
- 21 अग॰ 2025
- Himanshu Kumar
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रैंकिंग टेबल का सिरा फिर बदल गया। इंग्लैंड की नैट स्किवर-ब्रंट ने ताजा अपडेट में स्मृति मंधाना को पछाड़कर महिला ODI बैटिंग में No.1 कुर्सी संभाल ली। जून 2025 में मंधाना ने पांच साल के इंतजार के बाद टॉप पर वापसी की थी, लेकिन जुलाई की इंग्लैंड बनाम भारत ODI श्रृंखला ने तस्वीर पलट दी। यह 2025 में स्किवर-ब्रंट की पहली बादशाहत है; वे इससे पहले जुलाई 2023 में नंबर एक रही थीं।
रैंकिंग में फेरबदल कैसे हुआ
जून में मंधाना 727 रेटिंग अंकों के साथ नंबर एक पहुंची थीं। उस उछाल की वजह ताजा फॉर्म था—दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 51 रन की ठोस पारी और श्रीलंका के खिलाफ ट्राई-सीरीज़ फाइनल में नाबाद 116 रन। यही वह लय थी जिसने उन्हें लौरा वोल्वार्ड्ट और नैट स्किवर-ब्रंट (दोनों 717) से आगे खड़ा किया।
जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों में मंधाना ने कुल 115 रन बनाए। आंकड़े ठीक लगते हैं, लेकिन नंबर एक बरकरार रखने के लिए यह पर्याप्त नहीं पड़ा। दूसरी तरफ स्किवर-ब्रंट ने लगातार असरदार पारियां खेलीं और हर मैच में योगदान दिया। रैंकिंग सिस्टम हालिया प्रदर्शन को ज्यादा वज़न देता है, इसलिए इंग्लैंड सीरीज के बाद तुला उनके पक्ष में झुक गई।
ताज़ा अपडेट में मंधाना अब 728 अंकों के साथ नंबर दो पर हैं—हां, दिलचस्प है कि उनका स्कोर थोड़ा बढ़ा, लेकिन स्किवर-ब्रंट की छलांग और बड़ी रही। वोल्वार्ड्ट इस साल ODI में पांच पारियों में 28.20 की एवरेज से रन बना पाई हैं, इसलिए वे पिछड़ गईं। यही आधुनिक रैंकिंग का नियम है—रीसेंसी और निरंतरता सबसे ऊपर।
यह बदलाव सिर्फ नामों का नहीं, बैटिंग टेम्पलेट्स का भी है। मंधाना की पहचान पावरप्ले में क्लीन स्ट्रोक-मेकर के तौर पर है, जो शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने का हुनर रखती हैं। स्किवर-ब्रंट का खेल अलग है—टेम्पो कंट्रोल, मैच की जरूरत के हिसाब से गियर बदलना, और मौके पर बड़ी पारी। हालिया सीरीज में इंग्लैंड के लिए वही स्थिरता फायदेमंद साबित हुई।
अब बड़ी तस्वीर देखें। मंधाना भारतीय बैटिंग लाइन-अप में इकलौती खिलाड़ी हैं जो ODI टॉप-10 में मौजूद हैं। जेमिमा रोड्रिग्ज 15वें और हरमनप्रीत कौर 16वें स्थान पर हैं। करियर की बात करें तो मंधाना के 4,588 रन और 46.34 की एवरेज उन्हें इस युग की सबसे भरोसेमंद ओपनर बनाती है। उनका सर्वोच्च रेटिंग 799 रहा है, जब वे पहले भी नंबर एक पर थीं।
तो यह ICC महिला ODI रैंकिंग इतनी तेजी से क्यों बदलती है? सिस्टम हर मैच के बाद अपडेट होता है और हालिया प्रदर्शन को ज्यादा अंक देता है। विरोधी टीम की ताकत, मैच का संदर्भ और पारी का प्रभाव—ये सब जोड़-घटाव तय करते हैं। नतीजा यह कि छोटी-छोटी सीरीज भी शीर्ष पर बैठी खिलाड़ी की स्थिति बदल सकती है।
- किसके खिलाफ रन: मजबूत टीम के खिलाफ रन ज्यादा अंक दिलाते हैं।
- मैच का महत्व: फाइनल या निर्णायक मैच की पारी ज्यादा वज़नदार मानी जाती है।
- रीसेंसी फैक्टर: पिछले 12–24 महीनों में ताजा फॉर्म को बड़ा वजन मिलता है।
- निरंतरता: लगातार 50+ स्कोर रैंकिंग को स्थिर रखते हैं, एक बड़ा शतक अकेले काफी नहीं।
अगला कदम: मंधाना और भारत के लिए क्या मायने
मंधाना नंबर दो पर हैं, यानी सबकुछ उनके हाथ से बाहर नहीं गया। आने वाली द्विपक्षीय शृंखलाएं उनके लिए मौका होंगी। भारत को बस इतना करना है कि टॉप ऑर्डर के इर्द-गिर्द रन-फ्लो को स्थिर रखे। मंधाना अक्सर 30–40 तक पहुंच जाती हैं; अगली छलांग हर तीसरी-चौथी पारी को 90+ या शतक में बदलने की होगी।
- कन्वर्ज़न रेट सुधारें: अच्छी शुरुआत को 90+ में बदलिए। यह रैंकिंग में तुरंतर असर दिखाता है।
- स्टैंड-बिल्डिंग: नंबर 3 और 4 के साथ 100+ पार्टनरशिप बढ़ाएं, ताकि मैच-इम्पैक्ट बढ़े।
- बड़े मैच टार्गेट करें: सीरीज ओपनर और डेसाइडर में 70+ की पारी रैंकिंग में ज्यादा अंक दिलाती है।
- फील्ड कंडीशंस का फायदा: घरेलू विकेटों पर पावरप्ले में स्ट्राइक-रोटेशन के साथ बाउंड्री टकसाली रखें।
इंग्लैंड के लिए स्किवर-ब्रंट का नंबर एक पर लौटना ड्रेसिंग रूम के मनोबल के लिए बड़ा प्लस है। एक ऐसी बैटर जो जरूरत पड़ने पर एंकर भी बनती है और फिनिशर भी, उसके आस-पास टीम आसानी से प्लान बनाती है। आगे की सीरीज में इंग्लैंड उन्हें 3–4 नंबर पर वही लचीलापन देते रहेंगे, ताकि रेटिंग और नतीजे दोनों आगे बढ़ें।
भारतीय नज़रिए से यह बदलाव चेतावनी नहीं, दिशा-सूचक है। ODI फॉर्मेट में भारत की लड़ाई अक्सर मिडिल ओवरों में रुकती है। अगर वहीं स्ट्राइक रेट और बाउंड्री फ्रीक्वेंसी को थोड़ा बढ़ा दिया गया, तो मंधाना जैसी ओपनर का मूल्य दुगुना हो जाएगा—क्योंकि उनकी शुरुआत टीम को बार-बार 270+ तक पहुंचा सकती है।
यह भी याद रखना चाहिए कि रैंकिंग दौड़ लंबी होती है। एक सीरीज ने स्किवर-ब्रंट को आगे पहुंचाया है; अगली सीरीज मंधाना को फिर से ऊपर ला सकती है। उनके पास फॉर्म, अनुभव और नंबर—तीनों हैं। सीजन के इस मोड़ पर सबसे अहम है फिटनेस और मैच-टू-मैच ट्यूनिंग। जब वो ठीक बैठती है, तो नंबर एक वापस आना सिर्फ समय की बात रहती है।