- 24 जुल॰ 2024
- Himanshu Kumar
- 8
नेपाल में विमान दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति
नेपाल एक बार फिर से एक गंभीर विमान दुर्घटना का सामना कर रहा है। बुधवार को काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले सौर्य एयरलाइंस के एक विमान के आग की चपेट में आने से 19 यात्रियों में से केवल पायलट ही जीवित रहे। यह घटना सुबह 11:11 पर हुई। पायलट मनीष शाक्य, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपने प्राण तो बचा लिए लेकिन गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्हें तुरंत KPC अस्पताल ले जाया गया।
विमानन सुरक्षा में चिंता
यह दुर्घटना नेपाल में 2000 के बाद से 20वीं बड़ी विमान दुर्घटना है। पिछले दो दशकों में, नेपाल ने लगभग 360 लोगों की जानें गंवाई हैं। पहाड़ों और खराब मौसम के कारण नेपाल की भूगोल विमानन के लिए गंभीर चुनौती पेश करती है। नेपाल की विमानन उद्योग को पुराने हवाई जहाजों, अधूरी निवेश और अपर्याप्त नियामक देखरेख के साथ संघर्ष करना पड़ता है, जिसके कारण यह दुर्घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से नेपाल के विमानन सुरक्षा रिकॉर्ड को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सौर्य एयरलाइंस के विमान 9N-AME/CRJ 200 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, नेपाल की भोजन्य विमान सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ गए हैं। समीप के महीनों और वर्षों में हुई कुछ बड़ी दुर्घटनाओं की बात करें तो जनवरी 2023 में पोखरा में यति एयरलाइंस का क्रैश, जिसमें 72 लोगों की मौत हो गई, जुलाई 2023 में हुआ हेलीकॉप्टर क्रैश जिसमें 6 लोगों की जान गई, और मई 2022 में हुए एक क्रैश में 22 लोगों की जानें गईं, इन सबने इस समस्या को और भी बढ़ाया है।
नेपाल के विमानन उद्योग की समस्याएं
नेपाल का विमानन उद्योग पुराने और आधुनिकीकरण के अभाव से जूझ रहा है। इस दौरान नये हवाई अड्डों और नियमित उड़ान मार्गों के लिए आवश्यक अवसंरचना का अभाव देखा गया है। पुराने हवाई जहाज, जिनमें नियमित संशोधन और रखरखाव की आवश्यकता होती है, अब भी इस्तेमाल में हैं। यही नहीं, नेपाल की नियामक निकायों का अपर्याप्त निरीक्षण और नियामक लचीलेपन की कमी ने भी विमानन सुरक्षा पर असर डाला है।
इसके साथ, पायलटों की निरंतर ट्रेनिंग और उड़ान सुरक्षा प्रोटोकॉल की निगरानी की कमी भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उड़ान के दौरान मौसम की लगातार निगरानी और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिए आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का अभाव भी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
अब समय आ गया है कि नेपाल सरकार और विमानन उद्योग इस मुद्दे को गंभीरता से लें और सुरक्षा उपायों को मजबूती से लागू करें। नए और आधुनिक हवाई जहाजों की खरीद, नियमित और व्यापक रखरखाव, पायलटों और अन्य उड़ान कर्मियों की निरंतर ट्रेनिंग और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करना अनिवार्य हो गया है। साथ ही, नियामक निकायों को मजबूती से अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और तत्काल प्रभाव से आवश्यक मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
आने वाले समय में नेपाल को अपनी विमानन सुरक्षा को उच्च स्तर पर ले जाने के सफल कदम उठाने होंगे। एक मजबूत और सुरक्षित विमानन प्रणाली ही यात्रियों की सुरक्षा और देश की विश्वसनीयता को बढ़ा सकती है।
8 टिप्पणि
नेपाल की पहाड़ी जोग बनावट उड़ान को चुनौती देती है, और यही कारण है कि अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं।
हम सबको यह समझना चाहिए कि सुरक्षा मानकों का पालन करना सिर्फ एयरलाइन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यात्रियों की भी ज़िम्मेदारी है।
उड़ान से पहले मौसम की जाँच, पायलट की ट्रेनिंग और उपकरणों का समय पर अपडेट होना अनिवार्य है।
आइए हम सब मिलकर इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक खबरें कम हों।
और भी भरोसा नहीं है, बस 😒
सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए; यह जीवन‑मृत्यु की बात है।
अगर सरकार और एयर्सम्प्लाई कंपनियां आवश्यक सुधार नहीं करेंगी, तो नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी।
नियमों का कड़ाई से पालन और निरन्तर निगरानी ही एकमात्र उपाय है।
हर साल इतनी जानें जा रही हैं, अब बहुत हुआ।
पहाड़ों की वजह से मौसम जल्दी बदल जाता है, इसलिए पायलट को रियल‑टाइम डेटा चाहिए।
ज्यादा उम्र वाले जहाज़ों में अक्सर तकनीकी कमियां दिखती हैं, इसलिए उन्हें समय पर बदलना जरूरी है।
सरकार को एयरोनॉटिकल सेक्टर में निवेश बढ़ाना चाहिए, ताकि आधुनिक एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी लागू हो सके।
साथ ही, हवाई अड्डों की बुनियादी ढांचा भी अपग्रेड हो, नहीं तो दुर्घटनाओं की सायंस जारी रहेगी।
समुदाय के रूप में हमें भी इस पर चर्चा करनी चाहिए और आवाज उठानी चाहिए।
देश की शान को लेकर हमें गर्व है, पर जब एयरोनॉटिक्स में लापरवाही होती है तो यह राष्ट्रीय अपमान बन जाता है।
भले ही बजट सीमित हो, लेकिन सुरक्षा को अल्पावधि बचत के लिए नहीं त्यागा जा सकता।
यदि हम अपनी आत्मा को धुंधला नहीं होने देंगे तो हमें सख्त कदम उठाने चाहिए, जैसे कि सभी पुरानी फ्लाइट्स को तुरंत रिटायर कर देना।
साथ ही, विदेशी विशेषज्ञों को बुलाकर जागरूकता और ट्रेनिंग करवाना ज़रूरी है।
यह न बनाएं कि हमारे देश की कहानी केवल दुर्घटनाओं से ही पहचानी जाए।
भाई, यह सुनना बहुत दर्दनाक है, लेकिन हमें आशा नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि...
