
- 26 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
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फ्रेंच ओपन 2025 का पैनोरमिक दौरा
पेरिस की क्ले कोर्ट पर टेनिस का मौसम फिर से रोमांचक हो गया था। अलकाराज़ ने पहले राउंड में कई बार बचाव किया, लेकिन हर मैच में अपनी रीयल क्ले खेल को निखारा। उन्होंने सैम थ्रॉम्प को चौथे सेट में लम्बी टाई‑ब्रेक जीत कर 6‑3 से बाहर किया, फिर क्वार्टर में जस्टिन थॉमस को दो‑सेट से मात दे दी। इस दौरान उनका वार्षिक रिकॉर्ड 19‑0 बना, जो इस साल की सबसे बड़ी खींच-तान थी।
सेमीफ़ाइनल में उन्होंने अपने देशी प्रतिद्वंद्वी राफेल नडाल को 7‑5, 6‑4, 6‑2 से सख्ती से पराजित किया। नडाल की डरावनी लिफ्ट और साइडस्पिन ने कई बार अलकाराज़ को परेशान किया, परंतु युवा स्पेनिश ने अपनी सर्विसिंग रेंज और बैकहैंड की तीव्रता से हर बार जवाब दिया। इस जीत ने उन्हें फाइनल में एक आत्मविश्वास भरी बहाली दी, जहाँ उनका सामना विश्व नंबर 1 जैनिक सिंनर से होने वाला था।

पाँच‑सेट का दिग्गज मुकाबला और उसके बाद
फ़ाइनल की शुरुआत से ही सिंनर ने ऊपर पकड़ बना रखी। पहला सेट 6‑4 और दूसरा सेट टाई‑ब्रेक (7‑6, 4‑7) से जीतते हुए उन्होंने स्पेनिश आक्रमण को रोक लिया। दर्शकों को लगा कि अब दो सेट की कमी वाले अलकाराज़ को आगे का कोई रास्ता नहीं मिलेगा। लेकिन टेनिस का जादू अक्सर अप्रत्याशित मोड़ लेता है।
तीसरे सेट में अलकाराज़ ने अपना बैगेज सर्विस डिवाइस फिर से चालू किया, तेज़ एसी सर्व और तीव्र एंगल शॉट्स से सिंनर को उलझा दिया। 6‑4 की जीत ने मैच को एक नई दिशा दी। चौथे सेट में वह 5‑3 पर थे, फिर अपने सर्व पर 40‑0 हो गया और तीन लगातार चैंपियनशिप पॉइंट्स सामने आए। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि वह तीन पोइंट्स बचा पाए? हाँ, उन्होंने सभी को बचाते हुए टाई‑ब्रेक में प्रवेश किया और 7‑3 से जीत हासिल की। यह टुनाव पूरे कोर्ट में बिजली की तरह दौड़ गया।
पांचवें सेट में क्ले कोर्ट का सुपर‑टाई‑ब्रेक (10‑2) अलकाराज़ ने अपने अनुभव और शारीरिक फिटनेस के बल पर जीत लिया। इस जीत से उनका ग्रैंड स्लैम टाइटल पाँच बन गया, और इस साल उनका क्ले पर रिकॉर्ड 21‑1 हो गया।
सिनर के लिए यह पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल का हार था, जबकि उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन और यूएस ओपन दोनों जीत कर अपना नाम बनाया था। 20‑मैच की ग्रैंड स्लैम जीत की लहर इस फाइनल के बाद टूट गई। फिर भी उन्होंने तुरंत अलकाराज़ को बधाई दी, सम्मान दिखाते हुए कहा, "आपकी मेहनत और दृढ़ता ने हमें इस मंच पर लाया।" यह आपसी सम्मान इस नई अलकाराज़‑सिनर प्रतिद्वंद्विता में एक नया अध्याय लिखता है।
ऐसे मुकाबले इतिहास में कम ही होते हैं जहाँ दो युवा खिलाड़ी सात ग्रैंड स्लैम शीर्षक साझा करते हों। दोनों ने अभी तक 30‑से अधिक ग्रैंड स्लैम फाइनल नहीं खेले हैं, परंतु इस फाइनल ने उन्हें टेनिस के भविष्य के दिग्गज बना दिया। अगले साल के ऑस्ट्रेलियन ओपन में क्या ये दो फिर मिलेंगे? यह सवाल हर टेनिस प्रेमी के दिमाग में रहेगा।
अंत में, अलकाराज़ की भावनात्मक टिप्पणी को सुनकर सभी ने उनकी इंसानियत को सराहा। उन्होंने कहा, "मैं जानता हूँ तुम कितना मेहनत कर रहे हो, तुम कई बार चैंपियन बनोगे। तुम्हारे साथ कोर्ट पर खेलना मेरे लिए गर्व की बात है।" इस प्रकार एक रोमांचक, लंबी और यादगार लड़ाई ने टेनिस के प्यार को फिर से जगाया।