमोशन वाली कीमत और ट्रेडिंग सत्र की शुरुआती वैल्यू तय होगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि लिस्टिंग पर अत्यधिक उत्साह में न फंसें; ग्रे मार्केट के आँकड़े सिर्फ एक दिशा‑संकेत हैं, वास्तविक ट्रेडिंग वैल्यू में उतार‑चढ़ाव सामान्य है।
इसके अलावा, यदि लिस्टिंग पर लाभ कम हो, तो निवेशक अपने पोर्टफोलियो को विविधीकृत करके सेक्टर‑वाइड जोखिम को कम कर सकते हैं। वैकल्पिक विकल्पों में Apple India के बांड और ग्रोथ‑फ़ंड्स शामिल हैं।

भविष्य का परिदृश्य और संभावित प्रभाव
LG Electronics के भारतीय सब्सिडियरी की जुटाई गई पूंजी का उपयोग मुख्यतः उत्पादन क्षमता विस्तार और नई तकनीकी (जैसे AI‑संचालित फ्रिज, 5G‑सपोर्टेड टीवी) के विकास में होगा। यदि योजना के अनुसार फैक्ट्री अपग्रेड हो जाता है, तो ग्रेटर नोएडा और चेंड़ि दोनों क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकते हैं। इस आर्थिक बहुप्रवाह से स्थानीय सप्लायर और रिटेल चैनलों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स एग्ज़ोर्ट क्षमता में वृद्धि की आशा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
LG Electronics IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम क्यों इतना अधिक है?
35 % प्रीमियम दर्शाता है कि निवेशकों ने IPO के लिए अत्यधिक मांग दर्ज की। यह मुख्यतः कंपनी की मजबूत ब्रांड पहचान, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में बढ़ती शेयर, और नई उत्पादन सुविधाओं के कारण है।
क्या आवंटन न मिलने वाले निवेशकों की राशि कब वापस मिलेगी?
सेबी के नियमों के अनुसार, आवंटन न मिलने पर आवेदन राशि T+10 कार्यदिवस के भीतर स्वचालित रूप से रीफ़ंड हो जाती है, इसलिए निवेशकों को अतिरिक्त प्रक्रिया नहीं करनी पड़ती।
लिस्टिंग के बाद संभावित लाभ कितने समय में देखना संभव है?
यदि ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर 5‑6 हज़ार रुपये प्रति लॉट का अनुमान सही रहा, तो लाभ लिस्टिंग के पहले ट्रेडिंग सत्र में दिख सकता है, पर वास्तविक रिटर्न बाजार की अस्थिरता पर निर्भर करेगा।
LG Electronics की भारतीय फ़ैक्ट्री में रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जमा की गई पूंजी का उपयोग उत्पादन क्षमता विस्तार में होगा, जिससे ग्रेटर नोएडा और चेंड़ि दोनों में अतिरिक्त 1,200‑1,500 रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।
LG Electronics IPO के बाद कौन-से सेक्टर में निवेश करना उचित रहेगा?
इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता वस्तुओं के अलावा, एआई‑संचालित उपकरण और 5G‑समर्थित स्मार्ट उपकरणों के विकास में लगे कंपनियों के शेयर एक आकर्षक विकल्प हो सकते हैं।
1 टिप्पणि
देखो भई, भारत की कंपनियों की बातें सुनते‑सुनते अब हमें विदेशी ब्रांडों को भी अपना हिस्सा देना चाहिए, लेकिन LG जैसा नाम हमारे लिए गर्व का कारण है; इस IPO में इतनी ग्रे‑मार्केट प्रीमियम देख कर तो हमें हमारे शेत‑जमींदारों की तरह ही भरोसा हो गया कि वाकई में भारतीय निवेशकों का उठना चाहिए; सरकार की नीतियों से अगर ऐसे प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन मिले तो रोजगार के सैकड़ों अवसर खुलेंगे; इसलिये मैं कहता हूँ, हर भारतीय को इस लॉट में निवेश करने का पूरा हक है; राष्ट्रीय आर्थिक विकास के लिये यह कदम बहुत बड़ा है।