- 30 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
- 2
24 सितंबर 2025 को दिल्ली में मोनसून का औपचारिक अंत, 300 mm से अधिक वर्षा ने लाया राहत
24 सितंबर 2025 को दिल्ली में मोनसून का औपचारिक अंत, 300 mm से अधिक वर्षा ने गर्मी‑दर्द को कम किया और जल‑सुरक्षा को बेहतर बनाया.
दिल्ली‑NCR में मॉनसून आने से न केवल सड़कों पर पानी जमा होता है, बल्कि ट्रैफ़िक जाम, बस‑ट्रेन की असामान्य देरी और आवागमन में बाधाें आम हो जाती हैं। लोग अक्सर सुबह‑शाम के बीच फँस जाते हैं, जिससे ऑफिस‑ऑफ़िस पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, लगातार बढ़ती आर्द्रता (ह्यूमिडिटी) 70‑90% तक पहुंच सकती है, जिससे इनडोर वेंटिलेशन की जरूरत बढ़ जाती है। स्वास्थ्य के लिहाज़ से, फंगल एलर्जीज़ और अस्थमा वाले लोग अक्सर ब्रेस्ट दर्द या सांस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं। शहर की संकरी गली‑गली में पानी भरना, धारा बनना और नकदी-भरे नाली के सिस्टम को तनाव देना बाढ़ जोखिम, तेज़ बारिश के बाद उत्पन्न होने वाली जलभारी स्थिति को बढ़ा देता है। पिछले कुछ सालों में कई बार Delhi‑Gurgaon‑Noida कनेक्टिंग रोड पर जलभराव की घटनाएं रही हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ा।
इसे देखते हुए नगर योजना आयोग ने कई उपाय सुझाए हैं। पहली बात, जल निकासी प्रणाली को उन्नत करना, जैसे कि बॉक्स ग्रेडेड सड़कों का निर्माण और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का लागू करना। दूसरी बात, सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाना, जिसमें घर‑घर में जलरोधक बैरल रखने, बाढ़‑प्रोटेक्टेड बेसमेंट बनवाने, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ऊँचे स्थान पर रखने की सलाह दी जाती है। तीसरी टिप, स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से एयर क्वालिटी मॉनिटर करता है; इसलिए मौसमी वैक्सीन (जैसे टाइफ़ाइड) और एंटी‑ऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स लेने से इम्यूनिटी बढ़ती है।
अब आप सोच रहे होंगे, इस पेज पर क्या सामग्री मिल सकती है? आगे की सूची में आप Delhi‑Monsoon से जुड़े कई लेख पाएँगे: बारिश के दौरान सुरक्षित ड्राइविंग टिप्स, मौसम विज्ञान के नवीनतम मॉडल, बाढ़‑रोकथाम की सरकारी योजनाएँ, और स्थानीय बाजारों में मॉनसून‑सेवा वाले उत्पादों की रिव्यू। चाहे आप रोज़मर्रा की परेशानियों के समाधान चाहते हों या मौसमी बदलावों की गहरी समझ, यहाँ की क्यूरेटेड पोस्ट्स आपके लिए एक उपयोगी गाइड बनेंगी। पढ़ते रहिए और इस मौसम में दिल्ली को समझने की अपनी क्षमता बढ़ाइए।
24 सितंबर 2025 को दिल्ली में मोनसून का औपचारिक अंत, 300 mm से अधिक वर्षा ने गर्मी‑दर्द को कम किया और जल‑सुरक्षा को बेहतर बनाया.