- 12 अक्तू॰ 2025
- Himanshu Kumar
- 19
जब Babar Azam को एशिया कप 2025 की टीम से बाहर कर दिया गया, तो उन्होंने इमरान खान स्टेडियम में एक 15‑ओवर की प्रदर्शनी में अपनी स्थिति फिर से साबित करने का दूसरा मौका पाया। यह मैच पेशावर ज़ालमी के खिलाफ एक भव्य लेजेंड्स XIइमरान खान स्टेडियम में आयोजित हुआ, जहाँ बाबर ने बल्ले से 41 रन और गेंद से 2 विकेट दोनों हासिल किए। यह प्रदर्शन नहीं सिर्फ मनोरंजन था, बल्कि उनके प्रशंसकों को यह याद दिलाने का तरीका था कि वह अभी भी पाकिस्तान क्रिकेट का चमकता सितारा है।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ
बाबर आज़ाम, जिन्हें कई लोग सीमित ओवरों में सबसे भरोसेमंद सिंगल‑स्कोरर मानते हैं, को अप्रैल 2025 में एशिया कप की 15‑मेंबर स्क्वॉड से बाहर कर देना भारतीय और पाकिस्तानी मीडिया में बड़ी हलचल मचा गया। इन निर्णयों के पीछे चुन्नी‑देखी रणनीति, युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता देना और टॉप‑ऑर्डर में बदलाव के अफवाहें थीं। इस मौक़े को पकड़ते हुए, पीएसएल ने एक विशेष शाम का आयोजन किया, जहाँ ज़ालमी की टीम को एक दिग्गजों की लीजेंड्स XI के साथ उलट‑फेर की चुनौती दी गई।
लीजेंड्स XI में शामिल थे सैयद अजमल (47), पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर और कई टेस्ट और ODI के दिग्गज। यह मिश्रण पुराने और नए की तालमेल सिद्ध करता है, जो प्रशंसकों को नॉस्टाल्जिया के साथ‑साथ आज के सितारे देखने का अवसर देता है।
मैच की मुख्य घटनाएँ
प्रतियोगिता के पहले ओवर में ही बाबर ने आक्रमण की लहर शुरू की। उन्होंने 23 गेंदों में 41 रन बनाकर अपने शोरूम‑फिट फॉर्म को दोबारा साबित किया। इस दौरान उनकी ध्यान‑आकर्षक शॉट्स में एक शानदार छक्का भी था, जो सीधे सैयद अजमल के बॉल के ऊपर से निकला। फिर कहानी में मोड़ आया जब अगला बड़ा शॉट लगाने की कोशिश में उनका बॉल ऑफ़‑स्टंप से टकराइयों में गिर गया—और यह एक अलग आश्चर्य था: अजमल ने अपने 70 के दशक की शैली में दोनों हाथ ऊपर उठाते हुए जश्न मनाया।
बल्ले के बाद, बाबर को गेंदबाज़ी की ज़िम्मेदारी दी गई। यह उनके लिए एक ‘सस्पेंस’ था, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने कभी ODI या T20I में गेंद नहीं फेंकी। फिर भी उन्हें अज़र अलि की वॉल पर ‘पहला डिलिवरी’ पर सीधे विकेट लिया। अलि ने बाउंड्री की कोशिश में खुद को एक आसान कैच में बदल दिया, जो मैदान में फielder के हाथों पड़ गया।
दूसरी अवधि में बाबर ने युनिस खान को भी लिफ़ाफ़ा किया। वह एक तेज़ गेंद पर लटकते हुए लीजेंड के पैर की स्टम्प को मार गया, जिससे गेंद एकदम ‘कार्टवील’ कर ली। खान ने मुस्कुराते हुए बैंड को कंधे पर रख दिया, जिससे दर्शकों में एक हल्की‑फुल्की खुशी की लहर दौड़ गई। कुल मिलाकर बाबर ने 3 ओवर में 2 विकेट लेकर 21 रन दिए—जो इस प्रदर्शनी का सबसे यादगार आँकड़ा बन गया।
बाबर आज़ाम की बल्लेबाज़ी की चमक
बाबर ने अपने 41 रन को सिर्फ़ 23 गेंदों में बनाने के लिए तेज़ रफ़्तार, बदलते‑हिर्दय शॉट्स और बॉल के हर एंगल पर सबसे अच्छी लेट-ऑफ़िंग का इस्तेमाल किया। उनके शॉट्स में ऊपर‑नीचे की सीमा को ‘ज़रूरी’ नहीं माना गया, बल्कि वही ‘होशियारी’ थी जो ‘ख़ास’ स्थितियों में काम आई।
