
- 14 अग॰ 2025
- Himanshu Kumar
- 11
देहरादून समेत राज्य के 9 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट
उत्तराखंड में बारिश का ये सीजन फिर मुश्किलें लेकर आया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 14 अगस्त 2025 को देहरादून, बागेश्वर, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधम सिंह नगर और चंपावत जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार, बीते 24 घंटे में कई इलाकों में 21 सेंटीमीटर से भी ज्यादा बारिश दर्ज हुई है, जो सीजन के लिहाज से बेहद खतरनाक मानी जा रही है।
रेड अलर्ट का मतलब ही है हालात बेहद गंभीर हो सकते हैं—जिसमें अचानक बाढ़, भूस्खलन और जनजीवन का थम जाना तय है। IMD के मुताबिक, बीते तीन दिन से लगातार चेतावनी दी जा रही थी—पहले येलो, फिर ऑरेंज और अब सबसे बड़ा अलर्ट। प्रदेश सरकार ने तुरंत सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दे दिया है। प्रशासन ने सकूल बंदी के साथ-साथ हर सार्वजनिक आयोजन और यात्रा पर भी पाबंदी लगा दी है।

भूस्खलन, बिजली कटौती और सड़कें बंद: लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ीं
बरसात ने उत्तरकाशी जिले के धाराली-हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की वजह से बर्बादी छोड़ी है। 10 अगस्त तक यहां 20 लोगों को बचाव दल ने सुरक्षित निकालकर हेलीकॉप्टर से मतली हैलीपैड पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। कई गांवों में प्रशासन, घर-घर जाकर राशन और जरूरी दवाएं पहुंचा रहा है। नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है और पहाड़ी इलाके जोखिम भरे हो गए हैं। सड़कों के कटने, बिजली गुल होने और मोबाइल नेटवर्क में दिक्कत की खबरें लगातार मिल रही हैं। पहाड़ी रास्तों पर पथरीले मलबे और टूट चुके पुल गांवों को एक-दूसरे से काट रहे हैं।
इस रेड अलर्ट के चलते जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन टीमें लगातार अलर्ट हैं। राज्य सरकार ने एनडीआरएफ के जवानों व हेलीकॉप्टर स्टैंडबाई मोड में रखे हैं। रेलवे लाइनें तक पानी में डूबने का खतरा बना है।
- राज्यभर में बिजली कटौती, सड़कों के जाम और संचार सेवाओं में बाधा
- पौड़ी-टिहरी मार्ग और रुद्रप्रयाग-कर्णप्रयाग हाइवे पर फंसी बस सेवाएं
- स्थानीय बाजारों में रोजमर्रा की चीजों की किल्लत शुरू
प्रशासन बार-बार सार्वजनिक अपील जारी कर रहा है कि कोई भी अनावश्यक यात्रा न करे, बाहर निकलने से बचें और मौसम विभाग की अपडेट्स लगातार देखते रहें। खतरा कम नहीं हुआ है, बल्कि ये बारिश और भी तेज हो सकती है। खासकर पहाड़ी व निचले इलाकों के लोगों को तैयार रहने, जरूरी सामान जुटा लेने और संपर्क साधनों को चालू रखने की सलाह दी जा रही है। अगर कोई आपात स्थिति आती है, तो स्थानीय बचाव टीम की सलाह पर फौरन अमल करें।
11 टिप्पणि
रेड अलर्ट के बारे में सुनकर बहुत ही चिंतित हूँ, पर साथ ही यह भी जरूरी है कि हम सब मिलकर मदद करें। सरकार की बंदियां उचित हैं, इसलिए स्कूल बंद कर देना सही कदम है। पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन की संभावना को देखते हुए परिवारों को आवश्यक सामान तैयार रखना चाहिए। स्थानीय बचाव दल की कार्रवाई को सराहना चाहिए, लेकिन लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए। आशा है कि जल्द ही मौसम सामान्य हो जाएगा।
क्या सरकार ने गुप्त तौर पर आकाश में कुछ बड़े रडार लगवाए हैं!!!???
