झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जेल के बाहर सैकड़ों समर्थक उनकी स्वागत करने पहुंचे।
क्या जमीन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं? बहुत बढ़िया — पर पहले कुछ सीधा-सादा चेक कर लें ताकि बाद में धोखा न खाएँ। जमीन घोटाले आम हैं क्योंकि जमीन की कागजी स्थिति, अधिकार और रजिस्ट्रेशन अक्सर जटिल होते हैं। यहाँ मैं सरल भाषा में बताऊँगा कि कहाँ ध्यान देना चाहिए और यदि घोटाला हुआ तो क्या करना है।
सबसे पहले यह समझ लें कि जमीन घोटाले कई रूप लेते हैं: नकली दस्तावेज, एक ही जमीन की बार-बार बिक्री, जमीन पर बैंकों का लोन या बंधक छिपाना, नकली पावर ऑफ अटॉर्नी, और सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़। कभी-कभी प्लॉट बिना अनुमति के बेचा जाता है या जमीन फंसी हुई होती है (किसी मुक़दमे की वजह से)।
इनमें से कई से बचने के लिए शुरू से ही सही दस्तावेज़ों की पड़ताल ज़रूरी है। खरीदते समय लेखक से सीधे सवाल पूछिए और हर दावे के पीछे का सबूत माँगिए।
1) मालिक कौन है: विक्रेता की पहचान, आधार/पैन और उनके नाम पर जमीन के रजिस्ट्रेशन की असली कॉपी मिलान करें।
2) रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्री डीड: अंतर्मुख रूप से देखें कि विक्रेता का नाम रजिस्टर्ड डीड में दर्ज है या नहीं। सरकारी रजिस्ट्रेशन ऑफिस में जाकर रिकॉर्ड सीधा चेक कर लें।
3) Encumbrance Certificate (EC): यह दिखाता है कि जमीन पर कोई बंधक, लोन या लेनदेन पहले हुआ है या नहीं। EC का पूरा पीरियड देखें।
4) खसरा-खतौनी / ROR: गाँव या राजस्व कार्यालय से यह निकाले कि जमीन किसके नाम पर पंजीकृत है और पिछला हिसाब क्या है।
5) कर और बिल: संपत्ति कर, पानी और बिजली के बिल देखें—बकाया न हो।
6) नक्शा और अनुमति: अगर प्लॉट है तो नगर निगम/विकास प्राधिकरण से नक्शा और प्लॉट की मंजूरी जरूर चेक करें।
7) अदालत का रिकार्ड और विवाद: केस रिकॉर्ड देख लें; कोई पेंडिंग मामले तो नहीं।
8) सर्वे और सीमांकन: सर्वेयर से सीमारेखा नापवाएँ ताकि असल सीमा स्पष्ट हो।
इन चेक्स के बाद ही अग्रिम भुगतान करें। पेमेंट का पूरा हिसाब-किताब लिखित रूप में रखें और रसीद ले लें।
अगर घोटाला होने का शक हो तो फौरन ये कदम उठायें:
- पुलिस में FIR दर्ज कराएँ और संबंधित रजिस्ट्रेशन ऑफिस व राजस्व अधिकारी को सूचित करें।
- अपने वकील से मिलकर तत्काल न्यायिक आदेश (injunction) और संपत्ति को सील करने की मांग करें।
- Encumbrance और रजिस्ट्री रिकॉर्ड का नया सत्यापन कराएँ और RTI के जरिये आवश्यक जानकारी माँगें।
- डिजिटल सबूत सुरक्षित रखें: चैट, ईमेल, बैंक ट्रांज़ैक्शन की कॉपी, और रसीदें।
आखिरकार, एक छोटा लेकिन असरदार नुस्खा—सस्ता दिखे तो सावधान रहें। सुलाई हुई बातों पर भरोसा करने से बेहतर है कि आप एक स्थानीय वकील और सर्वेयर की मदद लें। थोड़ी सी मेहनत बचाव दे सकती है और भविष्य में बड़ा नुकसान टाल सकती है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जेल के बाहर सैकड़ों समर्थक उनकी स्वागत करने पहुंचे।