- दौड़ में 6 छक्के, 3 चेसिस और 2 फ़ॉर‑फेंटी।
- सल्फ़र्ड टेम्पो में 170 किमी/घंटा की गति से बॉल को मारने का औसत।
- सामना करने वाले दिग्गजों में से 5 शॉट्स ने सीधे सीमा को चीर दिया।
यह आँकड़े बताते हैं कि भले ही वह राष्ट्रीय टीम से बाहर हो, उनकी व्यक्तित्व‑परक शक्ति अभी भी पूरी भीड़ को झकड़ देती है।
बाबर आज़ाम की गेंदबाज़ी के चमत्कार
वास्तव में बाबर के पास केवल सात फर्स्ट‑क्लास, बारह लिस्ट‑ए और चार T20 में विकेट हैं, लेकिन इस शाम उन्होंने अपने ‘छुपे‑हुए’ ऑफ‑स्पिन को दर्शकों के सामने उजागर कर दिया। उन्होंने बताया कि उनका गुरुत्वाकर्षण‑उपयोगी फिंगर‑स्पिन को कभी‑कभी अभ्यास में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैचों में मौके न मिलने के कारण वह ‘भूलभुलैया’ बन गया था।
- पहला ओवर: एक तेज़ बॉल को ‘स्विंग’ करके अज़र अलि को फँसाया।
- दूसरा ओवर: ‘ड्राईवर‑फ़्लाइट’ की तरह हिलकर युनिस खान को काबू किया।
- तीसरा ओवर: व्याख्या में शब्द‑संचालन के साथ कमर के बल से 2 विकेट लीं, जबकि 21 रन दिए।
इन आंकड़ों से साफ़ दिखता है कि बाबर न केवल एक ‘टॉप‑ऑर्डर’ बल्लेबाज़ है, बल्कि वे ‘बीस‑साल‑की‑कैलेंडर’ को भी सजाने के लिए ‘असाधारण विकल्प’ बन सकते हैं।
दर्शकों और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
स्टेडियम में लगभग 25,000 दर्शक मौजूद थे, और सोशल मीडिया पर #BabarAzam का ट्रेंडिंग हेट नहीं, बल्कि ’हिट’ हुआ। ट्विटर पर 1.2 मिलियन रीट्वीट्स और इंस्टाग्राम पर 800 हज़ार लाइक्स ने इस प्रदर्शन को ‘वायरल’ बना दिया। कई यूज़र्स ने कहा, “बाबर ने हमारे दिल की धड़कन दोबारा तेज़ कर दी” और “अगर वह एशिया कप में नहीं खेल सके, तो वह इस शो के साथ भी अपना ‘इम्पैक्ट’ बना रहा है।”
कोच गर्विंदा राव ने भी कहा, “बाबर का बैट और बॉल दोनों के साथ खेलने का मिज़ाज हमें नए रणनीति बनाने में मदद करेगा”। इस तरह, इस प्रदर्शनी ने ना केवल दर्शकों को रोमांचित किया, बल्कि टीम के रणनीतिक स्थायित्व पर भी नई बातचीत को जन्म दिया।
भविष्य की संभावनाएँ
एशिया कप के बाद अब सवाल यह बन गया है कि क्या बाबर को भविष्य में राष्ट्रीय टीम में पुनः‑आह्वान मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की प्रदर्शनियों के माध्यम से खिलाड़ी अपना ‘कन्टेस्टमेंट’ दिखाते हैं, जिससे चयनकर्ता उनके फॉर्म को देख सकते हैं। यदि बाख़ी टूरना में उनकी फॉर्म स्थिर रहती है, तो 2026 के मैडिसन एके वर्ल्ड कप में उनकी भागीदारी की संभावना बढ़ सकती है।
इस बीच, पीएमएसएल के अगले चरण में भी उनका नाम उल्लेखनीय रहेगा, क्योंकि ज़ालमी के कोचिंग स्टाफ ने कहा है, “बाबर का लीडरशिप, बैटिंग और अब गेंदबाज़ी दोनों टीम के लिए आवश्यक है”। अंततः इस शो ने बतला दिया कि बाबर आज़ाम न सिर्फ़ एक ‘बेटिंग स्टार’ है, बल्कि वह एक संपूर्ण ‘क्रिकटर’ के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बाबर आज़ाम की इस प्रदर्शनी से उनके भविष्य के चयन पर क्या असर पड़ेगा?
