- 28 जून 2024
- के द्वारा प्रकाशित किया गया Daksh Bhargava
- समाचार
हेमंत सोरेन को मिली जमानत, रांची जेल से हुई रिहाई
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन को आखिरकार रांची की बिरसा मुंडा जेल से 28 जून 2024 को रिहा कर दिया गया। उन्हें झारखंड हाई कोर्ट से जमीन घोटाला मामले में जमानत मिल गई। इस घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था।
जेल के बाहर समर्थकों का हुजूम
जेल से बाहर निकलते ही सोरेन का स्वागत करने के लिए उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सहित सैकड़ों समर्थक मौजूद थे। उन्होंने हाथ हिलाते हुए अपने समर्थकों का धन्यवाद किया और संक्षिप्त संबोधन में कहा कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका जेल जाना जनता की आवाज को दबाने के लिए किया गया था। साथ ही न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें जमानत दी।
विपक्षी दलों पर निशाना
सोरेन ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह साजिश उनके राजनीतिक मार्ग को रोकने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा, 'मुझे झूठे आरोपों में फंसाया गया ताकि मैं जनता की सेवा न कर सकूं। लेकिन सच की जीत हुई।' उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे धैर्य बनाए रखें और सच्चाई की राह पर चलते रहें।
परिवार का राहत का वक्त
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह उनके परिवार के लिए बड़ा राहत का वक्त है। उन्होंने सभी समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके पति के निर्दोष साबित होने का उन्हें पूरा विश्वास था।
कानूनी लड़ाई की शुरुआत
हालांकि, हेमंत सोरेन की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। उन्हें अभी भी न्यायालय में अपनी बेगुनाही साबित करनी है। इस मामले की अगली सुनवाई अगले महीने की शुरुआत में होनी है। सोरेन के वकील ने इस बात का भरोसा जताया है कि अदालत में सभी आरोपों का जवाब पेश कर दिया जाएगा और सोरेन को पूरी तरह से निर्दोष साबित किया जाएगा।
समर्थकों का जोश
सोरेन के रिहा होने के बाद उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन उनके नेता हैं और हमेशा रहेंगे। इस मौके पर विपक्षी नेताओं ने भी बयान दिए और इस पूरे मामले पर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
यह देखना होगा कि न्यायपालिका इस केस में नया क्या मोड़ लेकर आती है और हेमंत सोरेन का राजनीतिक भविष्य कैसा रहता है। लेकिन उनके समर्थकों का जोश और विश्वास इससे कम होता नहीं दिखता। अंतरिम रिहाई के बावजूद यह कानूनी लड़ाई का केवल एक चरण है और अभी इस मामले में कई महत्वपूर्ण मोड़ आना बाकी हैं।
आने वाले चुनावों पर प्रभाव
सोरेन के इस पूरे प्रकरण का असर आगामी चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है। झारखंड में उनका राजनीतिक प्रभाव काफी मजबूत है और उनके समर्थक उनकी इस रिहाई को अपनी जीत मान रहे हैं। इस घटना ने सोरेन को और भी मजबूती से राजनीति में वापसी का मौका दिया है।
भ्रष्टाचार के आरोपों की व्यापकता
भारत में पिछले कुछ वर्षों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप अक्सर राजनीति के केंद्र में रहते हैं। यह मामला भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है जहां राजनेताओं पर घोटालों के आरोप लगते हैं और फिर लंबी कानूनी लड़ाई चलती है। जनता का भरोसा इस प्रक्रिया में परीक्षण के दौर से गुजरता है और यह देखना होगा कि सोरेन के इस मामले में आखिरकार क्या अंतिम परिणाम सामने आता है।
यह घटना झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। सुर्खियों में रह रहे इस केस में कई राजनेता, कानूनी विशेषज्ञ और आम जनता की नजरें टिकी हुई हैं।
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