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आयकर डेडलाइन विस्तार – क्या बदल रहा है?

जब बात आयकर डेडलाइन विस्तार, सरकार द्वारा आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि को लंबा करने की प्रक्रिया की आती है, तो कई सवाल भी साथ आते हैं। यह आयकर, व्यक्तियों और कंपनियों पर लगने वाला प्रमुख कर के नियमों में बड़ा बदलाव दर्शाता है। साथ ही, टैक्स रिटर्न, वित्तीय वर्ष के अंत में आय के स्रोत और कर बचत का विवरण फाइल करना अब थोड़ा आसान हो गया है।

मुख्य बदलाव और उनका प्रभाव

आयकर डेडलाइन विस्तार का पहला असर यह है कि टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है, जिससे लोग अपनी आय की सही गणना कर सकें। दूसरा, इस विस्तार का मतलब है कि आयकर छूट, धारा 80C, 80D आदि के तहत उपलब्ध बचत और निवेश विकल्प को बेहतर तरीके से प्लान किया जा सके। अक्सर लोग अंतिम दिन में जल्दबाजी में फॉर्म भरते हैं, जिससे छूट का पूरा फायदा नहीं ले पाते। अब विस्तारित तारीख के साथ, आप अपनी छूट की पूरी गिनती कर सकते हैं और आय के हिसाब से सही क्लेम कर सकते हैं। पिछले साल की तुलना में, आयकर विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग (ई‑फाइल) प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। अब फॉर्म 16, फॉर्म 26AS और डिजिटल साइन की आवश्यकता कम हो गई है, जिससे फाइलिंग में कम तकनीकी दिक्कतें आती हैं। इससे न केवल व्यक्तिगत टैक्सपेयर बल्कि छोटे व्यवसायों को भी लाभ मिलता है, क्योंकि उन्हें अपने खातों को जल्दी अपडेट करने की झंझट नहीं रहती। एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि आयकर डेडलाइन विस्तार वित्तीय योजना पर सीधा असर डालता है। जब आप टैक्स रिटर्न को देर तक टाल सकते हैं, तो आप वर्ष के अंत में कर‑बचत के लिए अतिरिक्त निवेश विकल्पों पर विचार कर सकते हैं—जैसे PPF, ELSS या लाइफ इन्श्योरेंस। यह विस्तार आपके वित्तीय लक्ष्य, जैसे घर खरीदना या बच्चे की पढ़ाई, को अधिक स्पष्ट रूप से सेट करने में मदद करता है।

क्या आप जानना चाहते हैं कि इस विस्तार का उपयोग कैसे करें? यहाँ तीन आसान कदम हैं: पहला, अपने सभी आय स्रोतों (सैलरी, फ्रीलांस, किराया) को एक स्प्रेडशीट में एकत्रित करें। दूसरा, उपलब्ध आयकर छूट और रियायतों की सूची बनाएं, फिर प्रत्येक को अपनी आय के प्रतिशत में फिट करें। तीसरा, नई डेडलाइन से पहले ई‑फाइल पोर्टल पर लॉगिन करके सभी फॉर्म अपलोड करें और रसीद सुरक्षित रखें। इन कदमों से आपको न केवल समय बचेगा, बल्कि कर में बचत भी अधिक होगी। यदि आप अभी भी अनिश्चित हैं कि कौन-सी छूट आपके लिए बेहतर है, तो आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध टैक्स कैलकुलेटर मददगार साबित हो सकता है। यह टूल आपके आय, निवेश और बचत को इनपुट करने पर अनुमानित टैक्स लायबिलिटी दिखाता है, जिससे आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं। साथ ही, कई बैंक और वित्तीय संस्थान भी मुफ्त टैक्स कंसल्टेशन सेवाएँ दे रहे हैं—इनका लाभ उठाकर आप अपने प्रश्नों का तुरंत जवाब पा सकते हैं। आइए देखते हैं कि पिछले कुछ सालों में आयकर डेडलाइन में कैसे परिवर्तन आया है। 2021‑22 में डेडलाइन 31 अक्टूबर थी, जबकि 2022‑23 में यह 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई। 2023‑24 में COVID‑19 कारणों से विशेष प्रावधान लागू हुए, और 2024‑25 में डेडलाइन को फिर से 30 अप्रैल तक लाया गया। अब 2025‑26 के लिए सरकार ने इसे 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा की, जिससे आपके पास आधा साल का अतिरिक्त समय मिल रहा है। यह क्रमिक विस्तार दर्शाता है कि नीति निर्माताओं को टैक्सपेयर की सुविधा पर ध्यान है। भविष्य में आयकर डेडलाइन विस्तार के संभावित प्रभावों को समझते हुए, आप अपने कर‑रिटर्न रणनीति को स्थायी रूप से अपडेट कर सकते हैं। यदि आप एक स्टार्ट‑अप चला रहे हैं या फ्रीलांस काम कर रहे हैं, तो यह अतिरिक्त समय आपके व्यापार के नकदी प्रवाह को संतुलित करने में मदद करेगा। दूसरी तरफ, बड़े निगमों को भी इस विस्तार से अपने टैक्स प्लानिंग में लचीलापन मिलेगा, जिससे वे वर्ष‑अंत में बड़े निवेश करने का फैसला कर सकते हैं। सारांश में, आयकर डेडलाइन विस्तार सिर्फ एक तिथि बदलने का काम नहीं, बल्कि यह आपके पूरे वित्तीय संदर्भ को पुनः जाँचने का अवसर है। सही जानकारी, समय पर फाइलिंग और उपलब्ध छूटों का पूर्ण उपयोग करके आप अपने टैक्स बोझ को कम कर सकते हैं और भविष्य की योजना को और ठोस बना सकते हैं। नीचे दी गई लेख सूची में आप इस विषय से जुड़ी विस्तृत गाइड, केस स्टडी और विशेषज्ञों की सलाह पाएंगे, जो आपका मार्ग आसान बनाएगी।

CBDT ने आयकर ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी
  • 26 सित॰ 2025
  • Himanshu Kumar
  • 12

CBDT ने आयकर ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी

CBDT ने FY 2024-25 के लिए आयकर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। यह बदलाव कई पेशेवर संघों और हालिया हाई कोर्ट आदेशों के बाद आया है। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने कई व्यापारियों को भारी नुकसान पहुँचाया, जिससे समय सीमा पालन मुश्किल हो गया। अब तक 4.02 लाख रिपोर्टें पोर्टल पर अपलोड हो चुकी हैं। नई सीमा का आधिकारिक नोटिफिकेशन जल्द जारी किया जाएगा.

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