हमारी धरती पर ऐसे मौसम का आना हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
इंडिया ने हमेशा प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है, पर अब हमें और सतर्क होना चाहिए।
सरकार को तुरंत हर गांव तक राहत सामग्री पहुँचानी चाहिए, नहीं तो लोगों की जान जोखिम में पड़ जाएगी।
भारी बारिश के कारण जलभराव से कई घर बर्बाद हो सकते हैं, इसलिए सभी को अपने घर की निचली मंजिल खाली करनी चाहिए।
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए पहाड़ी रास्तों को अभी बंद कर देना चाहिए, चाहे इससे यात्रा में असुविधा हो।
हमारा देश एकजुट है, लेकिन यदि कोई नागरिक लापरवाह रह गया तो उसकी जिम्मेदारी भी तय करनी पड़ेगी।
हर नागरिक को स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पनाह देना चाहिए, कोई भी अनावश्यक यात्रा नहीं करनी चाहिए।
यदि आपातकालीन स्थितियां पैदा होती हैं, तो एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर की मदद से तुरंत बचाव किया जाएगा।
इस दौरान मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हो सकता है, इसलिए अपने नजदीकी आश्रयस्थल में रहें।
भोजन और दवाइयों का स्टॉक रखें, ताकि किसी भी समय मदद मिल सके।
समय पर सूचना प्राप्त करने के लिए अलर्ट ऐप्स को ऑन रखें, नहीं तो आप अनजान रह जाएंगे।
प्रदेश की सड़कों को साफ रखने के लिए स्थानीय पुलिस को सहयोग देना चाहिए।
इसे हम एक राष्ट्रीय आपदा मानकर, केंद्रीय सरकार से भी अतिरिक्त मदद की मांग करनी चाहिए।
हमारी संकल्प शक्ति और साहस से ही हम इस कठिन समय को पार करेंगे।
हर भारतीय को इस संकट में एक दूसरे का हाथ थामना चाहिए, तभी हम मजबूती से आगे बढ़ेंगे।
भारी बारिश ने सबको डर में डाल दिया है, पर याद रखिए कि सही तैयारी से हम सुरक्षित रह सकते हैं। सबसे पहले अपने घर की छत और निचले हिस्से को पानी से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट या टार्प लगाएँ। अगर आप निकटवर्ती हवाई अड्डा या हेलीकॉप्टर लैंडिंग ज़ोन जानते हैं, तो आपात स्थिति में वहाँ पहुँचे। आशा है कि सब लोग सतर्क रहेंगे और एक-दूसरे की मदद करेंगे।
भाई लोग!!! बारिश में घर में फँसे हो तो तुरंत टॉर्च और बैटरी चार्ज कर लो,, क्योंकि पावर कट हो सकता है।
सबको प्राणायाम और ध्यान से मन को शांत रखिए 😊 हम सब मिलकर इस मुश्किल को पार करेंगे, मदद की ज़रूरत वाले को मदद दें 🙏
खुद को तैयार रखें, बाढ़ में कोई दया नहीं दिखेगी। सुरक्षा के उपाय जल्द ही अपनाएं।
इंसान को पत्थर की तरह थंडा नहीं रहना चाहिए, पर प्राकृतिक आपदा में ज़ीने का तरीका सोच-समझ कर अपनाना चाहिए। अगर कल तक नहीं समझे तो... एक वक्त था जब हम लोग अंधकार में भी रोशनी खोज लेते थे, पर अब खबरों की गड़बड़ में खो नहीं जाना चाहिए।
मैं भी मानता हूँ कि स्कूल बंद कर देना सही है, और सभी को एक साथ मदद करनी चाहिए।
ड्रेन की जाँच और फंदे बनाकर पानी को दिशा बदलना एक असरदार उपाय हो सकता है, आप लोग इसे आज़मा सकते हैं।
इतनी लंबी लिस्ट में कुछ भी नया नहीं, बस वही बात दोहराई जा रही है कि सावधानी जरूरी है।