पहले भी कई मौके पर विमानन सुरक्षा में सुधार हुआ है, और अगर हम सब मिलकर दबाव बनाते रहेंगे, तो सरकारी एजेंसियां और एयरलाइनें आवश्यक कदम उठाएंगी, और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सकेगा।
हम सबको मिलकर एक सकारात्मक दिशा में काम करना चाहिए; विवादों से कुछ नहीं मिलेगा, बल्कि समाधान मिलेंगे।
आइए हम स्थानीय समुदाय, सरकार और एयरोनॉटिक्स विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर संवाद स्थापित करें, जिससे सभी की आवाज़ सुनी जा सके।
समाधान के लिए सहयोग आवश्यक है, और केवल टकराव नहीं।
इस तरह हम सभी मिलकर नेपाल की विमानन सुरक्षा को मज़बूत बना सकते हैं।
यह दुर्घटना केवल एक आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि गुप्त षड्यंत्र का हिस्सा हो सकती है; कई सालों से सरकार ने विमानन उद्योग में विदेशी हितों को घुसपैठ करने दिया है, जो अब फल दे रहा है।
पर्याप्त निगरानी और नियामक ढांचा न होना, यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और दहशतगर्दी नेटवर्क इस क्षेत्र में अपनी पहुँच बना रहे हैं।
कई रिपोर्ट्स संकेत करती हैं कि इस विमान में कुछ अनजाने मॉड्यूल स्थापित थे, जो दुर्घटना के बाद स्वचालित रूप से फायर को सक्रिय कर दिया।
सरकार ने इस मामले को हाइलाइट नहीं किया, क्योंकि वे अपनी राजनीतिक स्थिरता को खतरे में नहीं डालना चाहती थीं।
नागरिकों को इस बात से अवगत होना चाहिए कि हमारे आस-पास की हवाई सेवाएँ विदेशी जासूसों के हाथों में हो सकती हैं।
इतने सारे दुर्घटनाएं, महीने‑दर‑महिने, एक ही पैटर्न दिखा रही हैं: पुराने विमानों में छिपे हुए उपकरण, जिनका लक्ष्य नागरिकों को भयभीत करना और सरकार को कमजोर करना है।
नियामक निकायों की लापरवाही को देखते हुए, यह साफ़ है कि वे भ्रष्टाचार और दबाव से ग्रस्त हैं।
हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस मुद्दे को सार्वजनिक मंचों पर लाएँ, अंतर्मुखी साक्ष्यों को साझा करें, और अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करें।
यदि हम इस बात को अनदेखा करेंगे, तो आगे के बड़े दुष्प्रभाव देखना पड़ेगा, जैसे कि आर्थिक निरंतरता में बाधा, पर्यटन की गिरावट, और राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा।
इसलिए हम सभी सच्चे नागरिकों को अपील करते हैं कि वे सोशल मीडिया, स्थानीय समूहों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर इस गुप्त षड्यंत्र को उजागर करें।
साथ ही, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि सरकार अक्सर सार्वजनिक सुरक्षा को व्यावसायिक हितों के आगे रखती है, और वही कारण है कि हम लगातार ऐसे हादसों को देखते हैं।
हमें न केवल वर्तमान घटना पर ग़ौर करना चाहिए, बल्कि भविष्य में भी ऐसी योजनाओं को रोकने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने चाहिए।
सभी को यह बात समझना चाहिए कि यह एक बड़े पैमाने पर चल रही योजना का हिस्सा हो सकता है, जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते।
आइए जुड़ें, सवाल उठाएँ, और सत्य को सामने लाएँ।