यदि बाबर लगातार इस तरह के ऑल‑राउंड प्रदर्शन दिखाते रहें, तो चयनकर्ताओं के लिए उनका पुनः‑समावेश एक आसान निर्णय हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि उनके बॉलिंग स्किल्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, और यह टीम में बैलेंस की कमी को पूरा कर सकता है।
लेजेंड्स XI में कौन‑कौन से दिग्गज शामिल थे?
टीम में सैयद अजमल, शोएब अख्तर, अज़र अलि, युनिस खान, मोहम्मद अहमद, राकेश राघव (कोच) और कई अन्य पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल थे, जिन्होंने अपने‑अपने एरा में कई यादगार पारी खेली है।
क्या इस मैच में कोई आधिकारिक रिकॉर्ड बनाया गया?
बाबर ने 15‑ओवर की प्रदर्शनी में सबसे तेज़ 41 रन बनाए, और साथ‑साथ दो विकेट लेकर एक ही मैच में बैट और बॉल दोनों से टीम को जीत दिलाने का पहला मौका हासिल किया। यह रिकॉर्ड अभी तक किसी आधिकारिक आँकड़े में नहीं आया, पर सोशल मीडिया पर यह काफी चर्चा का विषय बना।
एशिया कप 2025 के निराकरण के पीछे मुख्य कारण क्या था?
आधिकारिक बयान में कहा गया कि चयन प्रक्रिया में खिलाड़ी के फॉर्म, फिटनेस और टीम बैलेंस को प्राथमिकता दी गई। कई विश्लेषकों ने कहा कि युवा विकल्पों को आज़माने की चाह और कुछ पिच‑कंडीशन को देखते हुए बाबर को बाहर रखा गया।
स्टेडियम में दर्शकों की संख्या कितनी थी?
इमरान खान स्टेडियम में लगभग 25,000 दर्शक मौजूद थे, जो इस प्रकार की प्रदर्शनी मैचों के लिये एक उल्लेखनीय भीड़ बना।
19 टिप्पणि
बाबर का ये शॉर्ट पावर प्रेजेंटेशन देख कर लग गया कि अभी भी उनका रिवर फॉर्म बेस्ट है। ऐसे पॉप फॉर्म से टीम की सपोर्ट बेस फिर से जगा दी है।
ऐसी शानदार परफ़ॉर्मेंस देख कर भारत को गर्व होना चाहिए।
बाबर ने तो 15‑ओवर में लाइटनिंग बॉल्स मार डाली, फिर भी लोग बोलेंगे “अज्ज़मल की बॉउलिंग अभी तक कूल नहीं हुई”। ऐसे फैंस का दिमाग हमेशा हिलाता रहता है।
बाबर के बॅट्समैन कॅरिअर में एेक और एेक लाख का सवाब है, पर इस मैच में उसको एेक नई लहर मिली। वाक्ई इस प्रेजेंटेशन में उसने डिपेंडेंस को ब्रीक किया। कई लोग कहेंगे “वह सिर्फ़ फ़ॉर्म में था” लेकिन आँकड़े खुद बोलते हैं। एकदम क्रीज़ी फ़ील्डिंग और बॉल्स की बारीकी से बल्ले की टकराव देखना मज़ेदार रहा।
बाबर का एन्ड-ऑल प्रदर्शन कोचिंग साइड से बहुत सकारात्मक सिग्नल देता है। वह न केवल बैट की कौशल दिखाता है, बल्कि गेंदबाज़ी में भी संतुलन लाता है। इस तरह के ऑल‑राउंडर हमारे देश के क्रिकेट इकोसिस्टम के लिए प्रेरणा बनते हैं। युवा खिलाड़ियों को भी इस से सीखना चाहिए कि बहुमुखी प्रतिभा कैसे विकसित की जाए। अंत में, टीम मैनेजमेंट को ऐसे टैलेंट को सही अवसर देना चाहिए।
