- 30 सित॰ 2025
- Himanshu Kumar
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24 सितंबर 2025 को दिल्ली में मोनसून का औपचारिक अंत, 300 mm से अधिक वर्षा ने लाया राहत
24 सितंबर 2025 को दिल्ली में मोनसून का औपचारिक अंत, 300 mm से अधिक वर्षा ने गर्मी‑दर्द को कम किया और जल‑सुरक्षा को बेहतर बनाया.
जब बात भारत के इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट, राष्ट्रीय मौसम सेवा है जो दैनिक पूर्वानुमान, जलवायु रिपोर्ट और आपदा चेतावनी जारी करती है. Also known as IMD, it serves government, agriculture and general public with reliable data. इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट का काम सिर्फ बारिश‑की‑भविष्यवाणी तक सीमित नहीं, यह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने, वेंटिलेशन और ऊर्जा योजना बनाने, तथा मौसम‑संबंधी आपदा प्रबंधन में भी मदद करता है।
एक प्रमुख मौसम पूर्वानुमान, वायुमंडलीय स्थितियों का वैज्ञानिक विश्लेषण है जो तापमान, वर्षा, हवा और धुंध जैसी मूलभूत बातों को भविष्य में बताता है. यह पूर्वानुमान किसानों को फसल बुवाई‑समय तय करने, उद्योगों को उत्पादन‑शेड्यूल बनाते समय रिस्क कम करने और आम जनता को दैनिक योजना बनाने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर, हाल में दुबई क्रिकेट स्टेडियम में महिला क्रिकेट का पिच‑और‑मौसम विश्लेषण दिखाता है कि 33°C तापमान और 61% उमस कैसे खिलाड़ियों की रणनीति को बदल सकता है। इसी तरह, उत्तराखंड के 9 जिलों में रेड अलर्ट जारी होने पर स्कूल बंद कर देना, एक जटिल मौसम‑पूर्वानुमान के तुरंत लागू होने का प्रमाण है।
दूसरा अहम जलवायु परिवर्तन, लंबी अवधि में तापमान, वर्षा पैटर्न और समुद्री स्तर में बदलाव को दर्शाने वाली प्रक्रिया है. यह परिवर्तन मौसमी असंतुलन, अत्यधिक बाढ़, सूखे और गर्मी की लहरों को तेज़ करता है। भारत में गर्मी‑सीजन की लंबी अवधि और देर‑से‑बारिश की प्रवृत्ति सीधे IMD के मॉडलों पर असर डालती है, इसलिए विभाग लगातार नए डेटा को इंटीग्रेट करके भविष्य के जोखिम को कम करने की कोशिश करता है। इस कारण से, साल‑दर‑साल मौसम‑विज्ञान में नई तकनीकें – जैसे उपग्रह‑आधारित रिमोट‑सेंसर और एआई‑आधारित प्रेडिक्शन – को अपनाया गया है।
जब मौसम बदलता है, तो आपदा प्रबंधन, सतर्कता, पूर्व-चेतावनी, राहत‑कार्य और पुनर्प्राप्ति के लिए तैयार होने की प्रक्रिया है. IMD इस क्षेत्र में चेतावनी जारी करने, मॉनिटरिंग सेंटर को अपडेट रखने और स्थानीय सरकारों को रीयल‑टाइम डेटा प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली‑एनसीआर में लगातार भारी बारिश के कारण ट्रैफिक जाम और जलजमाव की स्थिति को देखते हुए, विभाग ने पहले से ही फिसलन‑रोकथाम उपायों का सुझाव दिया, जिससे कई लोगों ने जोखिम कम किया। इसी तरह, हाल ही में दक्षिण भारत में चक्रवात‑संबंधी चेतावनी ने समुद्र‑किनारे के शहरों को समय पर निकासी करने की मार्गदर्शिका दी।
इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट का काम सिर्फ डेटा इकट्ठा करना नहीं, बल्कि उसे जनता के लिए उपयोगी बनाना है। इसलिए, बारिश‑का‑शिड़ी, धूप‑का‑टाइमटेबल और तापमान‑चक्र जैसी जानकारी को मोबाइल ऐप्स, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर बिंदु‑बिंदु प्रकाशित किया जाता है। इससे लोग अपने दैनिक काम‑काज—जैसे यात्रा, खेती या स्कूल‑जाने—में बेहतर निर्णय ले पाते हैं। हमारे संग्रह में आप विभिन्न मौसम‑रिपोर्ट, जलवायु‑बदलाव के विश्लेषण, और आपदा‑चेतावनी के उदाहरण पाएँगे, जो सभी इंडिया मेटेरोलॉजिकल डिपार्टमेंट की निरंतर निगरानी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। यह ताज़ा लेख, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय आपके लिए एक ही जगह पर उपलब्ध है, जिससे आप मौसम‑सम्बंधित सभी सवालों के जवाब तुरंत पा सकेंगे।
अब आगे बढ़ते हैं और नीचे दिए गए लेखों में देखते हैं कि कैसे इस विभाग ने हाल की प्रमुख घटनाओं—जैसे उत्तराखंड की भारी बारिश, दुबई के क्रिकेट स्टेडियम की पिच‑और‑मौसम रिपोर्ट, और राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के आँकड़े—को कवर किया है। प्रत्येक लेख में विस्तृत डेटा, स्थानीय प्रभाव और संभावित समाधान शामिल हैं, जो आपके ज्ञान को बढ़ाने और रोज़मर्रा की योजना बनाने में मदद करेंगे।
24 सितंबर 2025 को दिल्ली में मोनसून का औपचारिक अंत, 300 mm से अधिक वर्षा ने गर्मी‑दर्द को कम किया और जल‑सुरक्षा को बेहतर बनाया.