- 9 जून 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- समाचार
महाराणा प्रताप जयंती 2024: गेडी और कर्मा नृत्य के साथ भव्य शोभायात्रा की शुरुआत
महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल धूमधाम से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, और इस साल का आयोजन 9 जून, 2024 को शनिवार के दिन होने जा रहा है। आयोजन का मुख्य आकर्षण एक भव्य शोभायात्रा होगी, जो गेडी और कर्मा नृत्यों के साथ प्रारंभ होगी।
शोभायात्रा का मार्ग और मुख्य आकर्षण
शोभायात्रा शहर के मुख्य चौराहों से गुजरेगी और विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन इसके साथ-साथ चलेंगे। शोभायात्रा की शोभा बढ़ाने के लिए इसमें महाराणा प्रताप की 20 फुट ऊँची मूर्ति बनाई गई है। यह मूर्ति शोभायात्रा का केंद्र बिंदु होगी और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आएंगे।
इस आयोजन में सरव राजपूत क्षत्रिय समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। समाज के विभिन्न सदस्य इसकी तैयारियों में बड़े पैमाने पर जुटे हुए हैं और सभी अपने-अपने भागीदारी निभा रहे हैं। शोभायात्रा का मार्ग शहर के प्रमुख चौराहों से होता हुआ महाराणा प्रताप चौक तक जाएगा, जहाँ सुबह एक माल्यार्पण समारोह होगा।
माल्यार्पण और आरती समारोह
महाराणा प्रताप चौक पर सुबह के समय माल्यार्पण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। आयोजन का समापन शाम को तिलक नगर हनुमान मंदिर में भव्य आरती के साथ होगा।
समाज के सदस्य इस आयोजन को भव्य और अविस्मरणीय बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
महाराणा प्रताप: स्वाभिमान और वीरता के प्रतीक
महाराणा प्रताप को भारत के सर्वश्रेष्ठ योद्धाओं में मान्यता प्राप्त है। वे मेवाड़ के राजा थे और अपनी स्वाभिमान व वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने मुगलों के खिलाफ संपूर्ण संघर्ष किया और अपने राज्य की स्वतंत्रता को बनाए रखा। महाराणा प्रताप की इस शक्ति और साहस को सम्मानित करने के लिए हर साल उनकी जयंती पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
उनकी युद्धनीति और रणनीति आज भी प्रेरक हैं और युवाओं को सिखाती हैं कि किस प्रकार कठिनाइयों का सामना बड़ी साहस और धैर्य से करना चाहिए। महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का यह कार्यक्रम ना केवल राजपूत समाज के लिए, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शन
शोभायात्रा के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें गेडी और कर्मा नृत्य के अलावा अन्य लोक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियां भी शामिल होंगी। गेडी नृत्य, जो राजस्थान का पारंपरिक नृत्य है, इसमें पुरुष लंबी बांस की डंडियों पर खड़े होकर नृत्य करते हैं। इसे देखने का अनुभव बेहद रोमांचक होता है।
कर्मा नृत्य, जो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ और झारखंड में किया जाता है, इस नृत्य में समूह के सदस्य एक दूसरे का हाथ पकड़कर वृत्ताकार में नृत्य करते हैं। यह नृत्य सामूहिकता और एकता का प्रतीक माना जाता है।
आयोजन की तैयारियाँ
आयोजन की तैयारियों में समाज के सभी वर्गों के लोग बड़े उत्साह के साथ जुटे हुए हैं। हर कोई अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में लगा है। आयोजन स्थल को रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया जाएगा।
महाराणा प्रताप जयंती के इस मुख्य आयोजन में दूर-दूर से लोग शामिल होंगे, और इसे सफल बनाने के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था का भी खास ध्यान रखा जा रहा है और पुलिस प्रशासन के द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
समाज की सक्रिय भागीदारी
सरव राजपूत क्षत्रिय समाज के सदस्य इस आयोजन की सफलता के लिए अत्यधिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। आयोजन समिति ने विभिन्न कार्यों को बांटा हुआ है और हर सदस्य अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहा है।
इस प्रकार, महाराणा प्रताप जयंती का यह आयोजन अपनी भव्यता और सांस्कृतिक वैभव के लिए अद्वितीय होगा। यह आयोजन महाराणा प्रताप के साहस और स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति है और राष्ट्र के सभी वर्गों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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