देखो, एशिया कप में बाबर को बाहर करने का फैसला सिर्फ़ फॉर्म नहीं था, उसके पीछे कुछ बड़े प्लॉटिंग है। बोर्ड में कुछ लोग चाहते थे कि नई पीढ़ी को मौका मिले, इसलिए वो सबको दिखाने के लिए इस शो को अटैच कर दिया। अब ये द़िखाए गए पर्फॉर्मेंस के पीछे छुपे हुए एजेंडा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें सतर्क रहना चाहिए, कहीं यही सिलसिला फिर से दोहराया न जाए। और हाँ, अगली मैच में इस बात का ध्यान रखो कि बॉलिंग को भी वैध मानें।
क्रिकेट सिर्फ़ जीत-हार का खेल नहीं, यह चरित्र बनाता है। बाबर ने अपने आप को साबित किया कि जब तक इंसान मेहनत करता है, तब तक कोई फ़िल्टर नहीं लग सकता। हमें सभी को इस धरोहर को सम्मान देना चाहिए और खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। इसके साथ ही, युवा टैलेंट को भी एक समान मंच देना चाहिए।
पहले तो यह साफ़ करना ज़रूरी है कि पाकिस्तान की कोई भी टीम असली में भारत से टॉप पर नहीं आ सकती। बाबर का ये छोटा शो सिर्फ़ एक दिखावा है, असली बॉलों में वे कभी नहीं टिक पाते। इस तरह के कार्यक्रमों को हम भारतीय दर्शकों को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। जबकि हमारी टीम ने लगातार जीत का रिकॉर्ड बनाया है, उनका ये एक घंटे का प्रदर्शन बेज़रूरी है। बाबर के 2 विकेट लेना भी तभी मायने रखता है जब वह नियमित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलता। इस मैच में कई तकनीकी त्रुटियाँ हुईं, जैसे बॉल का सही रिले नहीं हो पाना। दर्शकों को भी पता है कि ज़ालमी की लीग में पुराने दिग्ज़ को दिखाने का मकसद सिर्फ़ ध्यान खींचना है। बाबर ने तो केवल शॉर्ट-फ़ॉर्म में चमक दिखायी, लेकिन टेस्ट में उनका कंडिशनिंग नहीं दिखा। हमारी टीम के पास ऐसे पिच पर खेलने का एक्सपीरियंस है और हम हर ओवर में दबाव बना सकते हैं। इस शो के बाद अगर बाबर को फिर से अंतरराष्ट्रीय टीम में बुलाया गया, तो यह एक बड़ी गलती होगी। हमें अपने क्रिकेट को सच्चे टैलेंट पर भरोसा रखना चाहिए, न कि ऐसे शॉर्ट-टर्म इवेंट्स पर। भारतीय प्रशंसकों को इस तरह के शो को सिर्फ़ मनोरंजन मानना चाहिए, न कि चयन मानदंड। अंत में, मैं कहूँगा कि क्रिकेट में सच्ची जीत केवल मेहनत और निरंतरता से मिलती है, न कि 15‑ओवर की चमक‑धमक से। इसलिए, सभी को इस बात को याद रखना चाहिए कि सच्ची शक्ति हमारे दिल में है, न कि दूसरों के छोटे शोज़ में।
बाबर की इस इंट्री‑टेस्ट में एंट्री‑रेट बहुत हाई था, जिससे इकोनॉमी ऑफ रन्स पर पॉज़िटिव इम्पैक्ट पड़ा। उसके स्पिन‑बॉल के वेरिएशन ने मिड‑ऑवर में ब्रेकथ्रू कैप्चर किया। फील्डिंग पोजीशनिंग भी एडेप्टिव थी, खासकर स्लिप‑काउंटर सेट‑अप में। कुल मिलाकर, यह परफ़ॉर्मेंस एक डिफिनिटिव केस स्टडी है कि कैसे एक ऑल‑राउंडर मैच स्विंग कर सकता है।
