
- 30 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
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जब इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 24 सितंबर 2025 को दिल्ली से मैनसून की वापसी की पुष्टि की, तो शहर की सड़कों पर हल्की राहत की लहर दौड़ गई। यह दिन क्लाइमेटोलॉजी डेटा (1971‑2019) के अनुसार सामान्य वापसी तिथि‑25 सितंबर के ठीक एक दिन पहले आया, जिससे 2024 के देर‑से‑आने वाले 2 अक्टूबर के विपरीत एक साफ‑सुथरी टाइमलाइन बन गई।
मॉनसून वापसी का कलेंडर और प्रक्रिया
इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट के अनुसार, मोनसून रिट्रीट लाइन 24 सितंबर को 37.5°N/73°E से 20.5°N/69°E तक फैली, जिसमें रम्पुर बुषहर, हरिद्वार, मुर्दाबाद, एटावा, बांसवाड़ा, वल्लभ विद्यानगर और वेरावल शामिल थे। इस हफ्ते के दौरान, 18‑19 सितंबर को दिल्ली में हल्की‑मध्यम वर्षा हुई, जबकि 20‑24 तक मौसम लगभग धूप वाला रह गया।
वापसी की प्रक्रिया धीरे‑धीरे शुरू हुई: 22 सितंबर तक गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कई हिस्से पहले ही मोनसून रेखा से बाहर हो चुके थे। फिर 24 तक शेष पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू‑कश्मीर के कुछ हिस्सों ने भी रिट्रीट को अपनाया।
वर्तमान मौसम का चित्र: तापमान, आर्द्रता और सूर्यप्रकाश
रिट्रीट के बाद, दिल्ली में दिन के दौरान अधिकतम तापमान 32‑34 °C और रात में न्यूनतम 23‑25 °C रहने की संभावना है – दोनों ही औसत से हल्के नीचे। भारत मौसम विभाग ने बताया कि यह घटित तापमान पिछले साल की तुलना में लगभग 1‑2 °C कम है, जिससे "हीट‑इंडेक्स" में भी कमी आएगी। आर्द्रता स्तर धीरे‑धीरे घट रहा है; शाम को ठंडी हवाएँ दक्षिण‑पूर्व या उत्तर‑पूर्व दिशा से 15‑20 km/h की गति से बहने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने दिल्ली में लगभग 12 घंटे का सूर्यप्रकाश मिलेगा, जिससे शहर में विद्युत‑लोड में हल्का दबाव कम होगा।
वर्ष भर के मौसम की तुलना और रिकॉर्ड
2025 की मॉनसून ने कुल 307.4 mm (लगभग 300 लीटर) वर्षा दर्ज की, जो सामान्य 250‑260 mm से 15‑20 % अधिक है। यह केवल राजधानी में नहीं, बल्कि उत्तरी भारत के कई क्षेत्रों में भी "सुरप्लस" वर्षा की पुष्टि करता है। पिछले साल, जबकि दिल्ली ने 2024 में 2 अक्टूबर तक मोनसून को धकेला, इस वर्ष रिट्रीट एक हफ्ता पहले ही पूरा हो गया – एक स्पष्ट संकेत कि मौसमी पैटर्न में बदलाव आ सकता है।
डॉ. अजय शर्मा, वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक, IMD, ने कहा, "बार-बार बंगाल की खाड़ी से आने वाले लो‑लेवल सिस्टम ने इस साल दिल्ली के ऊपर लंबी अवधि तक गीला माहौल बनाये रखा, जिससे कुल वर्षा में वृद्धि हुई।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि "यदि इस ट्रेंड को जारी रखा गया, तो अगले पाँच वर्षों में दिल्ली में औसत वार्षिक वर्षा में 5‑7 % की संभावित वृद्धि देखी जा सकती है।"

प्रभावित क्षेत्रों और लोगों की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय निवासियों को इस साल की अतिरिक्त वर्षा ने कई तरह से राहत दी। "पहले गर्मी में लगातार 45 °C तक तापमान रह जाता था, पर अब शाम को ठंडी हवा मिलती है," ने रहेश शर्मा, सेक्टर‑9 में रहने वाले नागरिक, बताया। उन्होंने कहा कि धूप में कम समय के कारण एयर‑कंडीशनर का बिल भी थोड़ा घटा।
कृषि दृष्टिकोण से, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान इस अतिरिक्त वर्षा से सराहना कर रहे हैं; फसल के लिए नमी का स्तर बेहतर हुआ, जिससे बुआई के दौरान बुवाई‑जमीन की तैयारी आसान हुई। वहीं, जल आपूर्ति विभाग ने कहा कि दिल्ली जल निगम को अब "सुरक्षित जल स्तर" पर पहुँचने की उम्मीद है, जिससे अगले कुछ महीनों में कुछ क्षेत्रों में जल कटौती की संभावना कम हो जाएगी।
पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञ भी सकारात्मक संकेत देख रहे हैं। दिसंबर‑जनवरी की यात्रा की योजना बनाने वाले पर्यटक अब "हरियाली और ठंडी हवा" के कारण दिल्ली को अपने गंतव्य में शामिल कर सकते हैं। इस समय शहर के बाग़ों में फूलों की बहार है, और एयर‑कंडीशनर वाले होटल कम भीड़भाड़ वाले मौसम का आनंद ले रहे हैं।
आगे का मौसम पूर्वानुमान और सुझाव
इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 25 सितंबर से 8 अक्टूबर के दो‑सप्ताह के विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया। उत्तर‑पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों में "बाद‑सामान्य" वर्षा की चेतावनी है, जबकि पूर्वी और केंद्र भारत में हल्की बूँदें बरस सकती हैं। बंगाल की खाड़ी में एक नई डिप्रेशन की संभावना है, जो मध्य भारत के कुछ हिस्सों में हल्की‑फुहार ला सकती है।
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि नागरिकों को हल्के कपड़े पहनते समय धूप के बचाव (टोपी, सनग्लास) का ध्यान रखें, क्योंकि सूरज की तेज‑तर्रार किरणें अब भी प्रबल हो सकती हैं। साथ ही, जल संरक्षण के लिए टंकी भरकर रखना और हरियाली की देखभाल जारी रखना फायदेमंद रहेगा।
मुख्य तथ्य
- IMD ने 24 सेप्टेम्बर 2025 को दिल्ली में मोनसून रिट्रीट की पुष्टि की।
- कुल वर्षा: 307.4 mm (≈300 लीटर), सामान्य से 15‑20 % अधिक।
- अधिकतम तापमान: 32‑34 °C, न्यूनतम: 23‑25 °C – दोनों ही औसत से नीचे।
- बंगाल की खाड़ी में संभावित डिप्रेशन, उत्तर‑पश्चिम में "बाद‑सामान्य" वर्षा।
- स्थानीय निवासियों और किसानों को हल्की ठंड, उचित नमी और जल‑सुरक्षा में लाभ।

Frequently Asked Questions
दिल्ली में मोनसून के रिट्रीट का मुख्य कारण क्या था?
IMD ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से लगातार आने वाले लो‑लेवल सिस्मिक सिस्टम ने इस साल दिल्ली के ऊपर वर्षा को लंबे समय तक बरकरार रखा, जिससे रिट्रीट प्रक्रिया सामान्य से थोड़ी तेज़ हुई।
क्या अतिरिक्त 300 mm वर्षा ने जल आपूर्ति में सुधार किया?
हाँ, दिल्ली जल निगम ने कहा कि टैंकों की जल‑स्तर अब सुरक्षित सीमा पर है, जिससे आगामी महीनों में जल‑संकट की संभावना काफी घट गई है।
भविष्य में किस प्रकार की बारिश की उम्मीद है?
आगे के दो हफ़्तों में उत्तर‑पश्चिमी भारत में "बाद‑सामान्य" बारिश की आशंका है, जबकि मध्य एवं पूर्वी भारत में हल्की बूँदें बरस सकती हैं। बंगाल की खाड़ी में एक नई डिप्रेशन बन सकती है, जो हल्की‑फुहार लाएगी।
इस मौसम परिवर्तन का पर्यटन पर क्या असर पड़ेगा?
पोस्ट‑मोनसून के समय में दिल्ली की हरियाली और ठंडी शामें यात्रा के लिये आकर्षक बन गईं। होटल और पर्यटन स्थल अब कम भीड़भाड़ वाले मौसम का लाभ उठाते हुए विशेष पैकेज पेश कर रहे हैं।
आगामी महीनों में नागरिकों को कौन से सावधानियां बरतनी चाहिए?
धूप के समय सनस्क्रीन और टोपी पहनें, हल्के कपड़े रखें, जल‑संभाल के उपाय अपनाएँ और मौसम चेतावनी पर नज़र रखें, विशेषकर अगर बाढ़ की संभावना रहे।
1 टिप्पणि
IMD द्वारा घोषित मोनसून रिट्रीट का औपचारिक अंत दिल्ली के निवासियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
यह न केवल तापमान में हल्की गिरावट लाता है, बल्कि जल आपूर्ति पर दबाव भी कम करता है।
प्रकाश के घंटे घटने के कारण ऊर्जा बिल में भी संभावित कमी देखी जा सकती है।
आगामी सप्ताह में मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना आवश्यक रहेगा।