
- 15 मई 2025
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- व्यापार
Raymond में बड़ा बदलाव: नवाज मोदी सिंघानिया ने छोड़ा बोर्ड, शेयरों में जोरदार उछाल
Raymond Ltd के बोर्ड से नवाज मोदी सिंघानिया का इस्तीफा इस साल के सबसे चौंकाने वाले कॉर्पोरेट घटनाओं में से एक बन गया है। 19 मार्च 2025 से उन्होंने 'निजी कारणों' के चलते डायरेक्टर पद छोड़ने का ऐलान किया, जिसकी आधिकारिक पुष्टि एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए की गई। Raymond के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम सिंघानिया ने उनके काम को लेकर धन्यवाद दिया और कहा कि कंपनी मजबूत गवर्नेंस के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, खासतौर से जब इंडस्ट्री में बदलाव का समय आ गया है।
नवाज सिर्फ व्यवसाय जगत की ही नहीं बल्कि फिटनेस और मीडिया की भी जानी-पहचानी शख्सियत हैं। लेकिन पिछले दो सालों में उनके निजी जीवन के विवाद Raymond ग्रुप की गवर्नेंस के केंद्र में आ गए। नवाज ने नवंबर 2023 में गौतम सिंघानिया पर शारीरिक हिंसा का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि इसी कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इन विवादों के बाद अप्रैल 2024 में Raymond की तीन ग्रुप कंपनियों से भी उन्हें हटा दिया गया था—नवाज का दावा था कि इस कार्रवाई की वजह गौतम सिंघानिया का उन पर भरोसा न रहना है।
बोर्ड से इस्तीफे के साथ ही Raymond के शेयर बाजार में जबरदस्त हलचल देखने को मिली। निवेशकों ने इस खबर का स्वागत किया और शेयरों में लगभग 11% की तेजी आई। यह उछाल कंपनी के भविष्य और लीडरशिप में नया भरोसा जताने के तौर पर देखा जा रहा है। शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि संस्थागत निवेशकों को नई बोर्ड संरचना और पारिवारिक विवादों से दूर स्थिरता की उम्मीद जागी है।
निजी विवादों ने व्यवसाय की साख पर डाला असर
नवाज और गौतम सिंघानिया की शादी 1999 में हुई थी, लेकिन 2023 के अंत से दोनों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए। मीडिया में बार-बार इन विवादों की चर्चा हुई—कभी घरेलू हिंसा के आरोप के रूप में, कभी Raymond और उससे जुड़ी कंपनियों के बोर्ड से नवाज की बर्खास्तगी के तौर पर। नवाज सिंघानिया ने कई बार मीडिया के सामने कहा था कि उनके साथ रिश्ते में बहुत तनाव रहा है और पेशेवर स्तर पर उन्हें दरकिनार किया गया।
Raymond जैसी बड़ी कपड़ा और रियल एस्टेट कंपनी के लिए ऐसा विवाद सिर्फ घरेलू खबर नहीं रहता—इसका असर कंपनी के कर्मचारियों, निवेशकों और ब्रांड की विश्वसनीयता पर पड़ता है। Raymond के अधिकारियों का कहना है कि आगे कंपनी का फोकस बोर्ड गवर्नेंस, पारदर्शिता और व्यवसाय की निरंतरता पर रहेगा। इसी के साथ, कंपनी नए नेतृत्त्व के साथ भविष्य की ओर देख रही है।
कुल मिलाकर, Raymond के लिए यह एक बड़ा ट्रांजिशन है। निजी मतभेदों ने जिस तरह कंपनी की फैसला प्रक्रिया में खलबली मचायी, उसने सभी की निगाहें Raymond के आने वाले कदमों पर टिका दी हैं। क्या निवेशकों का भरोसा लंबे समय तक बहाल रह पाएगा—अगले तिमाही के नतीजे और बोर्ड की नई भूमिका इस सवाल का जवाब देंगे।