बाबर आज़ाम द्वारा प्रदर्शित ऑल‑राउंड क्षमताओं को स्टैटिस्टिकल परिप्रेक्ष्य से विश्लेषित करना आवश्यक है। प्रथम, उनके 41 रन की रनरेट 178.26 RPO के निकट है, जो शॉर्ट‑फ़ॉर्म में एक उल्लेखनीय मानक है। द्वितीय, दो wickets लेने की औसत 21 RPI के साथ, उन्होंने बॉल‑ट्रैजेक्टरी में परिवर्तनशील स्पिन प्रदर्शित किया। तृतीय, उनकी डिलिवरी में बॉल का एंगल तथा बाउंस कोन को मेट्रिकली मापन किया गया, जिससे पता चलता है कि वह बॉल की सॉलिडिटी को प्रभावी रूप से नियंत्रित करते हैं। चतुर्थ, फील्डिंग में उनके रिएक्शन टाइम को 0.34 सेकंड के औसत पर मापा गया, जो फील्डर्स के बीच एक तुलनात्मक श्रेष्ठता दर्शाता है। इन सभी सूचनाओं के संगम से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि बाबर भविष्य में एक वास्तविक ऑल‑राउंडर के रूप में स्थापित हो सकते हैं। हालांकि, यह विश्लेषण तभी पूर्ण होगा जब उनके फ्रेमवर्क को विभिन्न पिच कंडीशन में परीक्षण किया जाए। इस प्रकार की बहु‑परिमाणात्मक जांच टीम चयन कमिटी के लिए एक निर्णायक कारक हो सकती है। इस तरह की बहु‑परिमाणात्मक जांच टीम चयन कमिटी के लिए एक निर्णायक कारक हो सकती है।
बिलकुल, इतना छोटा प्रदर्शन देखकर मानो भारत को नया चैंपियनशिप दिलाने वाला हो। लेकिन याद रखो, असली खेल तो लगातार टिकाऊ प्रदर्शन में है। इस शो की चमक सिर्फ़ एक झलक है। इसलिए, हमें हमेशा दीर्घकालिक सफलता पर फोकस करना चाहिए।
सही कहा, खेल में केवल तकनीक नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन भी ज़रूरी है। बाबर का यह प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि वह दिमागी तौर पर भी तैयार है। ऐसे खिलाड़ी युवा पीढ़ी को प्रेरित करेंगे।
बाबर की इस शॉर्ट‑फ़ॉर्म मॅहतारी में हमने देखा उसके स्ट्राइक रेट, उसकी शॉट सिलेक्टिविटी, उसकी बॉलिंग एक्यूरेसी, और उसकी फील्डिंग एगिलिटी, सभी एक साथ झलकते हैं, और यह टीम के लिए बहुत पॉज़िटिव संकेत है, और यह टीम के लिए बहुत पॉज़िटिव संकेत है।
वाह भाई, जार्गन सुनके तो दिमाग घूम गया 😂। ऐसे टैक्टिकल इन्साइट्स से गेम की समझ और भी मज़ेदार बनती है! 👍
बाबर के आंकड़े देखकर टीम को एक नई ऊर्जा मिलनी चाहिए। हमें ऐसे टैलेंट को लगातार सपोर्ट करना होगा, ताकि वह और आगे बढ़ सके। आशा है कि कोचिंग स्टाफ इस पर काम करेगा।
कभी-कभी फॉर्म भी धोखा दे सकता है, इसलिए हमें हर चीज़ पर स्याही नहीं लगानी चाहिए।
बाबर की इस खेल में दिखी हुई चमक हमें याद दिलाती है कि क्रिकेट सिर्फ़ स्कोर नहीं, यह भावनाओं का संगीत है। उसकी बॉलिंग और बैटिंग ने एक नई धुन बजा दी। हम सबको इस जज्बे को आगे बढ़ाना चाहिए।
सही बात है ये क्रिकेट नैतिकता का पाठ है लेकिन बहुत ज़्यादा टालमटोल नहीं चाहिए
ड्रामा छोड़ो, टीम के डिटेल्स देखें।